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भारत
राजनीति
'दि वायर' के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन को अग्रिम ज़मानत
वरिष्ठ वकील आई बी सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता को राज्य सरकार उस वास्तविक चूक के लिए निशाना बना रही है, जो प्राथमिकी दर्ज होने से पहले ही तत्काल सही कर ली गयी थी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 May 2020
Siddharth Varadarajan
फाइल फोटो

लखनऊ : वरिष्ठ पत्रकार और वरिष्ठ पत्रकार और आनलाइन समाचार पोर्टल 'दि वायर' के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को अग्रिम ज़मानत दे दी।

पीठ ने कहा कि आरोप पत्र दाखिल होने और संबंधित न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा संज्ञान लिये जाने के बाद भी अग्रिम जमानत मंजूर की जा सकती है। वरदराजन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बयान देने के लिए अयोध्या कोतवाली में दो प्राथमिकी दर्ज हैं।

एक प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता, आईटी कानून, आपदा प्रबंधन कानून और महामारी कानून के तहत कोतवाली अयोध्या पुलिस में दर्ज है।

न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह ने 13 मई को सुरक्षित किये गये फैसले को सुनाते हुए याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह अपना अमेरिकी पासपोर्ट तत्काल जमा कर दे और निचली अदालत की अनुमति के बिना देश छोड़कर न जायें ।

पीठ ने अग्रिम जमानत की याचिका को स्वीकार करने से पहले वरदराजन पर कई और पाबंदियां लगायीं ।

वरिष्ठ वकील आई बी सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता को राज्य सरकार उस वास्तविक चूक के लिए निशाना बना रही है, जो प्राथमिकी दर्ज होने से पहले ही तत्काल सही कर ली गयी थी।

अपर महाधिवक्ता वी के साही ने दलील दी कि याचिकाकर्ता ने जो कुछ किया, वह सांप्रदायिक सदभाव बिगाडने वाला कार्य था ।

आपको बता दें कि ‘दि वायर’ पोर्टल में प्रकाशित एक लेख के लिए इस न्यूज़ पोर्टल के सह-संस्थापक-संपादक, सिद्धार्थ वरदराजन के ख़िलाफ़ दर्ज की गयी एफ़आईआर का हवाला देते हुए देशभर के 165 पत्रकारों ने अपने एक बयान में “मीडिया से जुड़े लोगों के राजनीतिक रूप से प्रेरित उत्पीड़न” की निंदा की थी। इनकी ओर से जारी बयान में कहा गया था, “जिस तरह से यूपी सरकार और उसकी पुलिस ने एकतरफ़ा एजेंडे के साथ कार्रवाई की है, उससे बदले की भावना की बू आती है।

जब नागरिक अपने अनेक सामान्य लोकतांत्रिक अधिकारों के इस्तेमाल को लेकर सीमित कर दिये गये हों, ऐसे में राज्य पर अपनी शक्तियों के इस्तेमाल को लेकर संयम बरतने की अतिरिक्त ज़िम्मेदारी होती है। ऐसे हालात में प्रेस की आज़ादी दोगुनी अहम हो जाती है, क्योंकि लोग ख़ुद को ख़बर नहीं बना सकते हैं, लेकिन स्वतंत्र मीडिया अपने सरकारों को व्यक्त करने का सबसे अहम ज़रिया है।”

इसे पढ़ें : 165 पत्रकारों ने मीडिया की ज़बान बंद करने के यूपी सरकार के क़दम की निंदा की 

इससे पहले देश की 90 जानी-मानी हस्तियों जिनमें लेखक, पत्रकार, बुद्धिजीवी, कलाकार-संस्कृतिकर्मी और अन्य शामिल थे ने  ‘दि वायर’ के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज किए जाने की तीखी आलोचना की थी। इंडियन कल्चरल फोरम (आईसीएफ) की ओर से ‘स्वतंत्र मीडिया को डराने की कोशिश बंद करो!’ शीर्षक से जारी एक बयान में इसे मीडिया को धमकाने और उसकी आज़ादी पर लगाम लगाने की कोशिश कहा गया।  

इसे पढ़ें : देश की 90 हस्तियों ने की ‘द वायर’ के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के ख़िलाफ़ FIR की निंदा

(समाचार एजेंसी भाषा के कुछ इनुपट के साथ)

Siddharth Varadarajan
The Wire
Freedom of Journalism
UttarPradesh
yogi sarkar
BJP

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