NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
दो साल के संघर्ष के बाद पेरिस के आईबिस होटल के चैंबरमेड्स ने वेतन वृद्धि की लड़ाई जीती
22 महीने के अथक संघर्ष के बाद पेरिस के आईबिस बैटिग्नोल्स होटल के लगभग 20 चैंबरमेड्स ने बेहतर वेतन और काम करने की स्थिति हासिल कर ली।
पीपल्स डिस्पैच
27 May 2021
दो साल के संघर्ष के बाद पेरिस के आईबिस होटल के चैंबरमेड्स ने वेतन वृद्धि की लड़ाई जीती

पेरिस के आईबिस बैटिग्नोल्स होटल के चैंबरमेड्स ने दो साल के संघर्ष और आठ महीने की हड़ताल के बाद बेहतर वेतन और काम करने की स्थिति हासिल कर ली। एक्कोर(Accor) समूह के स्वामित्व वाले होटल में एक उप-अनुबंधित सेवा में 20 से अधिक चैंबरमेड्स ने बेहतर काम करने की स्थिति के लिए 17 जुलाई 2019 को आंदोलन शुरू किया था। मंगलवार 25 मई को प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने एक्कोर समूह और सफाई व खानपान एजेंसी एसटीएन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए,जिसके तहत चैंबरमेड्स को € 250 (304.90अमेरिकी डॉलर) से € 500 (609 अमेरिकी डॉलर)प्रति माह वेतन मिलने के साथ कार्यभार में कमी होगी।

द प्रेस्टिज एंड बजट होटल सेक्शन ऑफ द जनरल कन्फेडरेशन ऑफ लेबर (सीजीटी-एचपीई) ने पूरे संघर्ष के दौरान चैंबरमेड्स (ज्यादातर उप सहारा अफ्रीका के प्रवासी हैं) का समर्थन किया है और हड़ताल के दौरान कर्मचारियों का समर्थन करने के लिए एक सॉलिडरिटी फंड भी जुटाई है।

रिपोर्टों के अनुसार, चैंबरमेड्स ने अपना विरोध तब शुरू किया जब ऑक्यूपेशनल डीजीज वाले 10 कर्मचारियों ने हेवी वर्कलोड से इनकार करने पर स्थानांतरण की धमकी दी गई थी। उन्हें 700 कमरे वाले होटल (फ्रांस में दूसरा सबसे बड़ा आईबिस होटल 3.5 कमरे प्रति घंटे की दर से यानी एक कमरे के लिए 17 मिनट) साफ करने के लिए कहा गया था। 22 महीनों के संघर्ष की समाप्ति पर भले ही एक्कोर समूह द्वारा इन चैंबरमेड्स को काम पर नहीं रखा गया और उप-अनुबंधित कर्मचारी बने रहे फिर भी उन्होंने महत्वपूर्ण वेतन वृद्धि, कार्यभार में कमी, दिन के दौरान एक ब्रेक, एक दिन में कम से कम पांच घंटे के काम को लेकर जीत हासिल कर ली है।

आईबिस बैटिग्नोल्स में चैंबरमेड्स की इस जीत को श्रमिक वर्गों द्वारा एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में माना गया है क्योंकि यह हॉस्पिटलिटी सेक्टर में उप-अनुबंधित श्रमिकों विशेष रूप से प्रवासियों और महिलाओं को अधिकारों और सम्मान के मामले में सशक्त बनाएगा।

हड़ताल करने वाले चैंबरमेड्स के एक नेता राचेल केके ने फ्रांसीसी मीडिया को बताया कि "हमने जो हासिल किया है उस पर हमें गर्व है क्योंकि हमने अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ी, हमने कभी हार नहीं मानी। मैं अपने साथियों से कहता रहा कि हमें थोड़ा इंतजार करना होगा, हम अंत में जीतेंगे। और अब हमारे पास यह शानदार जीत है।"

Paris
IBIS
Ibis Hotel Strike

Related Stories

मैक्रों की जीत ‘जोशीली’ नहीं रही, क्योंकि धुर-दक्षिणपंथियों ने की थी मज़बूत मोर्चाबंदी

क्यों पराजित हुआ पेरिस कम्यून ?

जब पेरिस कम्यून को खून में डूबो दिया गया

जब पहली बार पेरिस के मज़दूरों ने बोला स्वर्ग पर धावा


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License