NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
लक्षद्वीप के प्रशासक को वापस बुलाए जाने की मांग करने वाला प्रस्ताव केरल विधानसभा में पारित
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सरकारी प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप का भविष्य चिंता का विषय है और इसकी अनूठी एवं स्थानीय जीवनशैली को कमजोर करना अस्वीकार्य है।
भाषा
31 May 2021
पिनराई विजयन

तिरुवनंतपुरम: केरल विधानसभा ने लक्षद्वीप के लोगों के साथ एकजुटता जताते हुए एक प्रस्ताव सोमवार को सर्वसम्मति से पारित किया, जिसमें द्वीप के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल को वापस बुलाए जाने की मांग की गई है आौर केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया है, ताकि द्वीप के लोगों के जीवन और उनकी आजीविका की रक्षा हो सके।

इसी के साथ केरल देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने केंद्रशासित प्रदेश में हुए हालिया घटनाक्रमों को लेकर लोगों का समर्थन करते हुए प्रस्ताव पारित किया है।

अरब सागर में स्थित लक्षद्वीप में पटेल के हालिया कदमों एवं प्रशासनिक सुधारों का स्थानीय लोग पिछले कुछ दिन से विरोध कर रहे हैं।

केरल के मुख्मयंत्री पिनराई विजयन ने सरकारी प्रस्ताव पेश किया, जो 15वीं विधानसभा में इस प्रकार पहला प्रस्ताव है। उन्होंने केरल और लक्षद्वीप के लोगों के बीच ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को याद किया और वहां स्वाभाविक लोकतंत्र को नष्ट करने की कथित कोशिश के लिए केंद्र की निंदा की।

उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप का भविष्य चिंता का विषय है और इसकी अनूठी एवं स्थानीय जीवनशैली को कमजोर करना अस्वीकार्य है।

मुख्यमंत्री ने अपील की कि संवैधानिक मूल्यों को बरकरार रखने का समर्थन करने वालों को लक्षद्वीप के प्रशासक के कदमों का कड़ा विरोध करना चाहिए।

अपने राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करते हुए, सत्तारूढ़ माकपा के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव का समर्थन किया। यूडीएफ ने इसमें कुछ संशोधनों का सुझाव दिया।

प्रस्ताव में कहा गया है कि लक्षद्वीप में स्थानीय जीवन शैली एवं पारिस्थतिकी तंत्र नष्ट करके ‘भगवा एजेंडे’ और कॉरपोरेट हितों को थोपने की कोशिश की जा रही है।

इसमें आरोप लगाया गया है कि सुधार के नाम पर शुरू किए गए एजेंडे का क्रियान्वयन नारियल के पेड़ों को भगवा रंग से रंगकर शुरू किया गया और अब यह इस स्तर तक बढ़ गया है कि द्वीपवासियों के पारंपरिक आवास, जीवन और प्राकृतिक संबंधों को नुकसान पहुंच रहा है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि द्वीप में अपराध की दर असाधारण रूप से कम है, इसके बावजूद गुंडा कानून लागू करने के लिए कदम उठाए गए।

प्रस्ताव में कहा गया है कि प्राधिकारी मछली पकड़ने जैसे आजीविका के पारंपरिक जरिए को नष्ट करना चाहते हैं।

इसमें आरोप लगाया गया है कि क्षेत्र के लोगों के प्राकृतिक आहार का हिस्सा कथित गोमांस को बाहर करने के प्रयास के जरिए गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के संघ परिवार के एजेंडे को पिछले दरवाजे से लागू किया जा रहा है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रशासक ने केंद्रशासित प्रदेश के लोगों के स्थानीय जीवन और संस्कृति को धीरे-धीरे नष्ट करने का बीड़ा उठाया है।

विजयन ने प्रशासक को विभिन्न सरकारी विभागों के मामलों में हस्तक्षेप करने का विशेष अधिकार देने वाले केंद्र के कानून की निंदा की।

उन्होंने कहा कि यह अपनी पसंद के अधिकारी नियुक्त करके द्वीप के स्वाभाविक लोकतंत्र को कमजोर करने के समान है।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘लक्षद्वीप में हालिया घटनाक्रम को संघ परिवार के एजेंडे की प्रयोगशाला के रूप में देखा जाना चाहिए। वे देश के लोगों की संस्कृति, भाषा, जीवनशैली और खानपान संबंधी आदतों को अपनी विचारधारा के अनुसार बदलने की कोशिश कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश के लोगों को ‘‘कॉरपोरेट हितों और हिंदुवादी राजनीति’’ का गुलाम बनाने की कोशिश के खिलाफ कड़ी आवाज उठाई जानी चाहिए।

