NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आपातकाल पर राहुल के बयान के बाद अब बीजेपी से गुजरात दंगों के लिए माफ़ी की मांग
“आपातकाल एक ग़लती थी” राहुल गांधी के यह स्वीकारने के बाद एनसीपी ने भाजपा से भी 2002 के गुजरात दंगें के लिए देश से माफ़ी मांगने की मांग की है। उधर, भाजपा ने राहुल के आरएसएस के बारे में दिए गए बयान को ख़ारिज किया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
03 Mar 2021
आपातकाल पर राहुल के बयान के बाद अब बीजेपी से गुजरात दंगों के लिए माफ़ी की मांग

नयी दिल्ली: पांच राज्यों में चुनाव के मौसम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान को लेकर बहस तेज़ हो गई है। राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल एक “गलती” थी। उन्होंने एक तरह से इसपर खेद जताया।

उन्होंने कहा कि उस दौरान जो भी हुआ वह “गलत” था लेकिन वर्तमान परिप्रेक्ष्य से बिलकुल अलग था क्योंकि कांग्रेस ने कभी भी देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास नहीं किया।

अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु के साथ हुई बातचीत में गांधी ने कहा कि वह कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र के पक्षधर हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी, देश को उसका संविधान दिया और समानता के लिए खड़ी हुई।

आपातकाल पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि वह एक गलती थी। बिलकुल, वह एक गलती थी। और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी ऐसा कहा था।”

आपातकाल के अंत में इंदिरा गांधी ने चुनाव की घोषणा की थी इस बाबत प्रणब मुखर्जी ने बसु से कहा था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें हारने का डर था।

इस संबंध में पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि आपातकाल में जो भी हुआ वह “गलत” था और उसमें तथा आज की परिस्थिति में मूलभूत अंतर है।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी ने भारत के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास कभी नहीं किया और कांग्रेस के पास ऐसा करने की काबिलियत भी नहीं है। हम ऐसा करना चाहें तब भी हमारी संरचना ऐसी है कि हम नहीं कर पाएंगे।”

गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुछ ऐसा कर रहा है जो अपने मौलिक रूप में भिन्न है।

उन्होंने कहा कि आरएसएस देश के संस्थानों में अपने लोगों की भर्ती कर रहा है।

उन्होंने कहा, “अगर हम भाजपा को चुनाव में हरा भी दें तब भी हम संस्थागत ढांचे में उनके लोगों से छुटकारा नहीं पा सकेंगे।”

गांधी ने कमलनाथ के साथ हुई बातचीत को याद करते हुए कहा कि नाथ ने उन्हें बताया कि मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते थे क्योंकि वे आरएसएस के लोग थे और उन्हें जैसा कहा जाता था वैसा वह नहीं करते थे।

गांधी ने कहा, “इसलिए, यह जो कुछ भी हो रहा है, बिलकुल अलग हो रहा है।”

उन्होंने आश्चर्य जताया कि यह सवाल क्यों नहीं उठता कि भाजपा, बसपा और सपा में आंतरिक लोकतंत्र क्यों नहीं है। उन्होंने कहा है कांग्रेस के बारे में ऐसे सवाल पूछे जाते हैं क्योंकि यह एक ‘वैचारिक पार्टी’ है। इसलिए हमारे लिए लोकतांत्रिक होना अधिक महत्वपूर्ण है।

राहुल का संस्थागत ढांचे पर कांग्रेस के कब्जे से इंकार संबंधी बयान हास्यास्पद्: भाजपा

भाजपा ने बुधवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस बयान को ‘‘हास्यास्पद’’ करार दिया। पार्टी ने आरएसएस के बारे में राहुल के बयान को खारिज करते हुए यह भी कहा कि राहुल गांधी को राष्ट्रीय स्वयं सेवक को समझने में ‘‘बहुत समय’’ लगेगा।

भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से जब राहुल के आपालकाल संबंधी स्वीकारोक्ति के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह आज इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहते लेकिन उनका अगला वाक्य महत्वपूर्ण है जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने कभी भी देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास नहीं किया।

जावड़ेकर ने कहा, ‘‘आपातकाल के दौरान सारे संस्थानों को बंद कर दिया। सारे संगठनों की आजादी खत्म कर दी। सभी पार्टियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। सारे सांसदों और विधायकों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। लाखों लोगों को बंदी बनाया गया। साथ ही साथ अखबारों की आजादी खत्म कर दी।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ संस्थागत ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचाया, ये कहना हास्यास्पद है।’’

