NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इज़रायल द्वारा अवैध रूप से हिरासत में लिए जाने के विरोध में 17 फ़िलिस्तीनी क़ैदी भूख हड़ताल पर
फ़िलिस्तीनी क़ैदियों के अधिकार समूहों के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में 540 फ़िलिस्तीनियों को इज़रायल द्वारा प्रशासनिक हिरासत की अवैध नीति के तहत क़ैद कर रखा गया है।
पीपल्स डिस्पैच
02 Aug 2021
इज़रायल द्वारा अवैध रूप से हिरासत में लिए जाने के विरोध में 17 फ़िलिस्तीनी क़ैदी भूख हड़ताल पर

सत्रह फिलिस्तीनी प्रशासनिक क़ैदी इजरायल के विभिन्न जेलों और हिरासत केंद्रों में इजरायल के अधिकारियों द्वारा अपनी अवैध प्रशासनिक हिरासत के विरोध में भूख हड़ताल पर हैं। कई मीडिया संस्थानों ने रविवार 1 अगस्त को इसे प्रकाशित किया। पैलेस्टिनियन डिटेनीज एंड एक्स-डिटेनीज अफेयर कमीशन के अनुसार बंदी अलग-अलग दिनों से भूख हड़ताल पर हैं, जिनमें कोई 4 दिनों से तो कोई सबसे लंबे समय तक यानी 21 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं।

पैलेस्टिनियन प्रिजनर्स सोसाइटी (पीपीएस) ने कहा है कि हड़ताली बंदियों में से कई बीमार हैं और उन्हें तत्काल इलाज की आवश्यकता है। पीपीएस ने यह भी कहा कि हड़ताली बंदियों को नेगेव, बीर्शेबा, अशकेलन, ओहलेकदर, मेगिद्दो और ओफर की इज़राइली जेलों में रखा गया है।

पीपीएस ने यह भी कहा कि हड़ताली कैदियों को उनके खिलाफ संबंधित प्रशासनिक हिरासत के आदेश को कई बार बदले जाने के बाद किसी कैदी को कुछ महीनों से तो कई कैदियों को एक साल से ज्यादा समय से कैद में रखा जा रहा है। कई बंदियों ने अतीत में इजरायल के कब्जे के खिलाफ अपनी राजनीतिक और प्रतिरोधी गतिविधियों के लिए इजरायली कैदियों के तौर पर 2 से 10 साल की लंबी जेल की सजा भी बिताई है।

पीपीएस के आंकड़ों के अनुसार इस साल की शुरुआत से लगभग 40 फिलिस्तीनी बंदियों ने इजरायल द्वारा अपनी अवैध प्रशासनिक हिरासत के विरोध में भूख हड़ताल शुरू की है। कुल मिलाकर, वर्तमान में 540 फिलीस्तीनियों को प्रशासनिक हिरासत की नीति के तहत कैद में रखा गया है, जो वर्तमान में इजरायली जेलों में 225 बच्चों और 41 महिलाओं सहित 4,850 फिलिस्तीनी कैदियों की कुल संख्या का एक महत्वपूर्ण भाग है। इस नीति के तहत, इजरायल फिलिस्तीनियों को बिना किसी आरोप या मुकदमे के जेल में रख सकता है और उनकी हिरासत को अनिश्चित काल के लिए बढ़ा कर सकता है।

बंदियों को ज्यादातर मामलों में मनमाने ढंग से और अचानक हिंसक छापेमारी में गिरफ्तार किया गया है और गुप्त सबूतों के आधार पर उन्हें जेल भेज दिया जाता है जो सबूत उन्हें या उनके वकीलों को नहीं दिया जाता है। यहां तक कि उनकी हिंसक गिरफ्तारी के दौरान भी उन्हें अपने ऊपर लगे आरोपों से अवगत नहीं कराया जाता है।

प्रशासनिक हिरासत की इजरायल की नीति भले ही अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध हो पर अधिकारियों द्वारा इजरायल के कब्जे और इसके अनगिनत युद्ध अपराधों और उनके खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन का विरोध करने के लिए फिलिस्तीनियों पर मुकदमा चलाने और दंडित करने के लिए बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।

Israel
Palestine

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार


बाकी खबरें

  • srilanka
    न्यूज़क्लिक टीम
    श्रीलंका: निर्णायक मोड़ पर पहुंचा बर्बादी और तानाशाही से निजात पाने का संघर्ष
    10 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने श्रीलंका में तानाशाह राजपक्षे सरकार के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन पर बात की श्रीलंका के मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. शिवाप्रगासम और न्यूज़क्लिक के प्रधान…
  • सत्यम् तिवारी
    रुड़की : दंगा पीड़ित मुस्लिम परिवार ने घर के बाहर लिखा 'यह मकान बिकाऊ है', पुलिस-प्रशासन ने मिटाया
    10 May 2022
    गाँव के बाहरी हिस्से में रहने वाले इसी मुस्लिम परिवार के घर हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा में आगज़नी हुई थी। परिवार का कहना है कि हिन्दू पक्ष के लोग घर से सामने से निकलते हुए 'जय श्री राम' के नारे लगाते…
  • असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी
    10 May 2022
    एक निजी वेब पोर्टल पर काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर की गई एक टिप्पणी के विरोध में एबीवीपी ने मंगलवार को प्रोफ़ेसर रविकांत के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया। उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में घेर लिया और…
  • अजय कुमार
    मज़बूत नेता के राज में डॉलर के मुक़ाबले रुपया अब तक के इतिहास में सबसे कमज़ोर
    10 May 2022
    साल 2013 में डॉलर के मुक़ाबले रूपये गिरकर 68 रूपये प्रति डॉलर हो गया था। भाजपा की तरफ से बयान आया कि डॉलर के मुक़ाबले रुपया तभी मज़बूत होगा जब देश में मज़बूत नेता आएगा।
  • अनीस ज़रगर
    श्रीनगर के बाहरी इलाक़ों में शराब की दुकान खुलने का व्यापक विरोध
    10 May 2022
    राजनीतिक पार्टियों ने इस क़दम को “पर्यटन की आड़ में" और "नुकसान पहुँचाने वाला" क़दम बताया है। इसे बंद करने की मांग की जा रही है क्योंकि दुकान ऐसे इलाक़े में जहाँ पर्यटन की कोई जगह नहीं है बल्कि एक स्कूल…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License