विजयन ने कहा कि यह सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि केंद्रशासित प्रदेश और उसके मूल निवासियों की विशिष्टता को संरक्षित रखा जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासक इसे चुनौती दे रहे हैं और उन्हें उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाना चाहिए।

विपक्षी कांग्रेस के नेता वी डी सतीशन ने प्रस्ताव का समर्थन किया।

Lakshadweep
Kerala Legislative Assembly
Lakshadweep issue
Pinarayi Vijayan

Related Stories

केरल उप-चुनाव: एलडीएफ़ की नज़र 100वीं सीट पर, यूडीएफ़ के लिए चुनौती 

केरल: RSS और PFI की दुश्मनी के चलते पिछले 6 महीने में 5 लोगों ने गंवाई जान

सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए आंबेडकर के संघर्षों से प्रेरणा लें : विजयन

सीपीआईएम पार्टी कांग्रेस में स्टालिन ने कहा, 'एंटी फ़ेडरल दृष्टिकोण का विरोध करने के लिए दक्षिणी राज्यों का साथ आना ज़रूरी'

सीताराम येचुरी फिर से चुने गए माकपा के महासचिव

केजरीवाल का पाखंड: अनुच्छेद 370 हटाए जाने का समर्थन किया, अब एमसीडी चुनाव पर हायतौबा मचा रहे हैं

केरल: एचएलएल के निजीकरण के ख़िलाफ़ युवाओं की रैली

केरल : वीज़िंजम में 320 मछुआरे परिवारों का पुनर्वास किया गया

किसी मुख्यमंत्री के लिए दो राज्यों की तुलना करना उचित नहीं है : विजयन

विजयन ने केरल के ‘खिलाफ’ टिप्पणी करने पर योगी आदित्यनाथ को आड़े हाथ लिया


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में करीब दो महीने बाद एक दिन में कोरोना के सबसे ज़्यादा मामले दर्ज
    07 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,805 नए मामले सामने आए हैं। देश में अब एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 20 हज़ार से भी ज़्यादा यानी 20 हज़ार 303 हो गयी है।
  • मुकुंद झा
    जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!
    07 May 2022
    कर्मचारियों को वेतन से वंचित करने के अलावा, जेएनयू प्रशासन 2020 से परिसर में कर्मचारियों की संख्या लगातार कम कर रहा है। इसके परिणामस्वरूप मौजूदा कर्मचारियों पर काम का भारी दबाव है। कर्मचारियों की…
  • असद रिज़वी
    केंद्र का विदेशी कोयला खरीद अभियान यानी जनता पर पड़ेगा महंगी बिजली का भार
    07 May 2022
    कोल इंडिया का कोयल लगभग रुपया 3000 प्रति टन है.अगर विदेशी कोयला जो सबसे कम दर रुपया 17000 प्रति टन को भी आधार मान लिया जाए, तो एक साल में केवल 10 प्रतिशत  विदेशी कोयला खरीदने से 11000 करोड़ से ज्यादा…
  • बी. सिवरामन
    प्रेस स्वतंत्रता पर अंकुश को लेकर पश्चिम में भारत की छवि बिगड़ी
    07 May 2022
    प्रधानमंत्री के लिए यह सरासर दुर्भाग्य की बात थी कि यद्यपि पश्चिमी मीडिया में उनके दौरे के सकारात्मक कवरेज को सुनिश्चित करने के लिए उनके बैकरूम प्रचारक ओवरटाइम काम कर रहे थे, विश्व प्रेस स्वतंत्रता…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    सिख इतिहास की जटिलताओं को नज़रअंदाज़ करता प्रधानमंत्री का भाषण 
    07 May 2022
    प्रधानमंत्री द्वारा 400वें प्रकाश पर्व समारोह के मौके पर दिए भाषण में कुछ अंश ऐसे हैं जिनका दूरगामी महत्व है और बतौर शासक  देश के संचालन हेतु उनकी भावी कार्यप्रणाली एवं चिंतन प्रक्रिया के संकेत भी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License