NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
विधानसभा चुनावों के बाद एकबार फिर पेट्रोल, डीजल की कीमत लगातार दूसरे दिन बढ़ी
पेट्रेलियम उत्पादों का खुदरा कारोबार करने वाली सरकारी कंपनियों द्वारा पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान करीब 18 दिनों तक कीमतों में यथास्थित बनाए रखने के बाद एक बार फिर दैनिक आधार पर संशोधन शुरू किया गया है।
भाषा
05 May 2021
विधानसभा चुनावों के बाद एकबार फिर पेट्रोल, डीजल की कीमत लगातार दूसरे दिन बढ़ी

नई दिल्ली : पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बुधवार को लगातार दूसरे दिन बढ़ोतरी हुई। पेट्रेलियम उत्पादों का खुदरा कारोबार करने वाली सरकारी कंपनियों द्वारा पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान करीब 18 दिनों तक कीमतों में यथास्थित बनाए रखने के बाद एक बार फिर दैनिक आधार पर संशोधन शुरू किया गया है।

तेल विपणन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल की कीमत में 19 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 21 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है।

राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल अब 90.74 रुपये प्रति लीटर और डीजल 81.12 रुपये प्रति लीटर के भाव पर मिल रहा है।

कराधान (वैट) की स्थानीय दरों और भाड़े में अंतर के आधार पर देश के अलग-अलग हिस्सों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में अंतर होता है।

इससे पहले मंगलवार को पेट्रोल 15 पैसे प्रति लीटर और डीजल 18 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ था।

मुंबई में पेट्रोल की कीमत 96.95 रुपये से बढ़कर 97.12 रुपये प्रति लीटर हो गई, जबकि डीजल का भाव 87.98 रुपये से बढ़कर 88.19 रुपये हो गया।

fuel price hike
Petrol & diesel price
Modi government
Rising inflation

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

आख़िर फ़ायदे में चल रही कंपनियां भी क्यों बेचना चाहती है सरकार?

तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते

'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग

मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?

कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है

ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता


बाकी खबरें

  • भाषा
    दिल्ली विधानसभा : भाजपा के दो विधायकों को मार्शल ने सदन से बाहर निकाला
    29 Mar 2022
    दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों द्वारा कानून-व्यवस्था सहित अन्य मुद्दे उठाए जाने के दौरान कथित रूप से व्यवधान डालने पर विधानसभा अध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक…
  • नाइश हसन
    सियासत: दानिश अंसारी के बहाने...
    29 Mar 2022
    बीजेपी ने कभी मुस्लिम जनसंख्या के हिसाब से उसे नुमाइंदगी देने या उनके संपूर्ण विकास के लिए काम नहीं किया। बस पिक एण्ड चूज के आधार पर कुछ मुसलमान जो मुसलमानों के ही ख़िलाफ़ खुल कर खड़े हो सकें बस उनको…
  • अखिलेन्द्र प्रताप सिंह
    एक देश एक चुनाव बनाम लोकतांत्रिक सरोकार
    29 Mar 2022
    लगातार होने वाले चुनावों ने क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को फलने-फूलने का मौका प्रदान किया है और उनकी क्षेत्रीय आकांक्षाओं को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पटल पर एक महत्व दिया है, और इस प्रकार से भारत में…
  • उपेंद्र स्वामी
    श्रीलंका संकट: दर्द भी क़र्ज़ और दवा भी क़र्ज़
    29 Mar 2022
    दुनिया भर की: यह कोई आकस्मिक घटनाक्रम नहीं है। कोविड के दौर ने इसकी रफ़्तार और मार को भले ही थोड़ा तेज़ बेशक कर दिया हो लेकिन यह लंबे समय से चली आ रही नीतियों का नतीजा है। यह संकट उन तमाम…
  • प्रेम कुमार
    विश्लेषण: दिल्ली को सिंगापुर बनाने के सपने में आंकड़ों का फरेब
    29 Mar 2022
    अगर 5 साल बाद दिल्ली में रोजगार का स्तर 45 फीसदी के स्तर तक ले जाना है तो इसके लिए कम से कम 1.63 करोड़ लोगों के पास रोजगार रहना चाहिए। ऐसा तभी संभव है जब इन पांच सालों में 63 लाख अतिरिक्त लोगों को…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License