NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
सिर्फ़ 12 मिनट के लिए कोर्ट में पेश हुए जूलियन असांज
असांज की क़ानूनी टीम ने कोर्ट और जेल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि उन्हें इस मामले में सबूत पेश करने लिए उचित समय नहीं दिया गया।
पीपल्स डिस्पैच
15 Jan 2020
ASSANGE

विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज अमेरिका द्वारा अपने प्रत्यर्पण के ख़िलाफ़ मुक़दमा लड़ रहे हैं, जिसमें 23 जनवरी गुरुवार की प्रारंभिक सुनवाई में उन्हें अपने ख़िलाफ़ सबूतों की जांच करने के लिए सिर्फ़ 1 घंटे का समय दिया जाएगा। बता दें कि इससे पहले 13 जनवरी को हुई सुनवाई में उनके वकील को सिर्फ़ 12 मिनट का समय दिया गया था। जज वानेसा बरेट्सर ने बेलमर्श जेल प्रशासन के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करने का भी समय डिफेंस को नहीं दिया था।

असांज की गरेथ पीयर्स के नेतृत्व वाली डिफेंस टीम ने आरोप लगाया है कि बेलमार्श जेल प्रशासन ने उन्हें असांज से मिलने का बहुत कम समय दिया। उन्होंने कहा कि 19 दिसम्बर को हुई पिछली सुनवाई के बाद से अब तक सिर्फ़ 2 घंटे का समय दिया गया है।

डिफेंस ने तर्क दिया कि इस तरह की बन्दिशें असांज को एक क़ैदी और एक डिफ़ेंडेंट के तौर पर मिले अधिकारों का हनन है। जज ने इस शिकायत ने इस शिकायत के बारे में ना कुछ कहा, और ना कुछ किया, बस अगली सुनवाई की तारीख़ 23 जनवरी तय कर दी गई।

मीडिया से बात करते हुए, डिफेंस ने कहा कि फ़ैसले की तारीख़ पहले 14 जनवरी थी, जिसे आख़िरी समय पर बदल कर 13 जनवरी कर दिया गया था। इस वजह से डिफेंस टीम बेलमार्श में असांज से मिलने के लिए 14 जनवरी, मंगलवार की अर्ज़ी नहीं दे पाई; जो पहले सुनवाई की तारीख़ होने वाली थी।

विकिलीक्स के एम्बेस्डर जोसफ़ फ़रेल ने कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा, "जूलियन को अपने वकीलों से मिलने के लिए बेहद कम समय दिया गया।"

असांज 23 जनवरी को फिर से कोर्ट के सामने पेश किए जाएंगे, जिसके बाद 24 फ़रवरी से प्रत्यर्पण की पूरी सुनवाई शुरू की जाएगी। उनकी यह सुनवाई ब्रिटेन में अमेरिका पर जासूसी के आरोप में हो रही है। जूलियन असांज इन आरोपों को झुठला चुके हैं और अमरीका के इस मुक़दमे को अभिव्यक्ति और सूचना के अधिकार का हनन क़रार दिया है।

 

Julian Assange
Belmarsh Prison
wikileaks
Joseph Farrell
Vanessa Baraitser

Related Stories

ब्रिटेन की कोर्ट ने जूलियन असांज के अमेरिका प्रत्यर्पण की अनुमति दी

ज़ोर पकड़ती  रिहाई की मांग के बीच जूलियन असांज नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित

पत्रकारिता एवं जन-आंदोलनों के पक्ष में विकीलीक्स का अतुलनीय योगदान 

वे उन्हें मार रहे हैं : असांज की 'स्लो डेथ' खसोगी की याद दिलाती है

जूलियन असांज का न्यायिक अपहरण

मानवाधिकार दिवस पर ब्रिटेन के कोर्ट ने जूलियन असांज के अमेरिका प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दी

क्यों जूलियन असांज पर अमानवीय मुक़दमा हम सबके लिए अन्याय है

असांजे मामले के एक प्रमुख गवाह ने झूठ बोलने की बात स्वीकार की

स्टीव बैनन और भ्रष्ट अधिकारियों को आख़िरी समय में ट्रंप ने माफ़ किया

यूके के न्यायाधीश ने असांजे को ज़मानत देने से इनकार किया


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License