NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
महीनों के विरोध के बाद, मैक्कलेन की मौत के लिए अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ़ को दोषी ठहराया गया
मैक्कलेन की मृत्यु के दो साल बाद, अमेरिकी राज्य कोलोराडो में एक ग्रैंड जूरी द्वारा तीन पुलिस अधिकारियों और दो पैरामेडिकल स्टाफ़ सहित पांच लोगों को दोषी ठहराया गया।
पीपल्स डिस्पैच
02 Sep 2021
महीनों के विरोध के बाद, मैक्कलेन की मौत के लिए अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ़ को दोषी ठहराया गया

दो साल से अधिक के संघर्ष के बाद और पुलिस हत्याओं के खिलाफ देशव्यापी विद्रोह के एक साल बाद एक ग्रैंड जूरी ने एलिजा मैकक्लेन की मौत के लिए पांच लोगों को दोषी ठहराया है। बुधवार 1 सितंबर को साल 2019 में एलिजा मैकक्लेन की हिंसक टकराव और अंतिम रुप से मौत में शामिल तीन पुलिस अधिकारियों और दो पैरामेडिकल स्टाफ को कोलोराडो प्रांत में एक ग्रैंड जूरी द्वारा दोषी ठहराया गया था।

इन पांच लोगों को कुल 32 आरोपों का सामना करना पड़ रहा है जिसमें अन्य आरोपों के साथ हत्या और लापरवाही का मामला शामिल है। ये तीन अधिकारी रैंडी रोएडेमा, नाथन वुडयार्ड और जेसन रोसेनब्लैट हैं जबकि दो पैरामेडिकल स्टाफ जेरेमी कूपर और पीटर सिचुनिएक हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस ग्रैंड जूरी ने अंतिम रुप से कहा कि इन अधिकारियों ने मैकक्लेन के खिलाफ अत्यधिक बल का इस्तेमाल किया, भले ही उसके कुछ भी अवैध करने का कोई सबूत नहीं था।

23 वर्षीय अश्वेत व्यक्ति मैकक्लेन को 24 अगस्त 2019 को कोलोराडो के औरोरा में फोन पर कथित रूप से संदिग्ध व्यवहार की सूचना देने पर पकड़ा गया था। भले ही कॉल करने वाले ने मैकक्लेन द्वारा किसी आपराधिक गतिविधि या व्यवहार का उल्लेख नहीं किया फिर भी पुलिस ने उन्हें हिंसक रूप से रोकने की कोशिश की।

अधिकारियों के बॉडी कैम की फुटेज के अनुसार मैक्लेन को जमीन पर गिरा दिया गया और वर्तमान में प्रतिबंधित कैरोटीड होल्ड किया गया जिसे आमतौर पर चेक होल्ड कहा जाता है। इस दौरान वे अधिकारियों से बार-बार कहते रहे कि मैं सांस नहीं ले सकता। इस दौरान उनको कई बार उल्टी भी आई।

बाद में घटनास्थल पर दो पैरामेडिकल स्टाफ पहुंचे । अधिकारियों ने जब मैं क्लोन को पकड़ा हुआ था तब इन मेडिकल स्टाफ ने केटामाइन की करीब 500 एमजी का इंजेक्शन दिया।।एक पैरामेडिकल स्टाफ के अनुसार माइग्रेन का पल्स खत्म हो चुका था। इस पैरामेडिकल स्टाफ ने काटा विंडोज देने की बात स्वीकारी। 27 अगस्त को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया और 30 अगस्त को मृत्यु हो गई।

इस मौत की घटना ने और आरा में व्यापक पैमाने पर आंदोलन को जन्म दे दिया। कोलोराडो में मैक्लेन के परिवार और एक्टिविस्ट पूरी जांच की मांग कर रहे थे और अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ को सजा दिलाने की मांग कर रहे थे। औरोरा सिटी काउंसिल ने इस साल फरवरी महीने में मैक्लेन की डेट मैक्लेन की मौत को लेकर जांच की। इस रिपोर्ट में घटना को लेकर पुलिस के वर्जन, पुलिस की प्रतिक्रिया और पैरामेडिकल की प्रतिक्रिया पर काफी आलोचना की गई।

Elijah McClain
McClain death
America

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

लखनऊ में नागरिक प्रदर्शन: रूस युद्ध रोके और नेटो-अमेरिका अपनी दख़लअंदाज़ी बंद करें

यूक्रेन पर रूस के हमले से जुड़ा अहम घटनाक्रम

यूक्रेन की बर्बादी का कारण रूस नहीं अमेरिका है!

कोविड -19 के टीके का उत्पादन, निर्यात और मुनाफ़ा

अमेरिका और चीन के राष्ट्रपति के बीच वार्ता का दांव और अफ़ग़ानिस्तान के बहाने शांति का दौर

क्या बंदूक़धारी हमारे ग्रह को साँस लेने देंगे


बाकी खबरें

  • भाषा
    चारा घोटाला: झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू यादव को डोरंडा कोषागार मामले में ज़मानत दी
    22 Apr 2022
    लालू प्रसाद के खिलाफ रांची में चारा घोटाले का यह अंतिम मामला था और अब उनके खिलाफ पटना में ही चारा घोटाले के मामले विचाराधीन रह गये हैं। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में…
  • अजय कुमार
    जहांगीरपुरी में चला बुल्डोज़र क़ानून के राज की बर्बादी की निशानी है
    22 Apr 2022
    बिना पक्षकार को सुने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। कानून द्वारा निर्धारित यथोचित प्रक्रिया को अपनाए बिना किसी तरह के डिमोलिशन की करवाई करना अन्याय है। इस तरह के डिमोलिशन संविधान के अनुच्छेद…
  • लाल बहादुर सिंह
    संकट की घड़ी: मुस्लिम-विरोधी नफ़रती हिंसा और संविधान-विरोधी बुलडोज़र न्याय
    22 Apr 2022
    इसका मुकाबला न हिन्दू बनाम हिंदुत्व से हो सकता, न ही जातियों के जोड़ गणित से, न केवल आर्थिक, मुद्दा आधारित अर्थवादी लड़ाइयों से। न ही महज़ चुनावी जोड़ तोड़ और एंटी-इनकंबेंसी के भरोसे इन्हें परास्त किया…
  • अनिल अंशुमन
    झारखंड: पंचायत चुनावों को लेकर आदिवासी संगठनों का विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला
    22 Apr 2022
    कई आदिवासी संगठन पंचायती चुनावों पर रोक लगाने की मांग को लेकर राजभवन पर लगातार धरना दे रहें हैं। 
  • अनिल जैन
    मुद्दा: हमारी न्यायपालिका की सख़्ती और उदारता की कसौटी क्या है?
    22 Apr 2022
    कुछ विशेष और विशिष्ट मामलों में हमारी अदालतें बेहद नरमी दिखा रही हैं, लेकिन कुछ मामलों में बेहद सख़्त नज़र आती हैं। उच्च अदालतों का यह रुख महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली और दूसरे…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License