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भारत
राजनीति
CAA विरोध : जामिया नगर के जोगाबाई एक्सटेंशन का हाल
हर गली-नुक्कड़ पर लोग इसी को लेकर चर्चा कर रहे हैं। यहां के लोगों ने भी इस कानून के विरोध में अपनी-अपनी दुकानें रविवार और सोमवार को बंद रखी। उनका कहना है कि ये क़ानून संविधान विरोधी है।
एम.ओबैद
18 Dec 2019
JAMIA

 

जामिया नगर के जोगाबाई एक्सटेंशन में भी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी को लेकर खूब चर्चा है। हर गली-नुक्कड़ पर लोग इसी को लेकर चर्चा कर रहे हैं। यहां के लोगों ने भी इस कानून के विरोध में अपनी-अपनी दुकानें रविवार और सोमवार को बंद रखी। यहां के दुकानदार और स्थानीय निवासी सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ विरोध दर्ज करने के लिए प्रदर्शनों में भी शामिल हुए। लोगों का मानना है कि नागरिकता संशोधित क़ानून देश के संविधान के ख़िलाफ है इसलिए वे प्रदर्शन में शामिल होकर अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं।

जामिया नगर मुस्लिम आबादी वाला विशाल क्षेत्र है। यह जामिया मिल्लिया इस्लामिया से सटा हुआ है। यह क्षेत्र आवासीय होने के साथ-साथ व्यावसायिक भी है। लोग अपनी ज़रूरत की लगभग सभी चीजें यहां के बाज़ार से ही ख़रीदते हैं। सीएए और एनआरसी को लेकर जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन की ख़बर इस इलाक़े को लोगों को मिली जिसके बाद यहां के लोग भी प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जामिया नगर के विभिन्न क्षेत्रों शाहीन बाग़, बटला हाउस और अन्य क्षेत्रों में पहुंच गए।

रविवार को सुबह के समय लोगों के प्रदर्शन में जाने की सुगबुगाहट देखी जा रही थी। दोपहर होते होते इलाक़े की सभी दुकानें बंद हो गई और स्थानीय लोग जिनमें दुकानदार भी शामिल थें वे प्रदर्शन स्थल की तरफ जाने लगे। इलाके से कई जुलूस निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। दवा को छोड़कर बाकी सारी दुकानें बंद थीं जिसके चलते रोज़मर्रा की वस्तुएं ख़रीदने के लिए स्थानीय लोग परेशान दिखे। कहीं-कहीं किराना की दुकान खुली मिली जिस पर लोग बड़ी तादाद में खड़ें होकर सामान लेने के लिए अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे।

होटल बंद होने से लोग परेशान

इस इलाक़े में बड़ी तादाद उन लोगों की भी है जो खाने पीने के लिए होटलों पर निर्भर हैं। इनमें छात्र, मज़दूर और अन्य लोग हैं जिनके परिवार गांव में रहते हैं। इनमें से ज़्यादातर लोगों के घर में खाना बनाने कोई इंतज़ाम नहीं है जिसके चलते वे खाना होटलों में खाते हैं। होटल बंद होने से लोग परेशान हुए। हालांकि अब हालात सामान्य हो रहे हैं।

एटीएम में पैसे नहीं

जोगाबाई और जोगाबाई एक्सटेंशन इलाक़े में विभिन्न बैंकों के लगभग 10-15 एटीएम है। रविवार दोपहर तक कुछ एटीएम में पैसे थे। नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन के चलते यहां के एटीएम में पैसे नहीं डाले गए जिसके चलते लोग पैसा निकालने के लिए एक एटीएम से दूसरे एटीएम जाते हुए दिखे।

ऑनलाइन सामानों की डिलीवरी रही बंद

जामिया नगर में हुई हिंसक झड़प को देखते हुए ई-कॉमर्स कंपनियों ने इस इलाक़े में सामानों को डिलीवरी नहीं की। इलाक़े के रहने वाले शहरोज बताते हैं, ‘मैंने शनिवार देर रात ऑनलाइन जैकेट बुक किया था जिसकी डिलीवरी रविवार को होनी थी जो मंगलवार तक नहीं हो पाई है।’

स्कूल रहे बंद

सीएए के ख़िलाफ़ तेज़ होते विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली सरकार जामिया नगर सहित अन्य इलाक़ों की सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को सोमवार को बंद रखने का आदेश दिया था। जोगाबाई एक्सटेंशन के भी सभी स्कूल सोमवार को बंद रहे लेकिन कुछ प्राइवेट स्कूल को सुरक्षा के मद्देनज़र मंगलवार को भी बंद रखा गया।

गलियों में रही भीड़

प्रदर्शन में शामिल होकर लौटे लोग रविवार रात को जगह जगह पर समूह में बातचीत करते हुए खड़े दिखाई दिए। वे एनआरसी और सीएए को लेकर बात कर रहे थे। नाम न लेने की शर्त पर एक व्यक्ति कहते हैं, “नागरिकता संशोधन क़ानून पूरी तरह संविधान के ख़िलाफ़ है। अगर आप नागरिकता दे रहे हैं तो सभी धर्म के लोगों को दीजिए। किसी विशेष धर्म के लोगों को नागरिकता देना और विशेष धर्म के लोगों नागरिकता नहीं देना संविधान के ख़िलाफ़ है। नागरिकता देने का आधार धार्मिक नहीं होना चाहिए। हिंदुस्तान की आज़ादी में सभी धर्म के लोगों ने भाग लिया है। हर किसी का लहू शामिल है इस देश की मिट्टी में। हिंदुस्तान की एकता को बांटने की कोशिश नहीं होनी चाहिए और यह किसी भी हाल में सफल नहीं होने दी जाएगी। हर धर्म के लोग आपस में भाई हैं।”

हायर सेकेंड्री में पढ़ने वाले छात्र कहते हैं, “ये क़ानून लोगों को आपस में बांटकर शासन करने वाला क़ानून है। सरकार की पॉलिसी अंग्रेज़ों वाली है। आपस में लोगों को बांटकर ये शासन करना चाहती हैं। ये अपने मकसद में सफल नहीं हुए। सीएए का विरोध हर धर्म के लोग कर रहे हैं। इसमें सिर्फ मुस्लिम ही शामिल नहीं हैं। ये क़ानून संविधान के ख़िलाफ़ है इसलिए समझ रखने वाले लोग इसका विरोध कर रहे हैं और आगे भी उस वक्त तक करते रहेंगे जब तक इसे वापस नहीं ले लिया जाता है।”

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