NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आतंकियों के साथ पकड़े गए निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह को ज़मानत मिली
ये ज़मानत इसलिए संभव हो सकी क्योंकि कानून के अनुसार जांच एजेंसी ने गिरफ्तारी से 90 दिनों के अंदर भी उसके ख़िलाफ़ आरोप पत्र दायर नहीं किया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
19 Jun 2020
jhh

नयी दिल्ली। एक तरफ़ जहां तमाम मानवाधिकार कार्यकर्ता और अन्य एक्टिविस्ट ज़मानत मिलने के इंतज़ार में हैं या ज़मानत मिलने के बाद भी पुलिस द्वारा नये-नये केस लगाकर जेल की सलाखों के पीछे डाले जा रहे हैं, वहीं आतंकवादियों के सहयोगी के आरोप में गिरफ़्तार हुए जम्मू-कश्मीर के निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह को आज ज़मानत मिलने से बहुत लोगों को हैरत हुई है। और ये ज़मानत इसलिए संभव हो सकी क्योंकि कानून के अनुसार जांच एजेंसी ने गिरफ्तारी से 90 दिनों के अंदर भी उसके ख़िलाफ़ आरोप पत्र दायर नहीं किया।

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह को जमानत दे दी। देविंदर सिंह को इस साल की शुरुआत में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर हिज्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों के साथ गिरफ्तार किया गया था।

हिज्बुल के दो कमांडर का पकड़ा जाना तो बड़ी बात थी लेकिन सबसे अधिक चौंकाने वाली यह बात थी कि इन दो आतंकवादियों के साथ डीएसपी रैंक का एक अधिकारी जो काउंटर इंसर्जेन्सी टीम का हिस्सा था, उसे पकड़ा गया? डीएसपी रैंक का अधिकारी देविंदर सिंह आतंकवादियों के साथ क्या कर रहा था? उन आतंकवादियों के साथ जिन पर बीस- बीस लाख रुपये का इनाम था, जो हिज्बुल के कमांडर हैं, जिनमें से एक पर सेब के बागान में काम करने वाले 18 गैर कश्मीरियों को मारने का आरोप है?

ये सवाल अभी तक हल नहीं हुआ है। यह भी अभी तक रहस्य ही है कि जब देविंदर सिंह पकड़ा जाता है तो पकड़ने वाले अधिकारी से यह क्यों कहता है कि "सर, यह गेम है, इस गेम को खराब मत कीजिये।" उसकी इस बात का मतलब क्या था? 

इस पूरे मसले में न्यूज़क्लिक ने विस्तार से ख़बर की थी। जिसे आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

इसे पढ़ें : पड़ताल : देविंदर सिंह मुजरिम या मोहरा? किसका 'गेम' हुआ ख़राब!

इसी पड़ताल में यह भी सामने आया कि संसद पर हमले के आरोपी अफ़ज़ल गुरु मामले में भी देविंदर का नाम सामने आया था। इस पूरे मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी। एनआईए आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े मसलों की जांच करती है। इसलिए यह दूसरी एजेंसियों से अलग है। लेकिन पिछले पांच सालों में जिस तरह से एनआईए ने काम किया है, उससे इस संस्था पर लोगों का भरोसा बहुत कम है। विपक्ष ने इस पर हमला किया था और कई सवाल उठाए थे ।

 देविंदर सिंह के वकील एमएस खान ने कहा कि अदालत ने सिंह और मामले के एक अन्य आरोपी इरफान शफी मीर को जमानत दे दी। दोनों को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दायर एक मामले में अदालत द्वारा राहत दी गई है।

खान ने कहा कि कानून के अनुसार जांच एजेंसी गिरफ्तारी से 90 दिनों के अंदर आरोप पत्र दायर करने में विफल रही।

उन्हें एक लाख रुपये के निजी बांड और इतनी ही राशि के दो मुचलकों पर यह राहत दी गयी।

 

(समचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

devinder sharma
INA
Kashmir
devinder shmarma bail
Afzal Guru

Related Stories

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 

क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?

कश्मीर: कम मांग और युवा पीढ़ी में कम रूचि के चलते लकड़ी पर नक्काशी के काम में गिरावट

कविता का प्रतिरोध: ...ग़ौर से देखिये हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र

जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती

जम्मू-कश्मीर: अधिकारियों ने जामिया मस्जिद में महत्वपूर्ण रमज़ान की नमाज़ को रोक दिया

कश्मीर में एक आर्मी-संचालित स्कूल की ओर से कर्मचारियों को हिजाब न पहनने के निर्देश

4 साल से जेल में बंद पत्रकार आसिफ़ सुल्तान पर ज़मानत के बाद लगाया गया पीएसए

क्या यही समय है असली कश्मीर फाइल को सबके सामने लाने का?


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License