NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
भारत
12वीं के रिज़ल्ट में गड़बड़ी की न्यायिक जांच हो : सीपीआई
तेलंगाना में रिज़ल्ट में गड़बड़ी के चलते 25 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है। सीपीआई ने इसके लिए शिक्षा मंत्री को निलंबित करने और पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ की सहायता राशि देने की मांग की है।
भाषा
10 May 2019
Telangana Student Suicide

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने शुक्रवार को तेलंगाना सरकार से मांग की कि वह 12वीं कक्षा की परीक्षा के परिणाम में कथित गड़बड़ी को लेकर उच्च स्तरीय न्यायिक जांच करे। इस गड़बड़ी के कारण राज्य में 25 छात्रों ने आत्महत्या कर ली थी।

सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव के नारायण ने कहा कि राज्य सरकार को ग्लोबरीना टेक्नोलॉजी कंपनी को प्रतिबंधित कर देना चाहिए जिसे जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी हैदराबाद (जेएनटीयूएच) ने 12वीं की परीक्षा की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन का काम सौंपा था।

उन्होंने केवल राज्य के शिक्षा मंत्री को निलंबित करने की ही मांग नहीं की, बल्कि सरकार से अनुरोध किया कि परिणाम की घोषणा के बाद आत्महत्या करने वाले छात्रों के शोक-संतप्त परिवारों को भी एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि दी जाए।

नारायण ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कम से कम 25 छात्रों ने आत्महत्या कर ली। एक छात्र जिसे 99 प्रतिशत अंक मिले थे, परिणाम की घोषणा में उसे शून्य अंक मिले दिखाए गए और 33 प्रतिशत अंक हासिल करने वालों के अंक भी शून्य दिखाए गए। ग्लोबरीना की इस गलती के कारण छात्रों ने आत्महत्या कर ली।’’

सीपीआई नेता ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए दावा किया कि पार्टी ने राज्य के राज्यपाल को 2015 में सूचित कर दिया था कि ग्लोबरीना ‘‘फर्जी’’ कंपनी है और इसके बाद जेएनटीयूएच के साथ समझौता रद्द कर दिया गया था।

उन्होंने कहा,‘‘ यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तेलंगाना सरकार ने 12वीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए इसी कंपनी के साथ करार किया।’’

उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के लिए उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश वाली एक उच्च स्तरीय समिति का तत्काल गठन किया जाना चाहिए।

Telangana
CPIM
CPI
telangana government
12th class exams
BOARD EXAM

Related Stories

कोविड: मोदी सरकार के दो पर्याय—आपराधिक लापरवाही और बदइंतज़ामी

राहत और बेचैनी दोनों साथ लेकर आया है बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव

सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा रद्द, 12वीं की परीक्षा स्थगित, कई विपक्षी नेताओं ने उठाई थी मांग

शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा : फरवरी तक बोर्ड परीक्षाएं नहीं होंगी

उत्तराखंड: बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में जुटे छात्र, कोरोना भी ले रहा इम्तिहान

नई शिक्षा नीति “भारतीय शिक्षा को बर्बाद” करने का ‘‘एकतरफ़ा अभियान’:सीपीआईएम

केरल की “फर्स्ट बेल”: डिजिटल शिक्षा के लोकतंत्रीकरण के लिए व्यापक जन-आन्दोलन की शुरुआत

मोदी सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ आज देशव्यापी विरोध दिवस

डेली राउंडअप : पतंजलि ज़मीन घोटाला, तेलंगाना में छात्रों की आत्महत्या


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    वर्ष 2030 तक हार्ट अटैक से सबसे ज़्यादा मौत भारत में होगी
    23 May 2022
    "युवाओं तथा मध्य आयु वर्ग के लोगों में हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं जो चिंताजनक है। हर चौथा व्यक्ति हृदय संबंधी रोग से पीड़ित होगा।"
  • आज का कार्टून
    “मित्रों! बच्चों से मेरा बचपन का नाता है, क्योंकि बचपन में मैं भी बच्चा था”
    23 May 2022
    अपने विदेशी यात्राओं या कहें कि विदेशी फ़ोटो-शूट दौरों के दौरान प्रधानमंत्री जी नेताओं के साथ, किसी ना किसी बच्चे को भी पकड़ लेते हैं।
  • students
    रवि शंकर दुबे
    बच्चों को कौन बता रहा है दलित और सवर्ण में अंतर?
    23 May 2022
    उत्तराखंड में एक बार फिर सवर्ण छात्रों द्वारा दलित महिला के हाथ से बने भोजन का बहिष्कार किया गया।
  • media
    कुश अंबेडकरवादी
    ज़ोरों से हांफ रहा है भारतीय मीडिया। वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में पहुंचा 150वें नंबर पर
    23 May 2022
    भारतीय मीडिया का स्तर लगातार नीचे गिर रहा है, वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 150वें नंबर पर पहुंच गया है।
  • सत्येन्द्र सार्थक
    श्रम क़ानूनों और सरकारी योजनाओं से बेहद दूर हैं निर्माण मज़दूर
    23 May 2022
    निर्माण मज़दूर राजेश्वर अपना अनुभव बताते हुए कहते हैं “दिल्ली के राजू पार्क कॉलोनी में मैंने 6-7 महीने तक काम किया था। मालिक ने पूरे पैसे नहीं दिए और धमकी देकर बोला ‘जो करना है कर ले पैसे नहीं दूँगा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License