जावड़ेकर से राहुल गांधी के आरएसएस संबंधी टिप्पणी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने दावा किया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को आरएसएस को समझने में बहुत समय लगेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘आरएसएस देशभक्ति की दुनिया में सबसे बड़ी पाठशाला है। इसलिए दुनिया में उसका आदर है और भारत में इसकी भूमिका है। लोगों में अच्छा परिवर्तन लाना, लोगों को देशभक्ति के लिए प्रेरित करना, यही संघ करता है।’’

अब भाजपा को गुजरात दंगों के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए: एनसीपी

उधर, शरद पवार नीत राकांपा यानी एनसीपी ने बुधवार को दो दशक पहले हुए गुजरात दंगों को लेकर भाजपा से माफी मांगने को कहा, जिस तरह कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने करीब चार दशक पहले उनकी दादी एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाए जाने को लेकर खेद जताया है।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एवं राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, ' अब भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बारी है कि वे स्वीकार करें कि गुजरात दंगे गलत थे। भाजपा को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।'

विधान भवन के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए मलिक ने कहा, ' 45 साल बाद राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि आपातकाल लागू करना एक गलती थी। कांग्रेस ने 84 के सिख विरोधी दंगों के लिए भी माफी मांगी थी।'

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, ' इसमें कुछ भी गलत नहीं है कि राहुल गांधी एक पुरानी गलती के लिए माफी मांग रहे हैं। दूसरी तरफ देखें तो यह एक उदारता है।'

पटोले ने आरोप लगाया कि गुजरात दंगे मानवता पर धब्बा थे। क्या भाजपा और मोदी इसके लिए माफी मांगेंगे?

राकांपा और कांग्रेस की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र भाजपा के प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस ने लोगों की भावनाओं की चिंता किए बगैर आपातकाल लागू किया था।

उन्होंने कहा, ' गुजरात दंगा एक अलग मसला है। दो मुद्दों (गुजरात दंगे और आपातकाल) की तुलना नहीं की जा सकती।'

 (समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

 

Rahul
Emergency
BJP
Gujarat Riots

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    खोज ख़बर : मस्जिद दर मस्जिद भगवान की खोज नहीं, नफ़रत है एजेंडा, हैदराबाद फ़र्ज़ी एनकाउंटर के बड़े सवाल
    24 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने एक के बाद एक मस्जिद में भगवान की खोज के नफ़रती एजेंडे को बेनक़ाब करते हुए सरकारों से पूछा कि क्या उपलब्धियों के नाम पर मुसलमानों के ख़िलाफ उठाए गये कदमों को…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानव्यापी- क़ुतुब में उलझा भारत कब राह पर आएगा ?
    24 May 2022
    न्यूज़चक्र में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा बात कर रहे हैं कि सत्ता पक्ष आखिर क्यों देश को उलझा रहा है ज्ञानवापी, क़ुतब मीनार, ताज महल जैसे मुद्दों में। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों की बात कब होगी…
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी: भारी नाराज़गी के बाद सरकार का कहना है कि राशन कार्ड सरेंडर करने का ‘कोई आदेश नहीं’ दिया गया
    24 May 2022
    विपक्ष का कहना है कि ऐसे समय में सत्यापन के नाम पर राशन कार्ड रद्द किये जा रहे हैं जब महामारी का समय अधिकांश लोगों के लिए काफी मुश्किलों भरे रहे हैं।
  • सोनिया यादव
    देश में लापता होते हज़ारों बच्चे, लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में 5 गुना तक अधिक: रिपोर्ट
    24 May 2022
    ये उन लापता बच्चों की जानकारी है जो रिपोर्ट हो पाई हैं। ज़्यादातर मामलों को तो पुलिस मानती ही नहीं, उनके मामले दर्ज करना और उनकी जाँच करना तो दूर की बात है। कुल मिलाकर देखें तो जिन परिवारों के बच्चे…
  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई के लिए 26 मई की तारीख नियत
    24 May 2022
    मुकदमा चलाने लायक है या नहीं, इस पर अदालत 26 मई को सुनवाई करेगी। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License