मुंबई: बजरे पी305 पर मौजूद लोगों में से 89 लोग अब भी लापता हैं। उल्लेखनीय है कि यह बजरा चक्रवात ताउते के कारण मुंबई के तट से कुछ दूरी पर सागर में फंस गया था और डूब गया था। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
नौसेना की ओर से बुधवार को बताया गया कि बेहद खराब मौसम से जूझते हुए उसके जवानों ने बजरा पी305 पर मौजूद 273 लोगों में से अब तक 184 को बचा लिया है।
एक अधिकारी ने बताया कि तलाश एवं बचाव अभियान अभी जारी है और लोगों को सुरक्षित तट तक लाने की उम्मीद हमने अब तक नहीं छोड़ी है।
नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि दो अन्य बजरों तथा एक ऑयल रिग पर मौजूद सभी लोग सुरक्षित हैं।
उल्लेखनीय है कि ये बजरे चक्रवात ताउते के गुजरात तट से टकराने से कुछ घंटे पहले मुंबई के पास अरब सागर में फंस गए थे।
इस बीच नौसेना का युद्धपोत आईएनएस कोच्चि पी305 से बचाए गए 184 लोगों में से 125 को लेकर बुधवार सुबह मुंबई पहुंचा।
नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘बुधवार सुबह तक, पी305 पर मौजूद 184 कर्मियों को बचा लिया गया है। आईएनएस तेग, आईएनएस बेतवा, आईएनएस ब्यास, पी81 विमान और हेलीकॉप्टरों की मदद से तलाश एवं बचाव अभियान जारी है।’’
नौसेना और तटरक्षक बल ने बजरे ‘जीएएल कन्स्ट्रक्टर’ में मौजूद 137 लोगों को मंगलवार तक बचा लिया था।
अधिकारियों ने बताया कि बजरे एसएस-3 पर मौजूद 196 लोग और ऑयल रिग सागर भूषण पर मौजूद 101 लोग सुरक्षित हैं।
ओएनजीसी तथा एससीआई के पोतों के जरिए इन्हें तट तक सुरक्षित लाया जा रहा है। बचाव एवं राहत कार्यों में मदद के लिए क्षेत्र में आईएनएस तलवार भी तैनात है।
नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि 707 कर्मियों के साथ तीन बजरे और एक ऑयल रिग सोमवार को समुद्र में फंस गए थे। इनमें 273 लोगों के साथ 'पी305' बजरा, 137 कर्मियों के साथ 'जीएएल कंस्ट्रक्टर' और एसएस-3 बजरा शामिल है, जिसमें 196 कर्मी मौजूद थे। साथ ही 'सागर भूषण' ऑयल रिग भी समुद्र में फंस गया था, जिसमें 101 कर्मी मौजूद थे।
नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल मुरलीधर सदाशिव पवार ने कहा कि यह बीते चार दशक में सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण तलाश एवं बचाव अभियान है।
प्रधानमंत्री ने चक्रवात से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया
अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात ‘‘ताउते’’ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए बुधवार को गुजरात और केंद्र शासित क्षेत्र दीव के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया।
मोदी चक्रवात से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए एक दिवसीय गुजरात दौर पर आज, बुधवार को भावनगर पहुंचे जहां मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने उनका स्वागत किया।
एक अधिकारी ने बताया कि मोदी हेलीकॉप्टर पर सवार होकर प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के लिए निकले।
रूपाणी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावनगर पहुंच गए हैं। वह चक्रवात ताउते से प्रभावित अमरेली, गिर सोमनाथ और भावनगर जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।’’
चक्रवात के कारण गिर सोमनाथ जिले के दीव और उना शहर के बीच सोमवार को जल भराव की स्थिति बन गई थी और इससे संपत्ति को भी खासा नुकसान पहुंचा है। क्षेत्र में पेड़ भी बड़ी संख्या में गिर गए हैं।
प्रभावित इलाकों का मुआयना करने के बाद प्रधानमंत्री अहमदाबाद में एक बैठक भी करेंगे जिसमें मुख्यमंत्री के अलावा उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।
गुजरात में चक्रवाती तूफान के कारण तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ, बिजली के खंभे तथा पेड़ उखड़ गए तथा कई घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा। इस दौरान हुई घटनाओं में करीब 13 लोगों की मौत भी हुई है।
चक्रवाती तूफान के कारण 200 से अधिक तालुकाओं में बारिश हुई। एहतियाती तौर पर राज्य सरकार ने पहले ही दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था।
