NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
राष्ट्रपति कोविंद विशेष ट्रेन से यूपी में अपने जन्मस्थान की यात्रा पर निकले
पिछले 15 साल के अंतराल के बाद कोई वर्तमान राष्ट्रपति ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं। वैसे प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और उनके बाद राष्ट्रपति बनने वालों ने भी देश के लोगों के साथ जुड़ने के लिए ट्रेन के सफर को प्राथमिकता दी है।
भाषा
25 Jun 2021
 President of India
फ़ोटो साभार: President of India/Twitter

नयी दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को एक विशेष ट्रेन से उत्तर प्रदेश स्थित अपने जन्म स्थान की यात्रा पर निकले जहां वह अपने स्कूल के दिनों के और अपनी समाज सेवा के शुरुआती दिनों के परिचितों के साथ संवाद करेंगे।

पिछले 15 साल के अंतराल के बाद कोई वर्तमान राष्ट्रपति ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं।

राष्ट्रपति भवन ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ राष्ट्रपति कोविंद दिल्ली में सफदरजंग रेलवे स्टेशन से कानपुर के लिये एक विशेष ट्रेन पर सवार हुए। ट्रेन कानपुर देहात के दो स्थानों झिंझक और रूरा पर रुकेगी और शाम को कानपुर सेंट्रल पहुंचेगी । ’’

राष्ट्रपति भवन द्वारा ट्वीट के साथ जारी चित्र में रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी देखा जा सकता है।

राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद पहली बार अपने जन्मस्थान जा रहे हैं। उन्होंने पहले भी यहां की यात्रा की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते यह योजना अमल में नहीं आ सकी।

इससे पहले राष्ट्रपति भवन ने कहा था कि ट्रेन में चढ़ने के साथ ही राष्ट्रपति अपनी पुरानी स्मृतियों को ताजा करेंगे, जिनमें उनके बचपन से लेकर देश के शीर्ष संवैधानिक पद तक पहुंचने तक का सात दशक का जीवनकाल शामिल होगा।

ट्रेन कानपुर देहात के दो स्थानों झिंझक और रूरा पर रुकेगी, जहां राष्ट्रपति अपने स्कूल के दिनों और अपनी समाज सेवा के शुरुआती दिनों के परिचितों के साथ संवाद करेंगे। ये दोनों स्थान राष्ट्रपति के जन्म स्थान कानपुर देहात के गांव परौंख के नजदीक हैं, जहां 27 जून को उनके सम्मान में दो कार्यक्रम होने हैं।

पिछली बार एक राष्ट्रपति ने वर्ष 2006 में ट्रेन की यात्रा की थी, जब डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के कैडेट्स की पासिंग आउट परेड में शामिल होने के लिए एक विशेष ट्रेन से दिल्ली से देहरादून के लिए रवाना हुए थे।

राष्ट्रपति भवन के अनुसार, रिकॉर्ड बताते हैं कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कई बार ट्रेन का सफर किया था। राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, उन्होंने बिहार की यात्रा के दौरान अपने जन्म स्थान सिवान जिले में जिरादेई का भ्रमण किया था। वह राष्ट्रपति की विशेष ट्रेन से छपरा से जिरादेई पहुंचे, जहां उन्होंने तीन दिन बिताए थे। उन्होंने ट्रेन से पूरे देश की यात्रा की थी।

डॉ. प्रसाद के बाद राष्ट्रपति बनने वालों ने भी देश के लोगों के साथ जुड़ने के लिए ट्रेन के सफर को प्राथमिकता दी थी।

राष्ट्रपति कोविंद राज्य की राजधानी लखनऊ की अपनी दो दिवसीय यात्रा के लिए 28 जून को कानपुर सेंट्रल स्टेशन से ट्रेन से रवाना होंगे। 29 जून को, वह एक विशेष विमान से नई दिल्ली लौट आएंगे।

President Ram Nath Kovind
indian railways

Related Stories

ट्रेन में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट बहाल करें रेल मंत्री: भाकपा नेता विश्वम

केंद्र का विदेशी कोयला खरीद अभियान यानी जनता पर पड़ेगा महंगी बिजली का भार

कोयले की किल्लत और बिजली कटौती : संकट की असल वजह क्या है?

रेलवे में 3 लाख हैं रिक्तियां और भर्तियों पर लगा है ब्रेक

भारतीय रेल के निजीकरण का तमाशा

निजी ट्रेनें चलने से पहले पार्किंग और किराए में छूट जैसी समस्याएं बढ़ने लगी हैं!

भारत में नौकरी संकट जितना दिखता है उससे अधिक भयावह है!

रेलवे के निजीकरण के ख़िलाफ़ रेल कर्मियों का राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन कल!

कोलकाता मेट्रो ने 2500 से अधिक अस्थायी कर्मचारियों की छंटनी की

तमिलनाडु: विकलांगता से ग्रस्त लोगों की केन्द्र से 'विशेष ट्रेनों' के दर्जे को ख़त्म करने और रियायतें बहाल करने की मांग


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License