NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अफ़ग़ानिस्तान : कोविड-19 की वजह से पोलियो की दवाई रुकने से मरीज़ बढ़े
हालांकि पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और नाइजीरिया के अलावा सारे देश पोलियो मुक्त हो चुके हैं। डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि अगर दवाई रोक दी जाती है, तो पोलियो के साथ साथ अन्य बीमारियाँ भी वापस आ सकती हैं।
पीपल्स डिस्पैच
05 May 2020
afganistan

सोमवार 4 मई को अफ़ग़ानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐलान किया कि देश में पोलियो के 6 नए मामले दर्ज किए गए हैं। अब देश में कुल मामलों की संख्या 11 हो गई है। नए मामले सामने आने की वजह यह है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से अन्य बीमारियों की दवाई को रोक दिया गया है।

जब से कोरोना महामारी फैली है, विभिन्न देशों ने स्टाफ़ की कम की वजह से अन्य नियमित दवाइयों और इलाज को बंद कर दिया है।
 
विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने पिछले महीने ही देशों को चेतावनी दी थी कि नियमित इलाज और दवाइयों ने समझौता न किया जाए। डब्ल्यूएचओ चीफ़ डॉ टेडरोस ने कहा था, "हमें दवाइयों से ठीक होने वाली बीमारियों से लड़ने में समझौता नहीं करना चाहिए, क्योंकि अगर इलाज नहीं हुआ तो ये वापस आ सकती हैं।"

TOLO न्यूज़ के मुताबिक़ अफ़ग़ानिस्तान में 10 मिलियन बच्चे 5 साल से कम उम्र के हैं जिन्हें दवाई की ज़रूरत है। हालांकि, उनमें से 2 मिलियन को देश में जारी जंग और विवाद की वजह से दवाई नहीं दी गई है। मार्च में कोविड-19 के फैलने के बाद से दवाई एकदम रोक दी गई है।

इसी दौरान Save The Children के द्वारा छपी एक रिपोर्ट में कहा गया था कोरोना महामारी की वजह से खाने की क़ीमतों में हुई बढ़त की वजह से 7 मिलियन तक बच्चे "भुखमरी, बीमारी और मौत" का शिकार हो सकते हैं।

जब मार्च से जंग के शिकार अफ़ग़ानिस्तान में लॉकडाउन लागू हुआ है, ज़रूरी चीज़ों की क़ीमतें बहुत बढ़ गई हैं। रिपोर्ट में बताया गया, "आटा और तेल की क़ीमतों में 23 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है, जबकि चीनी और दालों की क़ीमतों में 7 से 12 प्रतिशत तक का इज़ाफ़ा हुआ है।"

स्टडी में बताया गया है कि, "इस (स्वास्थ्य) संकट से पहले 2020 में मानव सहायता की ज़रूरत देश के 5.26 मिलियन बच्चों को थी।"

स्टडी में यह भी बताया गया कि अफ़ग़ानिस्तान के कामकाजी वर्ग का बड़ा हिस्सा असंगठित क्षेत्र पर निर्भर करता है, जहाँ सुरक्षा के कोई साधन नहीं है और काम भी कम है। यह भी बताया गया है कि लॉकडाउन में काम न मिलने के कारण दिहाड़ी मज़दूरों की दिहाड़ी में भी काफ़ी गिरावट आई है।

फ़िलहाल देश में 1000 लोगों पर 0.3 डॉक्टर हैं। राजनीतिक उथल पुथल जा सबसे गहरा असर अफ़ग़ानिस्तान की स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ा है।

अफ़ग़ानिस्तान में अब कोरोना वायरस के 2700 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें 85 लोगों की मौत हो चुकी है। चूंकि टेस्टिंग की संख्या कम है, और मामले भी कम रिपोर्ट हुए हैं इसलिए अनुमान है कि यह संख्या बढ़ सकती है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Afganistan
Coronavirus
Polio
Polio cases increase
Epidemic corona Virus
WHO

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 27 फीसदी की बढ़ोतरी

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के घटते मामलों के बीच बढ़ रहा ओमिक्रॉन के सब स्ट्रेन BA.4, BA.5 का ख़तरा 

कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक

कोरोना अपडेट: देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के सब स्ट्रेन BA.4 और BA.5 का एक-एक मामला सामने आया

कोरोना अपडेट: देश में फिर से हो रही कोरोना के मामले बढ़ोतरी 

कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दुनिया का नज़रिया नहीं बदल पाई

कोरोना अपडेट: अभी नहीं चौथी लहर की संभावना, फिर भी सावधानी बरतने की ज़रूरत

कोरोना अपडेट: दुनियाभर के कई देशों में अब भी क़हर बरपा रहा कोरोना 

कोरोना अपडेट: देश में एक्टिव मामलों की संख्या 20 हज़ार के क़रीब पहुंची 


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License