NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
आयुध कारखानों के 82 हज़ार श्रमिक अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए तैयार
कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि आयुध कारखानों के निगमीकरण से देश की सुरक्षा को खतरा है। देश की सुरक्षा का दावा करने वाली सरकार आयुध कारखाने की गोपनीय प्रणाली तक को दांव पर लगा रही है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
07 Aug 2020
ordance worker

राष्ट्रवाद की लहर पर सवार हुई सरकार पर ही देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगते हुए सेना के लिए बम, गोला, बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने वाले आयुध कारखानों यानि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के 80 हजार से अधिक कर्मचारियों ने 12 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।

देश भर के सभी 41 आयुध कारखानों में यूनियनों द्वारा 4 अगस्त, मंगलवार को एक सांकेतिक प्रदर्शन के साथ ही हड़ताल के लिए नोटिस दिया गया था। इसके बाद से ही हड़ताल की तैयारी शुरू कर दी गई है। हालांकि ये कर्मचारी पिछले कई महीने से आन्दोलन के मूड में थे। नोटिस में सभी 82,000 कर्मचारियों के समर्थन का दावा किया है।

कर्मचारियों ने जो नोटिस दिया है उसमे उन्होंने आरोप लगाया है कि आयुध कारखानों के निगमीकरण से देश की सुरक्षा को खतरा है। देश की सुरक्षा का दावा करने वाली सरकार आयुध कारखाने की गोपनीय प्रणाली तक को दांव पर लगा रही है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार पर वादा खिलाफी का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ये वो सभी वादों को भी तोड़ता है जो सरकार और रक्षा मंत्रियों द्वारा पूर्व में विभिन्न मंचों पर कर्मचारियों से किए गए थे। यही नहीं 23-8-2019 को रक्षा उत्पादन सचिव (डीपी) के साथ आयोजित बैठक में किये गए प्रतिबद्धताओं का भी उल्लंघन कर रहे हैं।

सभी यूनियनों ने सामूहिक रूप से सरकार की बेरुखी और बेपरवाही पर नाराजगी जाहिर की। इस नोटिस पर सभी तीन मान्यता प्राप्त रक्षा कर्मचारी संघों के अध्यक्षों यानी अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (AIDEF), भारतीय राष्ट्रीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (INDWF), के साथ-साथ आरएसएस से जुड़े भारतीय प्रतिहार मजदूर संघ (BPMS) ने हस्ताक्षर किए हैं। यहाँ तक कि कोआर्डिनेशन ऑफ डिफेंस रेकनाईजैड एसोसिएशन (CDRA) ने भी औद्योगिक कर्मचारियों को अपना समर्थन दिया है, जो की सेवा स्तर के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है।

गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ओएफबी के निगमीकरण की घोषणा की थी, जो कि केंद्र के आत्मनिर्भार भारत कार्यक्रम के तहत पेश किए गए प्रमुख नीतिगत निर्णयों की एक श्रृंखला के भाग के रूप में है, जिसमें प्रमुख उद्योगों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए संरचनात्मक सुधार शामिल था।

इससे पहले पिछले साल अगस्त में एक सप्ताह तक चली हड़ताल के बाद रक्षा उत्पादन सचिव (डीपी) द्वारा आश्वासन दिया गया था कि अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। सरकार के इस कदम को श्रमिकों के संगठनों द्वारा एक 'विश्वासघात' के रूप में देखा गया था

मई में कोरोना महामारी के मद्देनजर निगमीकरण के इस निर्णय का विरोध करते हुए यूनियनों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री के सामने 14 बार इस मामले पर पक्ष रखा, लेकिन उनकी ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई। इसलिए कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल को अपना अंतिम उपाय बताया।

AIDEF के महासचिव सी श्रीकुमार ने कहा कि "इस बार, हम कोई आश्वासन नहीं चाहते, लेकिन निगमीकरण के प्रस्ताव को एक स्पष्ट रूप से वापस लेना होगा।"

ओएफबी के निगमीकरण का कर्मचारियों का विरोध क्यों है? उसको स्पष्ट करते हुए श्रीधर ने बतया मुख्य रूप से कारखानों को बाजार के भरोसे छोड़ने को लेकर चिंता है जो अपने लाभ के लिए काम करता है जैसा कि अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय संचार निगम लिमिटेड (BSNL) सहित अन्य उपक्रम के साथ हुआ है।

सरकार के स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनी को वर्ष 2000 में निगमीकरण किया गया था, जिसे तब उसके कर्मचारी संघ ने हरी झंडी दिखाई थी। दो दशक बाद, बीएसएनएल एक वित्तीय संकट से गुजर रहा है और केंद्र द्वारा इसे पुनर्जीवित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

श्रीकुमार ने कहा कि यही कारण है कि रक्षा कर्मचारियों को ओएफबी के निगमीकरण का विरोध कर रहे है। उन्होंने कहा “कर्मचारी आयुध कारखानों में प्रतिस्पर्धा और आत्मनिर्भरता लाने के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन संगठन की स्थिति में बदलाव के खिलाफ है।”

Ordnance Factories
Corporatisation of factories
Corporatisation of Ordnance Factories
AIDEF
INDWF
CDRA
ordance worker

Related Stories

ओएफबी: केंद्र के ‘कड़े’ अध्यादेश के ख़िलाफ़ रक्षा महासंघों ने अखिल भारतीय काला दिवस मनाने का फ़ैसला किया

ओएफ़बी: अनिश्चितकालीन हड़ताल से पहले, केंद्र ने ख़ुद को 'आवश्यक रक्षा सेवाओं' के श्रमिकों को दंडित करने का अधिकार दिया


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License