NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बीएचयू में संस्कृत प्रोफेसर विवाद पर एएमयू में गहरी चिन्ता
एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि फिरोज खान की नियुक्ति को रोका गया तो देश से दुनिया को खतरनाक संदेश जाएगा कि आज के भारत में उच्च शिक्षा को लेकर मेरिट नहीं बल्कि धर्म को आगे रखा जाता है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Nov 2019
feroz khan BHU
फोटो साभार : दैनिक जागरण

अलीगढ: अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में मुस्लिम फिरोज खान की सहायक प्रोफेसर पर पर नियुक्ति रोकने के कुछ दक्षिणपंथी समूहों के प्रयास के बाद उपजे विवाद पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है।

एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि फिरोज खान की नियुक्ति को रोका गया तो देश से दुनिया को खतरनाक संदेश जाएगा कि आज के भारत में उच्च शिक्षा को लेकर मेरिट नहीं बल्कि धर्म को आगे रखा जाता है।

हसन ने कहा कि जब 1877 में सर सैयद अहमद खान ने मोहम्मडन एंग्लो ओरियंटल कालेज की स्थापना की थी, तब भाषा के तीन विभाग खुले थे, उनमें से एक संस्कृत विभाग था।

एएमयू प्रवक्ता राहत अबरार ने बताया कि विश्वविद्यालय के दूसरे कुलपति साहिबजादा आफताब अहमद खान ने जनवरी 1924 में कहा था कि संस्कृत साहित्य हिन्दू सभ्यता और संस्कृति का लेखाजोखा है और हमारा उददेश्य है कि हम ऐसे मुस्लिम स्कालर तैयार कर सकें जो संस्कृत के जरिए हमारी संस्कृति को समृद्ध करें।

उन्होंने बताया कि संस्कृत विभाग में कई मुस्लिम प्रोफेसर हुए। इनमें सलमा महफूज, खालिद बिन यूसुफ और मोहम्मद शरीफ के नाम प्रमुखता से आते हैं। उन्होंने बताया कि सलमा महफूज दुनिया की पहली मुस्लिम महिला थीं, जिन्होंने 1970 में संस्कृत में पीएचडी की डिग्री हासिल की। इस समय एएमयू के संस्कृत विभाग में नौ शिक्षक हैं, जिनमें से दो मुस्लिम हैं।

गौरतलब है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। एक ओर जहां प्रोफेसर फिरोज खान के समर्थन में गुरुवार को विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के छात्र आ गए तो दूसरी ओर विरोध में धरना दे रहे छात्रों के समर्थन में अब हिंदू धर्मगुरु भी उतर आए हैं।

इसी कड़ी में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के प्रमुख शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद धरनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर जरूरत पड़ने वह संतों का आह्वान करेंगे। उधर, विरोध कर रहे छात्रों ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

इससे पहले, विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के छात्रों ने पोस्टर पर ‘वी आर विथ यू फिरोज़ खान’, ‘संस्कृत किसी की जागीर नहीं’ जैसे पोस्टर के साथ मार्च निकाला। शोध छात्र विकास सिंह ने बताया कि महामना के मूल्यों को कुछ छात्र तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे समाज की कल्पना की जहां हर धर्म के लोग शिक्षा ग्रहण कर सकें।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

BHU
muslim teacher of sanskrit
Professor Feroz Khan
AMU
AMU Students Union
Faizul Hasan
Religion Politics
Education and Religion

Related Stories

इफ़्तार को मुद्दा बनाने वाले बीएचयू को क्यों बनाना चाहते हैं सांप्रदायिकता की फैक्ट्री?

जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र: एक कवि का बयान

BHU : बनारस का शिवकुमार अब नहीं लौट पाएगा, लंका पुलिस ने कबूला कि वह तलाब में डूबकर मर गया

भारत में छात्र और युवा गंभीर राजकीय दमन का सामना कर रहे हैं 

बीएचयू: लाइब्रेरी के लिए छात्राओं का संघर्ष तेज़, ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ हटाने की मांग

‘हेट स्पीच’ के मामले 6 गुना बढ़े, कब कसेगा क़ानून का शिकंजा?

देश में पत्रकारों पर बढ़ते हमले के खिलाफ एकजुट हुए पत्रकार, "बुराड़ी से बलिया तक हो रहे है हमले"

बुराड़ी हिन्दू महापंचायत: चार FIR दर्ज लेकिन कोई ग़िरफ़्तारी नहीं, पुलिस पर उठे सवाल

बीएचयू : सेंट्रल हिंदू स्कूल के दाख़िले में लॉटरी सिस्टम के ख़िलाफ़ छात्र, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

भारत को अपने पहले मुस्लिम न्यायविद को क्यों याद करना चाहिए 


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License