NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इदलिब : सीरिया के आक्रमण में 33 तुर्की हमलावरों की मौत
तुर्की ने सीरिया पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश करने वाली सरकार विरोधी ताक़तों की मदद करने के लिए सीरिया के इदलिब पर आक्रमण किया था।
पीपल्स डिस्पैच
28 Feb 2020
Syria

28 फरवरी शुक्रवार को विरोधी स्थलों पर हुए सीरिया के हवाई हमलों में 33 तुर्की सिपाहियों की मौत हो गई है। तुर्की ने सीरिया पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश करने वाली सरकार विरोधी फ़्री सीरियन आर्मी की मदद करने के लिए सीरिया के इदलिब पर आक्रमण किया था।

सीरिया के सरकारी बलों द्वारा क्षेत्र को मुक्त करने और देश में 9 साल पुराने युद्ध को समाप्त करने के लिए एक अभियान शुरू करने के बाद हाल ही में तुकी ने सीरिया के अंदर अपनी हमलावर सेना का आकार बढ़ा दिया है।

सीरिया के इदलिब प्रांत में लगभग 3 मिलियन लोग रहते हैं। यह वर्तमान में हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नियंत्रण में है, जो अल-क़ायदा और तुर्की द्वारा समर्थित फ़्री सीरियन आर्मी का पुराना सहयोगी है। इदलिब सीरिया में आख़िरी बचा विद्रोही क्षेत्र है।

सीरियाई बलों ने रूस की मदद से पिछले साल दिसंबर में प्रांत पर नियंत्रण वापस लेने के लिए ऑपरेशन शुरू किया था। वे हाल ही में इसके दक्षिणी हिस्से के एक बड़े हिस्से पर क़ब्ज़ा करने में सक्षम रहे हैं।

इदलिब पर हुए आक्रमण ने 2017 में अस्ताना में हुए संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन करने के लिए सीरियाई सरकार को दोषी ठहराते हुए सीरिया और तुर्की के बीच एक राजनयिक झगड़ा पैदा कर दिया है।

हालांकि सीरिया और रूस का दावा है कि तुर्की ने कभी भी अपने हिस्से में समझौते को लागू नहीं किया था, जिसके तहत क्षेत्र से विरोधियों को हटाया जाना था।

इस बीच, तुर्की ने शरणार्थियों के प्रवेश की अनुमति देने के लिए सीरिया के साथ अपनी सीमा खोलने की घोषणा की है। उसने यह भी घोषित किया है कि उसने इन शरणार्थियों को यूरोप जाने से नहीं रोका था। यह 2016 में तुर्की और यूरोपीय संघ के बीच हस्ताक्षरित समझौते के ख़िलाफ़ है, जिसके अनुसार तुर्की वित्तीय सहायता के बदले में शरणार्थियों को अपने क्षेत्र से यूरोप में जाने से रोकने के लिए सहमत हुआ था।

सीरिया की जंग में क़रीब 4 लाख लोगों की जान जा चुकी है। इसकी वजह से आधी सीरियाई आबादी का विस्थापन हुआ है, क़रीब 7 मिलियन सीरियावासियों को देश छोड़ कर जाने पर मजबूर होना पड़ा है, जिसमें से आधे अभी तुर्की में रह रहे हैं। ऐसा अनुमान है कि इदलिब की जंग में अब तक एक मिलियन और सीरियावासी अपनी जगह छोड़ कर जा चुके हैं।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Syria
turki
Attack on Syria
Idlib
Turkish Syrian Border

Related Stories

असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की

यूक्रेन से सरज़मीं लौटे ख़ौफ़ज़दा छात्रों की आपबीती

ड्रोन युद्ध : हर बार युद्ध अपराधों से बचकर निकल जाता है अमेरिका, दुनिया को तय करनी होगी जवाबदेही

भीड़ ने तुर्की में सीरियाई शरणार्थियों पर हमला किया

सीरिया में फिर से इज़रायली हवाई हमले, एक हफ़्ते से भी कम समय में यह तीसरी घटना

सीरिया और इराक़ में अमेरिकी हवाई हमले में एक बच्चे की मौत, तीन अन्य घायल

बशर अल-असद ने 95% से ज़्यादा वोट से जीता सीरिया का राष्ट्रपति चुनाव

सीरिया में इज़रायली हवाई हमले में एक नागरिक की मौत, छह अन्य घायल

डेनिश सरकार द्वारा सीरियाई शरणार्थियों का निवास परमिट रद्द करने के फ़ैसले का बढ़ता विरोध

इज़रायल की ओर से बार-बार होने वाले हमले को रोकने के लिए यूएनएससी से सीरिया ने कहा


बाकी खबरें

  • एम.ओबैद
    एमपी : ओबीसी चयनित शिक्षक कोटे के आधार पर नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे
    26 Apr 2022
    चयनित शिक्षक पिछले एक महीने से नियुक्ति पत्र को लेकर प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन मांग पूरी न होने पर अंत में आमरण अनशन का रास्ता चयन किया।
  • अखिलेश अखिल
    यह लोकतांत्रिक संस्थाओं के पतन का अमृतकाल है
    26 Apr 2022
    इस पर आप इतराइये या फिर रुदाली कीजिए लेकिन सच यही है कि आज जब देश आज़ादी का अमृतकाल मना रहा है तो लोकतंत्र के चार प्रमुख स्तम्भों समेत तमाम तरह की संविधानिक और सरकारी संस्थाओं के लचर होने की गाथा भी…
  • विजय विनीत
    बलिया पेपर लीक मामला: ज़मानत पर रिहा पत्रकारों का जगह-जगह स्वागत, लेकिन लड़ाई अभी बाक़ी है
    26 Apr 2022
    "डबल इंजन की सरकार पत्रकारों को लाठी के जोर पर हांकने की हर कोशिश में जुटी हुई है। ताजा घटनाक्रम पर गौर किया जाए तो कानपुर में पुलिस द्वारा पत्रकारों को नंगाकर उनका वीडियो जारी करना यह बताता है कि…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जन आंदोलनों के आयोजन पर प्रतिबंध अलोकतांत्रिक, आदेश वापस लें सरकार : माकपा
    26 Apr 2022
    माकपा ने सवाल किया है कि अब जन आंदोलन क्या सरकार और प्रशासन की कृपा से चलेंगे?
  • ज़ाहिद खान
    आग़ा हश्र काश्मीरी: गंगा-ज़मुनी संस्कृति पर ऐतिहासिक नाटक लिखने वाला ‘हिंदोस्तानी शेक्सपियर’
    26 Apr 2022
    नाट्य लेखन पर शेक्सपियर के प्रभाव, भारतीय रंगमंच में महत्वपूर्ण योगदान और अवाम में उनकी मक़बूलियत ने आग़ा हश्र काश्मीरी को हिंदोस्तानी शेक्सपियर बना दिया।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License