NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
एएलबीए-टीसीपी के सदस्य मना रहे हैं देश में क्षेत्रीय एकीकरण की 16वां वर्षगांठ
एएलबीए-टीसीपी का गठन कमांडर फिदेल कास्त्रो और ह्यूगो चावेज़ ने लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक एकीकरण के लिए एक मंच के रूप में किया था।
पीपल्स डिस्पैच
14 Dec 2020
एएलबीए-टीसीपी

इस 14 दिसंबर को बोलिवेरियन अलायंस फॉर द पीपल्स ऑफ आवर अमेरिका-पीपल्स ट्रेड ट्रीटी (एएलबीए-टीसीपी) के गठन के 16 वर्ष हो गए। इस संगठन के सदस्य देश क्षेत्रीय एकीकरण के 16 साल पूरा होने के अवसर पर वर्चुअल कॉन्फ्रेंस करेंगे। संगठन के 18 वें शिखर सम्मेलन में सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और प्रधानमंत्री शामिल होंगे।

इस बैठक के दौरान इस क्षेत्र की राजनीतिक स्थिति और प्रत्येक राष्ट्र की आर्थिक सुधार में COVID-19 के चलते सामने आए चुनौतियों जैसे कई विषयों का विश्लेषण किया जाएगा। इसके अलावा इस क्षेत्रीय एकीकरण संस्था में प्लूरिनेशनल स्टेट ऑफ बोलीविया की वापसी को लेकर भी चर्चा की जाएगी। 18 अक्टूबर को आम चुनाव में लोकतंत्र की बहाली और अमेरिका समर्थित नागरिक-सैन्य तख्तापलट की हार के बाद राष्ट्रपति लुइस एर्से की सरकार ने इस संगठन में अपनी भागीदारी को फिर से व्यक्त की थी।

एएलबीए-टीसीपी का गठन 2004 में कमांडर फिदेल कास्त्रो और कमांडर ह्यूगो चावेज़ की रणनीतिक दृष्टि के परिणामस्वरूप किया गया था। यह लैटिन अमेरिकी और कैरिबियन देशों के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक एकीकरण का एक मंच है। यह अमेरिका द्वारा फ्री ट्रेड एरिया ऑफ द अमेरिका (एफटीएए) के समकक्ष के रूप में बनाया गया था। एफटीएए को इस क्षेत्र में अपने आर्थिक वर्चस्व को स्थापित करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा बढ़ावा दिया गया था।

बोलीविया के पुनःवापसी के साथ इस ब्लॉक में अब 10 सदस्य हो गए हैं। इसमें वेनेजुएला, क्यूबा, निकारागुआ, डोमिनिका, ग्रेनाडा, सेंट विंसेंट एंड ग्रेनेडाइंस, एंटीगुआ एंड बारबुडा, सेंट किट्स एंड नेविस, और सेंट लूसिया हैं।

ALBA-TCP
Latin America

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

केवल विरोध करना ही काफ़ी नहीं, हमें निर्माण भी करना होगा: कोर्बिन

लैटिन अमेरिका को क्यों एक नई विश्व व्यवस्था की ज़रूरत है?

"एएलबीए मूल रूप से साम्राज्यवाद विरोधी है": सच्चा लोरेंटी

वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच एकता और उम्मीद की राह दिखाते ALBA मूवमेंट्स 

चीन और लैटिन अमेरिका के गहरे होते संबंधों पर बनी है अमेरिका की नज़र

अमेरिकी सरकार के साथ बैठक के बाद मादुरो का विपक्ष के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का ऐलान

कोलंबिया में चुनाव : बदलाव की संभावना और चुनावी गारंटी की कमी

2.2 करोड़ अफ़ग़ानियों को भीषण भुखमरी में धकेला अमेरिका ने, चिले में वाम की ऐतिहासिक जीत

लैटिन अमेरिका दर्शा रहा है कि दक्षिणपंथी उभार स्थायी नहीं है


बाकी खबरें

  • भाषा
    कांग्रेस की ‘‘महंगाई मैराथन’’ : विजेताओं को पेट्रोल, सोयाबीन तेल और नींबू दिए गए
    30 Apr 2022
    “दौड़ के विजेताओं को ये अनूठे पुरस्कार इसलिए दिए गए ताकि कमरतोड़ महंगाई को लेकर जनता की पीड़ा सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं तक पहुंच सके”।
  • भाषा
    मप्र : बोर्ड परीक्षा में असफल होने के बाद दो छात्राओं ने ख़ुदकुशी की
    30 Apr 2022
    मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को घोषित किया गया था।
  • भाषा
    पटियाला में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं, तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का तबादला
    30 Apr 2022
    पटियाला में काली माता मंदिर के बाहर शुक्रवार को दो समूहों के बीच झड़प के दौरान एक-दूसरे पर पथराव किया गया और स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पड़ी।
  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बर्बादी बेहाली मे भी दंगा दमन का हथकंडा!
    30 Apr 2022
    महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक विभाजन जैसे मसले अपने मुल्क की स्थायी समस्या हो गये हैं. ऐसे गहन संकट में अयोध्या जैसी नगरी को दंगा-फसाद में झोकने की साजिश खतरे का बड़ा संकेत है. बहुसंख्यक समुदाय के ऐसे…
  • राजा मुज़फ़्फ़र भट
    जम्मू-कश्मीर: बढ़ रहे हैं जबरन भूमि अधिग्रहण के मामले, नहीं मिल रहा उचित मुआवज़ा
    30 Apr 2022
    जम्मू कश्मीर में आम लोग नौकरशाहों के रहमोकरम पर जी रहे हैं। ग्राम स्तर तक के पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर जिला विकास परिषद सदस्य अपने अधिकारों का निर्वहन कर पाने में असमर्थ हैं क्योंकि उन्हें…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License