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अफ़ग़ानिस्तान: ग़नी-अब्दुल्ला ने सत्ता बंटवारे के समझौते पर हस्ताक्षर किए
समझौते के अनुसार गनी राष्ट्रपति होंगे जबकि अब्दुल्ला शांति वार्ता का नेतृत्व करेंगे और उनकी टीम को मंत्रिमंडल में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी।
पीपल्स डिस्पैच
18 May 2020
Ashraf Ghani and Abdullah Abdullah

अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ ग़नी और उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने 17 मई को शक्ति बंटवारे के समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसे देश में शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ये समझौता दो प्रशासक होने से नव-निर्मित सरकार के भीतर महीनों से चल रहे राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करने में सक्षम होगा।

इस समझौते के अनुसार, अशरफ ग़नी अफगानिस्तान के राष्ट्रपति बने रहेंगे। हालांकि, उनके प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला तालिबान के साथ शांति वार्ता का नेतृत्व करने के अलावा सरकार में समान संख्या में मंत्री का चयन सकते हैं।

राष्ट्रपति ग़नी ने इस "समझौते को अफगानिस्तान के लिए ऐतिहासिक दिन" क़रार दिया है। समझौते के बाद अपने भाषण में उन्होंने कहा: "हम बोझ साझा करेंगे और उम्मीद है हमारा कंधा हल्का हो जाएगा।"

ग़नी और अब्दुल्ला दोनों ने दावा किया था कि उन्होंने सितंबर में हुए पिछले चुनावों में जीत हासिल की थी और अपने अपने शपथ समारोह का आयोजन किया था। हालांकि अफ़ग़ानिस्तान इंडिपेंडेंट इलेक्शन कमीशन ने अशरफ ग़नी को विजयी घोषित किया था। अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने पिछले राष्ट्रपति चुनावों के परिणाम के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया था और एक समानांतर सरकार बनाई थी।

इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद अफ़ग़ानिस्तान के मुख्य कार्यकारी के रूप में कार्य कर चुके अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा कि यह समझौता "अधिक समावेशी, जवाबदेह और योग्य प्रशासन" बनाने में सहायक होगा। उन्होंने ट्वीट किया, "अब हमें एक राष्ट्र के रूप में एक साथ आने की ज़रूरत है और जो व्यावहारिक समाधान तलाश करने की ज़रुरत है।"

राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच यह सफलता तब मिली है जब अफ़ग़ानिस्तान की पूरी आबादी देश में कोरोनोवायरस के प्रसार और आतंकी हमलों की आशंका के बीच जूझ रही है।

अप्रैल महीने में तालिबान ने इंटरा-अफगान टॉक (अफ़ग़ान के भीतर चर्चा) को राष्ट्रपति ग़नी द्वारा तालिबान क़ैदियों की उचित संख्या को रिहा करने से इनकार के बाद ख़ारिज कर दिया था। तालिबान ने इस वार्ता को "बेकार" बताया था। तालिबान ने आरोप लगाया कि 1 मार्च को तालिबान और अमेरिका के बीच शांति समझौते पर किए गए हस्ताक्षर के अनुसार अफ़ग़ान सरकार जानबूझकर शांति प्रक्रिया में देरी कर रही है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Afghanistan
United States
Ashraf Ghani
TALIBAN
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Abdullah Abdullah

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