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कोविड-19
घटना-दुर्घटना
भारत
महाराष्ट्र के विरार में अस्पताल में आग लगने से कोरोना के 13 मरीज़ों की मौत
कम नहीं हो रहा महाराष्ट्र का संकट। लगातार सबसे ज़्यादा कोविड मरीज़। दवा और ऑक्सीजन के संकट के साथ-साथ रोज़-रोज़ अस्पतालों में हादसे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
23 Apr 2021
महाराष्ट्र के विरार में अस्पताल में आग लगने से कोरोना के 13 मरीज़ों की मौत
Image courtesy : NDTV

महाराष्ट्र में संकट कम होने का नाम ही नहीं ले रहा। एक तरफ़ जहां राज्य में कोविड के सबसे ज़्यादा मरीज़ हैं, वहीं आए दिन मरीज़ों के साथ हो रही दुर्घटनाएं भी इस संकट को बढ़ा रही हैं। अभी दो दिन पहले नासिक के एक अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने से कोरोना के 22 मरीजों की मौत हो गई थी। अब पालघर जिले के विरार में आज, शुक्रवार तड़के एक निजी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में आग लगने से कोविड-19 से पीड़ित 13 मरीजों की मौत हो गई।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि एक वातानुकूलन (एसी) इकाई में विस्फोट होने के बाद यह आग लगी और हादसे के वक्त अस्पताल में 90 मरीज मौजूद थे जिनमें से 18 मरीज आईसीयू में थे। मृतकों में पांच महिलाएं और आठ पुरुष हैं।

टेलीविजन पर दिखाई जा रही तस्वीरों में आग के बाद धुएं से भर गए आईसीयू में अफरा-तफरी नजर आई जहां कुछ जगहों पर पंखे गिर गए, बेड एवं अन्य फर्नीचर बिखरे हुए थे और मृतकों के परिजन अस्पताल के बाहर रोते-बिलखते दिखे।

अधिकारी ने बताया कि चार मंजिला विजय वल्लभ अस्पताल के दूसरे तले पर स्थित आईसीयू में तड़के तीन बजे आग लगी। अग्नि शामक दल ने आग पर सुबह पांच बजकर बीस मिनट तक काबू पा लिया।

उन्होंने बताया कि घटना के वक्त आईसीयू में 18 मरीज थे। पांच मरीजों को बचा लिया गया और उन्हें इलाके के अन्य अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है।

अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के अन्य मरीज इससे प्रभावित नहीं हुए क्योंकि आग आईसीयू तक ही सीमित थी।

यह अस्पताल मुंबई से करीब 50 किलोमीटर दूर है।

इस हादसे से दो दिन पहले ही महाराष्ट्र में नासिक के एक अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने के बाद कोविड-19 के 22 मरीजों की मौत हो गई थी।

जिला आपदा नियंत्रण केंद्र के प्रमुख विवेकानंद कदम ने पीटीआई-भाषा को बताया कि विरार के अस्पताल में आग आईसीयू की वातानुकूलन इकाई में विस्फोट के बाद लगी।

हादसे के शिकार लोगों के परिजन सूचना मिलते ही अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

गौरतलब है कि नौ जनवरी को महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल की विशेष नवजात देखभाल इकाई में लगी आग में 10 नवजातों की मौत हो गई थी। एक से तीन महीने के 17 शिशु उस वक्त वार्ड में भर्ती थे।

वहीं, 25-26 मार्च की दरम्यानी रात को मुंबई के ड्रीम्स मॉल में आग लग गई थी जिसकी तीसरी मंजिल पर कोविड का अस्पताल था। 40 घंटे तक लगी रही आग में नौ लोगों की मौत हो गई थी जिनमें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखे गए मरीज भी शामिल थे।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विरार अस्पताल हादसे की जांच के आदेश दिए

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अस्पताल में आग लगने से कोविड-19 के 13 मरीजों की मौत पर शुक्रवार को शोक व्यक्त किया और स्थानीय प्रशासन को हादसे की जांच के आदेश दिए।

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि ठाकरे ने आग लगने की घटना की जानकारी मिलने पर प्रशासनिक अधिकारियों से बात की।

