NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मध्य प्रदेश में 8 किसानों की मौत, विपक्ष का मुख्यमंत्री पर कड़ा हमला 
जिन 8 किसानों ने आत्महत्या की उनमें से 3 मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के गृह ज़िले सिहोर के हैं।
काशिफ़ काकवी
10 Sep 2020
Translated by महेश कुमार
शिवराज चौहान
Image Courtesy: The Statesman

भोपाल: मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के चंदेली तोरिया गाँव के निवासी और 60 वर्षीय किसान प्यारेलाल यादव को दो सितंबर को एक जब्ती नोटिस के साथ 19,000 रुपये  का बिजली बिल मिला। बिजली विभाग का नोटिस यादव पर एक बम की तरह गिरा। किसान, जो अपने 1.52 लाख रुपये के कर्ज को चुकाने के मामले में काफी चिंतित था, उसने इस सीजन के लिए कर्ज़ लिया लेकिन उसकी फसल अत्यधिक बारिश के कारण बर्बाद हो गई थी, अब राज्य सरकार द्वारा किए गए वादे के अनुसार उसे फसल बीमा का भुगतान न मिलने से उसकी सभी आशाओं पर पानी फिर गाया है। 

यादव ने सीजन के लिए ग्रामीण बैंक से 92,000 रुपये का कर्ज़ और किसी रिश्तेदार से 60,000 रुपये का कर्ज लिया था। अपनी 15 एकड़ ज़मीन से उन्हे कई फसलों की बुवाई और लाभ की उम्मीद थी। लेकिन, बिजली विभाग द्वारा जब्ती नोटिस जारी करने से उनके ताबूत में अंतिम कील ठुक गई और निवाड़ी पुलिस के अनुसार उन्होंने 4 सितंबर को अपने ही खेत की जमीन पर खुद को फांसी लगा ली।

यादव की तरह ही, पिछले सप्ताह अभूतपूर्व बारिश के बाद तैयार फसल के बर्बाद होने के बाद से राज्य में छह अन्य किसानों ने आत्महत्या कर ली।

आगर-मालवा जिले के एक अन्य 30 वर्षीय किसान, मान सिंह की 8 सितंबर को एक बैंक की कतार लगे-लगे मृत्यु हो गई थी। आगर-मालवा पुलिस के अनुसार, उनकी कैश काउंटर पर दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई जब वे बैंक में पैसे निकालने गए थे। 

आठ आत्महत्याओं में से तीन मामले मुख्यमंत्री के गृह जिले सिहोर से सामने आए हैं। 

मंडी थाने के अंतर्गत गुड़हेला नपाली निवासी 55 वर्षीय बाबूलाल वर्मा और सीहोर जिले की जावर तहसील के ग्राम कुरली कला के रमेश मालवीय ने 2 और 3 सितंबर को आत्महत्या की थी।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो में, मालवीय के बेटे और मां को यह दावा करते हुए देखा गया कि किसान तब से उदास था, जब उसके खेत हाल में हुई बारिश में पूरी तरह से तबाह हो गया   था और उस पर कृषि और अन्य कर्ज़ चुकाने का दबाव था।

वर्मा के मामले में, जबकि उनके भतीजे ने कहा था कि फसल की तबाही के कारण किसान उदास था, मृतक किसान के बेटे ने दावा किया है कि उसके पिता बीमार थे और मानसिक रूप से बहुत स्थिर नहीं थे। इन भिन्न-भिन्न दावों के वीडियो कांग्रेस नेताओं और खुद सीएम चौहान ने सोशल मीडिया पर अपलोड किए थे।

5 सितंबर को, विदिशा जिले की शमसाबाद तहसील के डंगरवारा गाँव के किसान 35 वर्षीय बलबीर लोधी ने कथित तौर पर खुद को फांसी लगा ली। अलग बात है कि उनके नाम पर कोई जमीन नहीं थी, लेकिन वे अपनी मां के चार बीघा खेत में उनकी मदद करते थे। बलबीर पर 4.5 लाख रुपये का कर्ज था और सोयाबीन की फसल खराब होने के बाद वह काफी परेशान था।

