NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
बिना दस्तावेज़ वाले प्रावसियों को ले जा रही नाव के लीबिया तट के पास डूबने से 11 लोगों की मौत
हर साल हजारों लोग नौकरियां और बेहतर जीवन की तलाश में यूरोप पहुंचने के लिए भूमध्य सागर को पार करने की कोशिश करते हैं।
पीपल्स डिस्पैच
03 May 2021
बिना दस्तावेज़ वाले प्रावसियों को ले जा रही नाव के लीबिया तट के पास डूबने से 11 लोगों की मौत

रविवार 2 मई को करीब 11 लोगों की उस वक्त मौत हो गई जब लीबिया के तट के पास भूमध्य सागर में दर्जनों लोगों को ले जाने वाली एक भीड़भाड़ वाली रबर की डिंगी डूब गई। संयुक्त राष्ट्र की माइग्रेशन एजेंसी इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) ने बताया कि करीब 12 अन्य लोगों को लीबिया के तट रक्षक बलों द्वारा डूबने से बचा लिया गया।

क्षमता से अधिक लोगों को ले जाने वाली ये डिंगी समुद्र से बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों को यूरोप ले जा रहा था और बचाए गए लोगों को लीबिया में हिरासत शिविरों में भेजा जाएगा।

तस्करों ने कथित तौर पर अधिक से अधिक प्रवासियों की तस्करी के प्रयास में रबर डिंगी पर भर लिया था। ओवरलोड और विषम मौसम के कारण ये नाव डूब गई और लोगों की मौत हो गई।

हर साल दुनिया भर के हजारों प्रवासी युद्ध प्रभावित लीबिया पहुंचने के लिए उत्तरी अफ्रीका से होकर गुजरते हैं जहां से वे बेहतर रोजगार के अवसरों और बेहतर जीवन की तलाश में यूरोप पहुंचने की कोशिश करते हैं। युद्ध और प्रभावी केंद्र सरकार की कमी के कारण लीबिया इस तरह की तस्करी के केंद्र के रूप में उभरा है। नावों में अधिक भीड़ और विषम मौसम के कारण हर साल बड़ी संख्या में ऐसे लोग समुद्र में डूब जाते हैं। पिछले महीने ही कम से कम 130 लोग इसी तरह की दुर्घटनाओं में मारे गए थे।

आईओएम के अनुसार साल 2015 से कम से कम 20,000 लोग ऐसे हादसों में मारे गए हैं। लीबिया में या यूरोपीय देशों में असुरक्षित हिरासत केंद्रों में हजारों अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है। यूरोपीय देशों में हिरासत में लिए गए लोगों को लीबिया वापस भेज दिया गया।

वहां युद्ध के कारण इन प्रवासियों पर क्रॉसफ़ायर का खतरा रहता है और वे मारे जाते हैं।

आईओएम ने बार-बार यूरोपीय देशों से इस तरह की असुरक्षित यात्राओं को रोकने और अपनी प्रवासी नीतियों को संशोधित करने के लिए एक ठोस कार्यक्रम तैयार करने के लिए कहा है। इसने यूरोपीय देशों से यह भी कहा है कि वे शरणार्थियों / प्रवासियों को लीबिया वापस न भेजें क्योंकि युद्ध के कारण यह उनके लिए पूरी तरह असुरक्षित है। हालांकि, यूरोपीय देश इस मुद्दे को अब तक किसी भी तरीके से निपटाने में विफल रहे हैं और इस मुद्दे से निपटने के लिए अपनी तटीय सुरक्षा पर भरोसा करना जारी रखा है।

libya
International Organization for Migration

Related Stories

अफ़्रीकी देश अपनी मुद्रायें यूरोप से क्यों छपवाते हैं

लीबिया में युद्ध समाप्त करने और दिसंबर में चुनावों की रूपरेखा को अंतिम रूप देने को बातचीत फिर शुरू

लीबिया पर शांति सम्मेलन में देश से सभी विदेशी सैनिकों को तत्काल वापस लेने का आह्वान

लीबिया की अंतरिम सरकार ने तुर्की को देश से अपनी सेना वापस लेने के लिए कहा

लीबिया की संसद ने अंतरिम यूनिटी सरकार को मंज़ूरी दी

लीबिया की संसद ने संयुक्त राष्ट्र समर्थित अंतरिम सरकार के भविष्य पर बैठक की

लीबिया में अंतरिम सरकार के लिए उम्मीदवारों की घोषणा का यूएन ने स्वागत किया

संयुक्त राष्ट्र ने लीबिया से सभी विदेशी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र प्रायोजित शांति वार्ता का दूसरा दौर वर्चुअल रूप में शुरू हुआ

लीबियाई गुट ने तेल परिसरों के लिए संयुक्त सुरक्षा पर समझौता किया, अगले सप्ताह शांति समझौते के राजनीतिक पहलुओं पर होगी चर्चा


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License