उन्होंने अधिकारियों से मरीजों को दूसरी जगहों पर स्थानांतरित करने के लिए कहा।

बयान में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया, “आग को पूरी तरह बुझाने को प्राथमिकता दें और सुनिश्चित करें कि अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों का इलाज प्रभावित न हो।”

उन्होंने कहा कि विजय वल्लभ अस्पताल एक निजी अस्पताल है और यह जांच की जाएगी कि वहां सुरक्षा उपायों का पालन किया जा रहा था या नहीं।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने एक ट्वीट में कहा, “विरार के विजय वल्लभ अस्पताल के आईसीयू में लगी आग में 13 लोगों की जान चली गई। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दर्दनाक हादसा है। मुख्यमंत्री ठाकरे ने हादसे की गहराई से जांच करने के आदेश दिए हैं।”

भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने कहा कि अधिकारियों को जांच करनी चाहिए कि अस्पताल का अग्नि सुरक्षा ऑडिट किया गया था या नहीं।

प्रत्येक मृतक के परिवार को पांच लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा

इसके अलावा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विरार में अस्पताल में लगी आग में जान गंवाने वाले 13 कोविड-19 मरीजों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की शुक्रवार को घोषणा की।

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि हादसे में बुरी तरह घायल होने वाले लोगों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति ने शोक जताया

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अस्पताल में आग लगने से मरीजों की मौत की घटना पर गहरा शोक प्रकट किया और अन्य मरीजों के शीघ्र स्वस्थ होने की शुक्रवार को कामना की ।

राष्ट्रपति भवन ने कोविंद के हवाले से ट्वीट किया, ‘‘विरार के कोविड अस्पताल में आग लगने से मरीज़ों के हताहत होने के समाचार से बहुत दुःख हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इस हृदय विदारक हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। मैं सभी अन्य मरीज़ों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।’’

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के सचिवालय ने नायडू के हवाले से ट्वीट में कहा, ‘‘ महाराष्ट्र के विरार में कोविड अस्पताल में हुए अग्निकांड से हुई प्राणों की क्षति के बारे में जानकर बहुत दुखी हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मेरी प्रार्थनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। दुर्घटना में घायल लोगों शीघ्र पूर्ण स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।’’

प्रधानमंत्री ने जताया शोक, मुआवजे का ऐलान

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘विरार के कोविड-19 अस्पताल में आग लगने की घटना दु:खद हैं। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रूपये और घायलों को 50 हजार रूपये की आर्थिक मदद प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दी जाएगी।

अस्पताल की कर्मचारी ने कहा, बृहस्पतिवार से काम नहीं कर रही थी एसी प्रणाली

अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद वहां की एक कर्मचारी ने कहा कि बृहस्पतिवार शाम से वहां वातानुकूलन (एसी) प्रणाली काम नहीं कर रही थी और मरम्मत का काम चल रहा था।

अस्पताल की कर्मचारी सुप्रिया देशमुख ने कहा, ‘‘जब मैं कल शाम अस्पताल पहुंची तो अस्पताल के कोविड-19 वार्ड में वातानुकूलन प्रणाली काम नहीं कर रही थी। मैंने देखा कि एसी पैनल हटाए गए थे और मरम्मत का काम चल रहा था।’’

देशमुख के अनुसार, ‘‘इस बीच अस्पताल ने अस्थायी बंदोबस्त के तौर पर कुछ पंखे लगाए थे। अपना काम खत्म करने के बाद रात में मैं घर लौट गई थी।’’

इस बीच घटना में मारे गये कोविड-19 रोगियों के रिश्तेदारों ने शिवसेना नेता तथा राज्य सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे से अस्पताल के कथित कुप्रबंधन की शिकायत की। शिंदे हालात का जायजा लेने अस्पताल पहुंचे थे।

रिश्तेदारों ने उन्हें बताया कि अस्पताल में कर्मचारियों की कमी है जिसके कारण मरीजों पर ठीक से ध्यान नहीं दिया जा रहा।

शिंदे ने उनसे कहा कि उचित कार्रवाई की जाएगी।

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