NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अफ़ग़ानिस्तान : जारी "शांति वार्ता" के बावजूद नागरिक अपनी जान गंवा रहे
रविवार रात उत्तरी तखार प्रांत में अफग़ान सरकार के कम से कम छह सैनिक मारे गए।
पीपल्स डिस्पैच
21 Sep 2020
अफ़ग़ानिस्तान

क़तर के दोहा में जारी इंट्रा-अफगान शांति वार्ता के बावजूद संघर्ष-ग्रस्त इस देश में हिंसा कम होने का नाम नहीं ला रहा है। उत्तरी तखार प्रांत में रविवार 20 सितंबर को आतंकवादी हमले में अफगान सरकार के कम से कम छह सैनिक मारे गए। टोलो न्यूज़ के अनुसार यह हमला दश्त-ए-कला ज़िले में हुआ जो एक घंटे तक चला।

इन रिपोर्टों के अनुसार, आतंकवादियों ने दश्त-ए-कला ज़िले के नवाबाद इलाक़े में एक सुरक्षा चौकी पर हमला किया जो काबुल से 245 किमी दूर है। 12 सितंबर को शुरु हुए इंट्रा-अफगान वार्ता के बाद से देश में कई आतंकवादी हमले हुए हैं। इन हमलों में पिछले सप्ताह तक कम से कम 130 लोग मारे गए हैं और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

इससे पहले सरकारी बलों द्वारा शनिवार रात किए गए हवाई हमलों में खानाबाद ज़िले में बच्चों सहित 24 नागरिकों की मौत हो गई। शुरुआत में अफगान रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि इस हवाई हमलों 30 तालिबानी लड़ाकों को मारा गया हालांकि बाद में कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इस हमले में कई नागरिकों की भी जान चली गई।

उत्तरी कुंडुज प्रांत के सईद रमज़ान गांव में हवाई हमले हुए। लतीफ़ रहमानी सहित क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने इसकी पुष्टि की कि इसने एक घर को निशाना बनाया जो तालिबान विद्रोहियों के एक लड़ाके का है। रहमानी ने कहा कि जब किसान और ग्रामीण आग बुझाने के लिए दौड़े और पास के एक घर के अंदर फंसे परिवार के लोगों को बचाने के लिए भागे तो एक अन्य हवाई हमले की वजह से इनमें से कई लोग मारे गए।

यह कोई अलग घटना नहीं थी जिसमें दोनों पक्षों द्वारा शांति वार्ता करने के बावजूद नागरिकों को निशाना बनाया गया। इस साल जुलाई महीने में अफगान राष्ट्रीय सेना के जवानों ने दक्षिणी हेलमंद के भीड़ भाड़ वाले बाज़ार में मोर्टार दागा था जिसमें 23 लोग मारे गए थे।

Afghanistan
intra-Afghan talks
Afghan National Army

Related Stories

भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी

तालिबान को सत्ता संभाले 200 से ज़्यादा दिन लेकिन लड़कियों को नहीं मिल पा रही शिक्षा

रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं

काबुल में आगे बढ़ने को लेकर चीन की कूटनीति

तालिबान के आने के बाद अफ़ग़ान सिनेमा का भविष्य क्या है?

अफ़ग़ानिस्तान हो या यूक्रेन, युद्ध से क्या हासिल है अमेरिका को

बाइडेन का पहला साल : क्या कुछ बुनियादी अंतर आया?

सीमांत गांधी की पुण्यतिथि पर विशेष: सभी रूढ़िवादिता को तोड़ती उनकी दिलेरी की याद में 

अफ़ग़ानिस्तान में सिविल सोसाइटी और अधिकार समूहों ने प्रोफ़ेसर फ़ैज़ुल्ला जलाल की रिहाई की मांग की

पाकिस्तान को मिला अफ़ग़ानिस्तान से झटका


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License