मौसम विभाग ने कहा कि ताउते गुजरात के तट से “बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान” के तौर पर आधी रात के करीब गुजरा और धीरे-धीरे कमजोर होकर “गंभीर चक्रवाती तूफान” तथा बाद में और कमजोर होकर अब “चक्रवाती तूफान” में बदल गया है।
रुपाणी ने मंगलवार को कहा था कि 16000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा, 40 हजार से ज्यादा पेड़ और 70 हजार से ज्यादा बिजली के खंभे उखड़ गए जबकि 5951 गांवों में बिजली चली गई।
यह राज्य में आया, अब तक का सबसे भयावह चक्रवात बताया जा रहा है। ताउते के कारण सौराष्ट्र से लेकर उत्तरी गुजरात के तट तक भारी बारिश देखने को मिली। कम से कम 46 तालुका में 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई जबकि 12 में 150 से 175 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गई।
चक्रवात ताउते दोपहर बाद अहमदाबाद जिले की सीमा से लगते हुए उत्तर की तरफ बढ़ गया। इससे पहले और इस दौरान भी यहां लगातार भारी बारिश हुई जिससे शहर के कई इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया।
राजस्थान पहुंचा चक्रवाती तूफान ताउते, अनेक जगह भारी बारिश
जयपुर: अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान ताउते ने मंगलवार देर रात दक्षिणी राजस्थान में प्रवेश किया जहां बीते चौबीस घंटे में अनेक जगह अत्यंत भारी बारिश दर्ज की गई। यह चक्रवात बुधवार की सुबह राज्य के उदयपुर के पास केंद्रित था और मौसम विभाग के अनुसार इसके अगले 12 घंटे में कम दबाव के क्षेत्र में बदलने का अनुमान है।
मौसम केंद्र जयपुर के प्रवक्ता ने बताया कि चक्रवाती तूफान ताउते ने 18 मई की मध्य रात दक्षिण राजस्थान में प्रवेश किया। बुधवार को सुबह इसका केंद्र उदयपुर से 60 किलोमीटर दूर दक्षिण पश्चिम में था। मौसम विभाग का कहना है कि आगामी 12 घंटे में यह चक्रवात कमजोर होकर कम दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगा और उत्तर पूर्वी राजस्थान में आगे बढ़ेगा।
वहीं चक्रवात ताउते के कारण बीते चौबीस घंटें में राज्य के दक्षिणी जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश दर्ज की गई है। इस दौरान डूंगरपुर के वेजा में रिकार्ड 232 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके अलावा कांवा में 144 मिमी., देवल में 142 मिमी., डूंगरपुर तहसील में 139 मिमी., धांबोला में 133 मिमी बारिश दर्ज की गई।
राजधानी जयपुर में बीते चौबीस घंटे से बूंदाबांदी हो रही है और हवाएं चल रही हैं। यह क्रम बुधवार को भी बना रहा। जयपुर में इस दौरान 38.5 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है। इससे अधिकतम तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है।
आगामी चौबीस घंटे में अजमेर, जयपुर और भरतपुर संभाग के कुछ जिलों में अधिकतर स्थानों पर रुक रुक कर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
दिल्ली-आसपास में भी बारिश
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को सुबह बादल छाने के साथ ही मौसम सुहावना रहा और न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 21.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि पिछले 24 घंटे में शहर के कुछ हिस्सों में 1.8 मिमी बारिश दर्ज की गई।
आईएमडी ने बताया कि मंगलवार को चक्रवातीय तूफान ‘ताउते’ कमजोर पड़ गया था और उसके प्रभाव से दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तरी भारत के कई हिस्सों में मध्यम बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार, शहर में बुधवार को अधिकतम तापमान के 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।
हवा में आर्द्रता का स्तर भी 90 प्रतिशत दर्ज किया गया।
मौसम वैज्ञानिकों ने दिन में आंशिक रूप से बादल छाए रहने और भारी बारिश का पूर्वानुमान लगाया है।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सुबह आठ बजकर पांच मिनट पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 84 रहा और दिल्ली की हवा की गुणवत्ता ‘‘संतोषजनक’’ श्रेणी में दर्ज की गयी।
एक्यूआई को शून्य और 50 के बीच 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।