NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अफगानिस्तानः ईरान की सीमा पर नदी में प्रवासियों के डूबने को लेकर सैकड़ों लोगों ने विरोध किया
ईरान-अफगानिस्तान की सीमा पर स्थित नदी से क़रीब अठारह शव को निकाला गया जिनके जिस्म पर यातना के निशान थे जबकि छह लोगों का अभी पता नहीं हैं। इस घटना की जांच का आदेश अफगान की सरकार ने दिया है। उधर विरोध कर रहे लोगों ने इस घटना के लिए ईरान के अधिकारियों को दोषी ठहराया है।
पीपल्स डिस्पैच
12 May 2020
अफगानिस्तान

अफगानिस्तान में लॉकडाउन लागू होने के बावजूद सोमवार 11 मई को पश्चिमी हेरात शहर में ईरानी परिषद के सामने लोग एकत्र हो गए। इन लोगों ने अफगान प्रवासियों के डूबने के ख़िलाफ़ विरोध किया जिन्हें कथित तौर पर ईरानी सीमा के सैनिकों द्वारा हरिरूद नदी में जाने के लिए मजबूर किया गया। एक्टिविस्ट ने कहा कि ये श्रमिक काम करने के लिए गए थे और कथित तौर पर ईरानियों द्वारा मार दिए गए और नदी में फेंक दिए गए।

एक प्रदर्शनकारी आरिश बशीर ने कहा, "हम संयुक्त राष्ट्र सहित मानवाधिकार संगठनों से ईरानी पुलिस द्वारा नदी में प्रवासियों के डूबाने के मामले की जांच करने की मांग करते हैं।" नाराज प्रदर्शनकारियों ने हेरात प्रांत में वाणिज्य दूतावास के बाहर "राष्ट्रपति रोहानी मुर्दाबाद, अयातुल्ला खामेनी मुर्दाबाद" जैसे नारे लगाए।

नदी से क़रीब अठारह शव को निकाला गया जिनके जिस्म पर यातना के निशान थे, जबकि अफगान अधिकारियों ने इन प्रवासियों पर अवैध रूप से सीमाओं को पार करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। गुलनार प्रांत के गवर्नर अब्दुल गनी नूरी ने माना है कि कुल 55 प्रवासियों को नदी में जाने के लिए मजबूर किया गया था। गवर्नर ने कहा, "उनमें से छह अभी भी लापता हैं।"

ईरानी अधिकारियों ने इस दावे को खारिज कर दिया है कि इसके सुरक्षा बल इन प्रवासियों की मौत में शामिल थे। इस घटना में किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया है जो कि स्पष्ट तौर पर अफगान क्षेत्र में हुई है। इस घटना ने अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी को ईरानी सीमा पर कई देशवासियों की मौत के बारे में गहन जांच पड़ताल करने के लिए दस सदस्यीय टीम बनाने के लिए मजबूर किया है।

दशकों के युद्ध और रोज़गार के अवसरों की कमी के कारण बड़ी संख्या में अफगान के लोग नियमित रूप से अपनी आमदनी के लिए ईरान की सीमा पार करते हैं। ईरान के अधिकारियों के अनुसार ईरान में दस लाख लोग अफगान शरणार्थी के रूप में पंजीकृत हैं, जबकि संयुक्त राष्ट्र के अनुसार ईरान में बिना दस्तावेज़ के लगभग दो मिलियन अफगानी रहते हैं।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Afghanistan
migrant
IRAN
Herat
International news

Related Stories

दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना

ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि

भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी

असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की

सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति

अमेरिका में महिलाओं के हक़ पर हमला, गर्भपात अधिकार छीनने की तैयारी, उधर Energy War में घिरी दुनिया

रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार

तालिबान को सत्ता संभाले 200 से ज़्यादा दिन लेकिन लड़कियों को नहीं मिल पा रही शिक्षा

रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं

दुनिया भर की: सोमालिया पर मानवीय संवेदनाओं की अकाल मौत


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License