NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
भारत
राजनीति
छात्र समुदाय को दरकिनार न करे प्रशासन: आंबेडकर यूनिवर्सिटी छात्र परिषद
आंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली छात्र संघ (AUDSU) के छात्र परिषद ने कहा है कि "यह शर्म की बात है कि जो विश्वविद्यालय सामाजिक न्याय और छात्र समर्थक लोकाचार की नींव पर बनाया गया था, उसे असुरक्षित, अलोकतांत्रिक और ज्ञान विरोधी स्थान के रूप में बदला जा रहा है।"
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Jun 2020
आंबेडकर यूनिवर्सिटी

दिल्ली: आंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली छात्र संघ (AUDSU) के छात्र परिषद ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर अपील की है कि नीतियां बनाते समय छात्र समुदाय को दरकिनार न किया जाय। छात्र परिषद ने यह पत्र 21 जून को लिखा है।

परिषद ने लिखा है कि मार्च में कोरोना (COVID-19) के कारण लॉकडाउन शुरू होने के बाद से आंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली (AUD) प्रशासन ने "कई छात्र विरोधी नीतियों को लागू किया है।" पत्र में कहा गया है, "इन अभूतपूर्व परिस्थितियों में अपने छात्रों की मदद करने के बजाय, प्रशासन अत्यधिक सक्रियता से छात्रों के लिए मुश्किलों को बढ़ा रहा है।" परिषद ने इन फैसलों की निंदा की है।

AUDSC ने उन "बाधाओं" को सूचीबद्ध किया जो प्रशासन द्वारा उत्पन्न की गई हैं। इसमें सबसे पहले कहा  गया है कि "अप्रैल में मनमाने ढंग से अनुशासन की संहिता में संशोधन किए गए जो एक छात्र के लोकतांत्रिक अधिकारों और स्वतंत्रता पर अंकुश लगाते है। इसके साथ ही उन पर अवास्तविक और अलोकतांत्रिक प्रतिबंध भी लगाते हैं।"

इसमें यह भी कहा गया है कि अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों के लिए प्रवेश में आरक्षण की नीति को और भी मुश्किल बना दिया गया है।

इसके अलावा महामारी अभी भी होने के कारण कुछ प्रतिबंधों के साथ अधिकांश शैक्षणिक संस्थानों ने आभासी शिक्षण (ऑनलाइन एजुकेशन)का सहारा लिया है। AUDSC का कहना है कि कि अंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन छात्रों के लिए सीखने और परीक्षा की सुविधा देने में मदद नहीं की है जो इससे जुड़ने में सक्षम नहीं हैं।

पत्र में उल्लेख किया गया है कि उपरोक्त उदाहरण "विश्वविद्यालय को छात्र-विरोधी, गरीब-विरोधी, अल्पसंख्यक-विरोधी स्थान में बदलने के लिए AUD प्रशासन की सक्रियता को दर्शाते हैं।"

AUDSC ने लिखा है कि तत्परता के साथ नीतियों में प्रशासन ने परिवर्तन किया हैं लेकिन इसके लिए छात्रों और छात्र निकायों को कोई जानकारी नहीं दी गई।  

पत्र में कहा गया है कि इसके उलट जब छात्र परिषद ऑनलाइन कक्षाओं और परीक्षाओं में शामिल होने के लिए छात्रों द्वारा खरीदे गए 4 जी पैक के दामों को रिफंड करने, छात्र कल्याण कोष (एसडब्ल्यूएफ) और छात्रवृत्ति को समय पर वितरित करने की मांग करते हैं तो प्रशासन चुप्पी साध लेता है।

AUDSC ने कहा कि "यह  शर्म की बात है कि एक विश्वविद्यालय जिसे सामाजिक न्याय और  छात्र समर्थक लोकाचार की नींव पर बनाया गया था, उसे असुरक्षित और हिंसक अलोकतांत्रिक और ज्ञान विरोधी स्थान के रूप में बदल जा रहा है।"

ambedkar university
Ambedkar University Student Council
AUDSU
COVID-19

Related Stories

कोरोना लॉकडाउन के दो वर्ष, बिहार के प्रवासी मज़दूरों के बच्चे और उम्मीदों के स्कूल

कर्नाटक: वंचित समुदाय के लोगों ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों, सूदखोरी और बच्चों के अनिश्चित भविष्य पर अपने बयान दर्ज कराये

लॉकडाउन में लड़कियां हुई शिक्षा से दूर, 67% नहीं ले पाईं ऑनलाइन क्लास : रिपोर्ट

शिक्षा बजट: डिजिटल डिवाइड से शिक्षा तक पहुँच, उसकी गुणवत्ता दूभर

शिक्षा बजट पर खर्च की ज़मीनी हक़ीक़त क्या है? 

विश्वविद्यालयों का भविष्य खतरे में, नयी हकीकत को स्वीकार करना होगा: रिपोर्ट

ऑनलाइन शिक्षा में विभिन्न समस्याओं से जूझते विद्यार्थियों का बयान

उत्तराखंड में ऑनलाइन शिक्षा: डिजिटल डिवाइड की समस्या से जूझते गरीब बच्चे, कैसे कर पाएंगे बराबरी?

कोरोना: ऑनलाइन पढ़ाई के दौर में बहुत पीछे छूटा अफ्रीका

वैश्विक महामारी कोरोना में शिक्षा से जुड़ी इन चर्चित घटनाओं ने खींचा दुनिया का ध्यान


बाकी खबरें

  • रवि शंकर दुबे
    दिल्ली : फ़िलिस्तीनी पत्रकार शिरीन की हत्या के ख़िलाफ़ ऑल इंडिया पीस एंड सॉलिडेरिटी ऑर्गेनाइज़ेशन का प्रदर्शन
    13 May 2022
    फ़िलिस्तीन में इज़रायली सेना द्वारा मारी गईं अल-जज़ीरा की पत्रकार शिरीन अबु अकलेह के समर्थन में राजधानी दिल्ली के राजीव चौक पर विरोध प्रदर्शन किया गया।
  • marital rape
    न्यूज़क्लिक टीम
    मैरिटल रेप को अपराध मानने की ज़रूरत क्यों?
    13 May 2022
    भारत में आज भी शादी के बाद हुए बलात्कार को बलात्कार नहीं माना जाता है। सेक्शन 375 का exception 2 कहता है कि अगर बलात्कार पति करे तो उसे बलात्कार या मैरिटल रेप न माना जाए। न्यूज़क्लिक के इस विडियो में…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कांग्रेस चिंता शिविर में सोनिया गांधी ने कहा : गांधीजी के हत्यारों का महिमामंडन हो रहा है!
    13 May 2022
    जोधपुर में आयोजित हुए कांग्रेस के नव संकल्प चिंतन शिविर में पार्टी के ढांचागत बदलाव के साथ-साथ कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
  • sedition
    न्यूज़क्लिक टीम
    राजद्रोह कानून से मुक्ति मिलने की कितनी संभावना ?
    13 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन पीनल कोड की धारा 124 A की संवैधानिकता की सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा कि हम यह उम्मीद और अपेक्षा करते हैं कि जब तक यह मामला विचाराधीन है तब तक केंद्र और राज्य सरकार धारा…
  • लव पुरी
    जम्मू-कश्मीर के भीतर आरक्षित सीटों का एक संक्षिप्त इतिहास
    13 May 2022
    क्या आयोग ने अपनी सिफारिशों में पाकिस्तान-नियंत्रित कश्मीर से आने वाले प्रवासियों के संबंध में सभी राजनीतिक, ऐतिहासिक, क़ानूनी एवं मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखा है?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License