NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
23 मई को देश भर में 100 से अधिक वामपंथी संगठन करेंगे 'पोल खोलो हल्ला बोलो' आन्दोलन
मोदी सरकार के 4 साल पूरे होने पर  किया जा रहा यह प्रदर्शन सरकार की नाकामियों को उजागर करने, झूठे वादों की असलियत लोगों तक पहुँचाने और आम जन की माँगे रखने का काम करेगा I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
19 Mar 2018
andolan

23 मई को देश के 100 से ज़्यादा वामपंथी जन संगठन देश भर में विरोध प्रदर्शन करेंगे I इनमें किसान, मज़दूर, छात्र, युवा, महिला, आदिवासी,शिक्षक और दलित संगठन शामिल हैं I ये सभी संगठन ‘जन एकता जन अधिकार आन्दोलन’ के बैनर तले विरोध प्रदर्शन आयोजित कर रहे हैं I मोदी सरकार के 4 साल पूरे होने पर  किया जा रहा यह प्रदर्शन सरकार की नाकामियों को उजागर करने, झूठे वादों की असलियत लोगों तक पहुँचाने और आम जन की माँगे रखने का काम करेगा I

इसे आयोजित कर रहे नेताओं का कहना है कि इस प्रदर्शन से पहले सभी राज्यों में ज़िला और राज्य स्तरीय कन्वेंशन किये जायेंगे और इससे एक हफ्ता पहले घर घर जाकर लोगों में इसका प्रचार किया जायेगा I

पिछले सालों से लगातार एक के बाद एक समाज का हर एक तबका सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरता दिखा है I राजस्थान, महाराष्ट्र, और उत्तर प्रदेश में हुए किसान आन्दोलन, पिछले साल की किसान संसद और मज़दूर महापडाव , दिल्ली में शिक्षक आन्दोलन और वर्तमान में हुए SSC, JNU और TISS छात्र आन्दोलन इस बात की गवाही देते हैं I

इनके अलावा दलित और महिला संगठन भी पिछले सालों में इस सरकार के खिलाफ प्रतिरोध के सुर तेज़ कर करते दिखे हैं I यही वजह है कि 26 मई को जब सरकार अपने 4 साल पूरे करेगी और अपनी तथाकथित उपलब्धियाँ गिनाएगी उसी समय सभी जन संगठन भी सरकार के इन जुमलों की पोल खोलते दिखेंगे I

इस मुद्दे पर स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के महासचिव विक्रम सिंह ने कहा “हमने ये देखा था कि विभिन्न तबकों के लोग सरकार के खिलाफ अलग अलग लड़ाई लड़ रहे हैं, पर सरकार का जो हमला है केद्रीय हमला है इसीलिए सबको साथ में मिलकर लड़ने की ज़रुरत है I यही वजह है कि हमने ये मंच बनाया और अब जब सरकार के 4 साल पूरे होने जा रहे हैं, तब हम सरकार की वादा खिलाफी और झूठे वादों की असिलयत लोगों तक ले जायेंगे I”

इसके अलावा इस जन आन्दोलन की अपनी भी कुछ माँगे हैं जिनमें से कुछ हैं- बेरोज़गारी को ख़त्म करने के लिए विभागों में सभी खाली पदों को भरा जाए और सरकारी विभागों में ठेका प्रथा बंद की जाये , मज़दूरों को 18,000 न्यूनतम वेतन और पेंशन दी जाए, किसानों को लागत का डेढ़ गुना दाम मिले , कर्ज़ माफ़ी हो और उन्हें पेंशन मिले , मनरेगा को ठीक ढंग से लागू किया जाए, SC/ST और OBC छात्रों की स्कॉलरशिप पर लग रही रोक को वापस लिया जाए , दलित नेता चंद्रशेखर रावण को रिहा किया जाए और SC/ST Prevention act को ठीक ढंग से लागू किया जाए I इसके अलावा उनकी मांगों में महिलाओं की 33% आरक्षण, स्वास्थ्य में निजीकरण को हटाने और स्वास्थ्य पर GDP का 6% खर्च करने , गौ रक्षा के नाम पर आतंक को ख़तम करने और पशु बिक्री पर रोक हटाने की माँग भी शामिल हैं I इन माँगों के अलावा आम जन से जुडी हुई और भी माँगों को लोगों के सामने रखा जायेगा  और सरकार से इन मूल मुद्दों पर किये गए कामों का हिसाब लिया जायेगा I

विक्रम सिंह ने बताया कि इस अभियान का नाम “पोल खोलो, हल्ला बोलो” रक्खा गया है I जन आन्दोलनों से जुड़े इन सभी नेताओं का मानना है कि सरकार और सत्ताधारी पार्टी जनता को मूल मुद्दों से भटकाकर उन्हें जाति और धर्म के आधार पर बाटने का काम कर रही है, इसे भी ये आन्दोलन चुनौती देगा I

पोल खोलो हल्ला बोलो
अखिल भारतीय किसान सभा
CITU
23 मई
आन्दोलन
CPIM

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

झारखंड : हेमंत सरकार को गिराने की कोशिशों के ख़िलाफ़ वाम दलों ने BJP को दी चेतावनी

मुंडका अग्निकांड: लापता लोगों के परिजन अनिश्चतता से व्याकुल, अपनों की तलाश में भटक रहे हैं दर-बदर

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License