NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
विज्ञान
अंतरराष्ट्रीय
एबेल पुरस्कार 2021: गणित और कंप्यूटर विज्ञान के बीच की कड़ी को मज़बूत करने के लिए दिया गया
लास्जलो लोवास्ज और एवी विजडर्सन को कम्प्यूटेशनल कम्प्लेक्सिटी के क्षेत्र को विकसित करने में मदद करने के लिए सम्मानित किया गया है, जो मुख्य रूप से कंप्यूटर एल्गोरिद्म की गति और कार्यक्षमता का अध्ययन करता है।
संदीपन तालुकदार
20 Mar 2021
एबेल पुरस्कार 2021: गणित और कंप्यूटर विज्ञान के बीच की कड़ी को मज़बूत करने के लिए दिया गया

इस वर्ष का एबेल पुरस्कार को दो शोधकर्ताओं को दिया गया है जिनमें एक हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में स्थित अल्फ्रेड रेनी इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमैटिक्स के लास्जलो लोवास्ज हैं और दूसरे अमेरिका के प्रिंसटन में स्थित इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी से जुड़े एवी विजडर्सन हैं।

ये एबेल पुरस्कार उन्हें "थ्योरेटिकल कम्प्यूटर साइंस और डिस्क्रिट मैथेमेटिक्स (theoretical computer science and discrete mathematics) में उनके मैलिक योगदान और मॉडर्न मैथेमेटिक्स के प्रमुख क्षेत्रों में इसके प्रयोग में उनकी अग्रणी भूमिका के लिए दिया गया है। ये बयान एबेल प्राइज की वेबसाइट पर लिखा है। इस पुरस्कार का नामकरण नॉर्वे के गणितज्ञ नील्स हेनरिक एबेल के नाम पर किया गया।

एबेल पुरस्कार गणित के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक है और अक्सर इसे गणित के नोबेल पुरस्कार के बराबर माना जाता है। यह पुरस्कार नार्वे अकादमी ऑफ साइंस एंड लेटर्स द्वारा नियुक्त एबेल समिति द्वारा दिया जाता है। 2002 में इसकी स्थापना के बाद से यह पुरस्कार प्रसिद्ध गणितज्ञों को प्रतिवर्ष दिया जाता है।

लोवास्ज़ और विडजरसन ने कम्प्यूटेशनल कम्प्लेक्सिटी के क्षेत्र को विकसित करने में मदद की और वास्तव में वे इस क्षेत्र के प्रमुख लोगों में से थे। कम्प्यूटेशनल कम्प्लेक्सिटी का क्षेत्र मुख्य रूप से कंप्यूटर एल्गोरिद्म की गति और कार्यक्षमता का अध्ययन करता है।

किसी कार्य को पूरा करने के लिए मूल रूप से एल्गोरिदम निर्देशों का पालन किया जाता है। इस कार्य में किसी समीकरण को हल करना या दो स्थानों के बीच सबसे छोटा रास्ता निर्धारित करना या वर्णमाला के क्रम में शब्दों का समूह बनाना इत्यादि शामिल हो सकते हैं। ऐसी समस्याओं को हल करने के लिए डिज़ाइन किए गए किसी भी कंप्यूटर प्रोग्राम में एल्गोरिद्म होती है यानी निर्देशों की एक सूची जिसकी मदद से ऐसी समस्या को हल किया जा सकता है।

हमारे दैनिक जीवन में हम अक्सर ऐसी समस्याओं को हल करने के लिए डिज़ाइन किए गए कंप्यूटर ऐप से सामना करते हैं। लेकिन, दूसरे ऐप की तुलना में समस्याओं को हल करने में कुछ ऐप बेहतर हैं। इसका तात्पर्य यह है कि ऐसे ऐप या कंप्यूटर प्रोग्राम में ये एल्गोरिद्म दूसरों की तुलना में बेहतर हैं जिसका अर्थ है कि वे समाधान तक पहुंचने में लगातार कम से कम चरणों का इस्तेमाल करते हैं।

एक बेहतर ऐप का उपयोग करना और जल्दी से अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढना बहुत सामान्य और साधारण लग सकता है लेकिन कम्प्यूटेशनल तरीके से काम करना आसान काम नहीं है। यहां, अनुसंधान का एक पूरा क्षेत्र विकसित हुआ और यह गणित और कंप्यूटर विज्ञान के परस्पर मौजूद है।

विजडर्सन और लोवास्ज ने गणित और कंप्यूटर विज्ञान के बीच कड़ी को मजबूत किया और कम्प्यूटेशनल कम्प्लेक्सिटी के क्षेत्र को सशक्त किया। विभिन्न विषयों के बीच संबंधों पर नजर रखने के लिए जाने जाने वाले विजडर्सन ने टिप्पणी करते हुए कहा था: “विज्ञान में कहीं भी ज्यादा अहम समस्याएं नहीं हैं। कोई भी प्रक्रिया एक एल्गोरिद्म है -चाहे मस्तिष्क में न्यूरॉन्स या सौर मंडल में ग्रह या वित्तीय बाजारों में संकट, इन सभी के कुछ निश्चित नियम हैं। कंप्यूटर पर जो लागू किया जा सकता है मूल रूप से सब कुछ के लिए लागू किया जा सकता है।”

लोवास्ज़ एक गणितज्ञ हैं और गणित के कई विषयों पर काम करते हैं। उन्होंने कम्प्यूटेशनल कम्प्लेक्सिटी के अध्ययन के लिए गणित की एक शाखा ग्राफ सिद्धांत को लागू किया। एबेल प्राइज की वेबसाइट पर लिखा है, "कंप्यूटर विज्ञान की नींव के आधार पर उनके काम के अलावा लोवास्ज ने व्यापक अनुप्रयोगों के साथ सशक्त एल्गोरिद्म भी तैयार किए हैं, जैसे कि एलएलएल एल्गोरिद्म, जिसमें नम्बर थ्योरी, क्रिप्टोग्राफी और मोबाइल कंप्यूटिंग सहित क्षेत्रों में उल्लेखनीय अनुप्रयोग हैं।"

कम्प्यूटेशनल कम्प्लेक्सिटी अब गणित और कंप्यूटर विज्ञान दोनों के लिए एक स्थापित क्षेत्र बन गया है। यह क्षेत्र साइबर सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सैद्धांतिक आधार वाली इंटरनेट सुरक्षा प्रदान करता है।

कम्प्यूटेशनल कम्प्लेक्सिटी का क्षेत्र 1970 के दशक में शैशवावस्था में था लेकिन उस अवधि के गणितज्ञों की एक नई पीढ़ी ने महसूस किया कि गणित कंप्यूटर विज्ञान में अनुप्रयोग का एक नया क्षेत्र होगा। लोवास्ज और विजडर्सन तब से लगातार इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं और इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Abel Prize 2021 Awarded For Enriching Link Between Mathematics and Computer Science

Abel Prize 2021
Abel Prize for Linking Mathematics and Computer Science
László Lovász
Avi Wigderson

Related Stories


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License