NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अल्जीरियाई स्वतंत्रता दिवस पर जेल में बंद हिरक आंदोलन के 18 कार्यकर्ता रिहा
अल्जीरिया में अभी भी क़रीब 300 राजनीतिक क़ैदी हैं। भले ही राष्ट्रपति ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में और रिहाई होगी ऐसे में ये स्पष्ट नहीं है कि इन क़ैदियों रिहा किया जाएगा या नहीं।
पीपल्स डिस्पैच
06 Jul 2021
अल्जीरियाई स्वतंत्रता दिवस पर जेल में बंद हिरक आंदोलन के 18 कार्यकर्ता रिहा

अल्जीेरियाई सत्ता-विरोधी हिरक आंदोलन के अठारह कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा कर दिया गया था। सोमवार 5 जुलाई को ये जानकारी कई रिपोर्टों में प्रकाशित की गई। राजनीतिक कैदियों की इस रिहाई का आदेश देश की 59 वीं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति अब्देलमदजीद तेब्बाउने द्वारा दिया गया।

अल्जीरिया ने सोमवार को सात साल के लंबे युद्ध के बाद 1962 में औपनिवेशिक फ्रांसीसी कब्जे से अपनी आजादी का जश्न मनाया। हालांकि, अभी भी जेल में बंद कुल लगभग 300 राजनीतिक कैदियों की तुलना में रिहा किए गए कैदियों की संख्या काफी कम थी। ये कैदी या तो हिरक आंदोलन में भागीदारी या जुड़े होने या सरकार और उसकी नीतियों की आलोचना और विरोध के लिए बंद हैं।

अल्जीरियन जस्टिस मिनिस्ट्री ने एक बयान जारी कर कहा कि संबंधित अधिकारियों ने रविवार को कैदियों को रिहा करना शुरू कर दिया था। राष्ट्रपति ने यह भी संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में अन्य राजनीतिक कैदियों को रिहा किया जाएगा। इस अवसर पर जारी एक संदेश में, तेब्बाउने ने हिरक आंदोलन को "सौभाग्यशाली प्रामाणिक" कहा, लेकिन यह भी कहा कि यह एक विनाशकारी शक्ति बन गया है। संदेश में आगे कहा गया है कि "अल्जीरियाई लोग... देश की सुरक्षा और स्थिरता पर हमला करने के उद्देश्य से संदिग्ध समूहों और उनकी चालबाजी के इरादों को पीछे धकेल सकते हैं।" उन्होंने कहा कि राजनीतिक और नागरिक समाज समूह जो सरकार का विरोध कर रहे हैं और आलोचना कर रहा हैं वे अल्जीरिया को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है।

कार्यकर्ताओं की रिहाई की खबर के बावजूद पिछले कुछ महीनों में सरकार की असंतुष्टों और विरोधियों पर व्यापक कार्रवाई तेज हो गई है। सरकार ने हाल के दिनों में कई अलोकतांत्रिक, तानाशाहीपूर्ण निर्णय लिए हैं। इनमें 'अनधिकृत विरोध प्रदर्शन' पर प्रतिबंध लगाना, विपक्षी राजनीतिक समूहों को 'आतंकवादी समूह' करार देना और हजारों राजनीतिक नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करना शामिल है। जिन दो प्रमुख समूहों पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें राचड और एमएके शामिल है जो कबाइले के बर्बर-बहुमत क्षेत्र में एक अलगाववादी संगठन है। एक अन्य समूह जिसे भी निशाना बनाया जा रहा है वह है वामपंथी डेमोक्रेटिक एंड सोशल मूवमेंट पार्टी। इसके नेता फेथी घारेस को बीते कल अचानक गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर "राष्ट्रपति का अपमान करने", "राष्ट्रीय एकता को खतरे में डालने" सहित कई तरह के राजनीतिक रूप से प्रेरित फर्जी आरोप लगाए गए।

Algeria
Algerian Independence Day
Hirak movement

Related Stories

प्रसिद्ध अल्जीरियाई पत्रकार मोहम्मद मौलौद्ज को आतंकवाद के आरोप में हिरासत में लिया गया

अल्जीरिया में 100 से अधिक हिरक प्रदर्शनकारी रिहा

अल्जीरियाई वामपंथी पार्टी के नेता फेथी घारेस फ़र्ज़ी आरोपों में गिरफ़्तार

वित्त मंत्री अयमन बेनअब्दर्रह्मान अल्जीरिया के नए प्रधानमंत्री

अल्जीरियाई पुलिस ने प्रमुख मानवाधिकार और अत्याचार-विरोधी कार्यकर्ता फ़ातिहा ब्रिकी को हिरासत में लिया

सत्ता-समर्थक दल अल्जीरियाई चुनावों में आगे

यूएन ने अल्जीरिया से हिरक प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ मानवाधिकारों के हनन को रोकने का आह्वान किया

अल्जीरिया के हिरक आंदोलन ने प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फ़ैसले की निंदा की

अल्जीरिया : हिरक आंदोलन के नेता संदिग्ध आरोपों में गिरफ़्तार

सीमा क्षेत्र को बंद करने के अल्जीरिया के फ़ैसले के ख़िलाफ़ मोरक्को के किसानों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • आज का कार्टून
    आम आदमी जाए तो कहाँ जाए!
    05 May 2022
    महंगाई की मार भी गज़ब होती है। अगर महंगाई को नियंत्रित न किया जाए तो मार आम आदमी पर पड़ती है और अगर महंगाई को नियंत्रित करने की कोशिश की जाए तब भी मार आम आदमी पर पड़ती है।
  • एस एन साहू 
    श्रम मुद्दों पर भारतीय इतिहास और संविधान सभा के परिप्रेक्ष्य
    05 May 2022
    प्रगतिशील तरीके से श्रम मुद्दों को उठाने का भारत का रिकॉर्ड मई दिवस 1 मई,1891 को अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाए जाने की शुरूआत से पहले का है।
  • विजय विनीत
    मिड-डे मील में व्यवस्था के बाद कैंसर से जंग लड़ने वाले पूर्वांचल के जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल के साथ 'उम्मीदों की मौत'
    05 May 2022
    जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल की प्राण रक्षा के लिए न मोदी-योगी सरकार आगे आई और न ही नौकरशाही। नतीजा, पत्रकार पवन जायसवाल के मौत की चीख़ बनारस के एक निजी अस्पताल में गूंजी और आंसू बहकर सामने आई।
  • सुकुमार मुरलीधरन
    भारतीय मीडिया : बेड़ियों में जकड़ा और जासूसी का शिकार
    05 May 2022
    विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय मीडिया पर लागू किए जा रहे नागवार नये नियमों और ख़ासकर डिजिटल डोमेन में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों और अवसरों की एक जांच-पड़ताल।
  • ज़ाहिद ख़ान
    नौशाद : जिनके संगीत में मिट्टी की सुगंध और ज़िंदगी की शक्ल थी
    05 May 2022
    नौशाद, हिंदी सिनेमा के ऐसे जगमगाते सितारे हैं, जो अपने संगीत से आज भी दिलों को मुनव्वर करते हैं। नौशाद की पुण्यतिथि पर पेश है उनके जीवन और काम से जुड़ी बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License