छिंदवाड़ा जिले के बडीवाड़ा गाँव के संतराम ढीमर की मृत्यु 3 सितंबर को हुई थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट 6 सितंबर को की गई थी। सूत्रों के अनुसार, किसान के पास 1.5 एकड़ ज़मीन थी, लेकिन पेंच नदी के जल स्तर के अचानक बढ़ने से उनकी फसल खराब हो गई। कहा जाता है कि किसान ने दो सेल्फ-हेल्प समूहों और खुद के दोस्तों से 50,000 रुपये का कर्ज़ लिया हुआ था।

देवास में, 56 वर्षीय किसान लक्ष्मण सिंह चौहान ने फसल की हुई तबाही के कारण 6 सितंबर की सुबह अपने खेत में कीटनाशक पी लिया। सिवनी जिले के मोथर गांव के 75 वर्षीय किसान हिम्मत सिंह ने 7 सितंबर को आत्महत्या की थी, जो बाद पता चला कि यह आत्महत्या पांच दिन पहले की गई थी।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की नई जारी रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में पिछले साल 541 किसानों ने आत्महत्या की थी। डेटा से पता चलता है कि राज्य किसान आत्महत्या के मामले में देश में महाराष्ट्र (2,680), कर्नाटक (1,992), और आंध्र प्रदेश (1,029) के बाद चौथा स्थान पर है। गंभीर बात यह है कि मप्र में कृषि क्षेत्र में अधिकांश आत्महत्याएँ खेतिहर मजदूरों ने की न कि खेती करने वालों किसानों ने। मप्र में 541 कृषि क्षेत्र की आत्महत्याओं में से केवल 142 ही किसान थे। अन्य पांच राज्यों की तुलना में यह अलग तस्वीर पेश करता है जिन्होंने बड़ी कृषि आत्महत्याओं को दर्ज किया है।

किसानों की आत्महत्याओं पर विपक्ष का रुख 

इस बीच, किसानों द्वारा लगातार की जा रही आत्महत्याओं की खबरों पर राज्य की विपक्षी कांग्रेस ने चौहान सरकार की कड़ी आलोचना की है, जहां 27 सीटों पर महत्वपूर्ण उपचुनाव इस साल अक्टूबर में होने वाले हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री और मप्र कांग्रेस कमेटी के प्रमुख कमलनाथ ने ट्वीट किया कि, “सीहोर, निवारी, विदिशा और छिंदवाड़ा के बाद, अब देवास के खातेगांव और सिवनी के बंदोल में फसल तबाह होने और उचित मुआवजा न मिलने के कारण किसान भाइयों ने आत्महत्या की है। आखिर इस सरकार की नींद कब खुलेगी?"

इससे पहले, सीएम के गृह जिले में तीन किसानों की मौत पर कमालनाथ सीएम शिवराज सिंह चौहान पर जम कर बरसे थे। उन्होंने कहा था कि सीएम बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद किसानों को खोखले आश्वासन दे रहे थे, जबकि किसानों और आम लोगों को वास्तव में राहत की जरूरत थी। कमलनाथ के साथ, कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी भाजपा सरकार द्वारा किसानों के मुद्दों से निपटने में विफलता पर तीखा हमला किया है।

हालांकि, सीएम ने इन आरोपों का खंडन किया है, जिसमें उन्होने दावा किया कि कांग्रेस भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

8 Farmers Die in 1 Week in Poll-bound MP, Opposition Launches Scathing Attack on CM

Madhya Pradesh government
Shivraj Singh Chouhan
farmers suicide
Kamal Nath
Bypolls in Madhya Pradesh
farmers protest
Farmers Loan
Loan Waiver in MP

Related Stories

मनासा में "जागे हिन्दू" ने एक जैन हमेशा के लिए सुलाया

‘’तेरा नाम मोहम्मद है’’?... फिर पीट-पीटकर मार डाला!

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

लखीमपुर खीरी हत्याकांड: आशीष मिश्रा के साथियों की ज़मानत ख़ारिज, मंत्री टेनी के आचरण पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी

युद्ध, खाद्यान्न और औपनिवेशीकरण

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों में सैलून वाले आज भी नहीं काटते दलितों के बाल!

मध्य प्रदेश : मुस्लिम साथी के घर और दुकानों को प्रशासन द्वारा ध्वस्त किए जाने के बाद अंतर्धार्मिक जोड़े को हाईकोर्ट ने उपलब्ध कराई सुरक्षा

तिरछी नज़र: जय…जय बुलडोजर देवता

अमित शाह का शाही दौरा और आदिवासी मुद्दे


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License