NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
शिक्षा
भारत
राजनीति
'ऐश्वर्या ने आत्महत्या नहीं की, उन्हें सरकार के भ्रष्ट सिस्टम ने मारा है'
देश के नामी शिक्षण संस्थानों में शुमार दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा और प्रसिद्ध इंस्पायर छात्रवृति पाने वाली ऐश्वर्या की आत्महत्या ने देशभर के शिक्षाविदों और छात्रों को झकझोर कर रख दिया है। आत्महत्या से पहले लिखे गए सुसाइड नोट में ऐश्वर्या ने अपनी आर्थिक बेबसी को बयां किया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
09 Nov 2020
'ऐश्वर्या ने आत्महत्या नहीं की, उन्हें सरकार के भ्रष्ट सिस्टम ने मारा है'

"कोई भी मेरी मौत के लिए जिम्मेदार नहीं है। मेरी वजह से घर पर बहुत सारे खर्च हो रहे हैं, मैं उन पर बोझ हूँ। मेरी शिक्षा एक बोझ है। मैं पढ़ाई किए बिना नहीं रह सकती। मैं कई दिनों से सोच रही थी और मुझे ऐसा लग रहा था कि मौत ही मेरे लिए सही विकल्प है। लोग मेरी मौत के कुछ कारणों को स्थापित करने की कोशिश करेंगे, लेकिन मैंने कोई पाप नहीं किया है। कृपया प्रयास करें और सुनिश्चित करें कि INSPIRE छात्रवृत्ति कम से कम एक वर्ष में दे दी जाए। सब लोग मुझे क्षमा करें। मैं एक अच्छी बेटी नहीं हूँ।" ऐश्वर्या ने ये अपने सुसाइड नोट में लिखा जो दिखाता है कि देश में प्रतिभा अवसर और साधन के अभाव में दम तोड़ रही है।

आपको बता दें ऐश्वर्या देश के सबसे प्रसिद्ध संस्थान में से एक दिल्ली स्थित लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमन की छात्रा थी। उन्होंने 3 नवंबर को आत्महत्या कर ली। उनकी मौत का कारण मार्च से स्कॉलरशिप नहीं मिलना बताया जा रहा है। तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले की निवासी ऐश्वर्या राज्य की 12वीं कक्षा की परीक्षा की टॉपर थी।

वो गणित की छात्रा थीं। शिक्षा को अपने जीवन में कितन महत्वपूर्ण मानती थीं। उसको समझने के लिए एकबार फिर उनका सुसाइड नोट पढ़ना चाहिए। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में कहा कि वह अपने परिवार पर बोझ नहीं बनना चाहती थी और बिना शिक्षा के जीवन नहीं चाहती थी।

उनकी मौत ने देश में एक बार फिर अफोडेवल एजुकेशन सिस्टम को लेकर विमर्श शुरू कर दिया। देश भर में छात्र इससे आहत हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आज 9 नवंबर को एचसीयू में प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा दिल्ली स्थिति डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी  पर डीयू जेएनयू,एयूडी के छात्रों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी ऐश्वर्या के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं और उसकी मौत को “संस्थागत हत्या” बता रहे हैं। उनका कहना है, 'ऐश्वर्या ने आत्महत्या नहीं की है। उन्हें सरकार के भ्रष्ट सिस्टम ने मारा है।'

image

स्कॉलरशिप में देरी और हॉस्टल छोड़ने का नोटिस

ऐश्वर्या विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार से INSPIRE छात्रवृत्ति प्राप्त कर रही थीं। हालांकि, मार्च के बाद से सरकार की ओर से छात्रवृति नहीं दी गई थी। इसने उन्हें और उनके परिवार को और अधिक वित्तीय दबाव में डाल दिया।

स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की दिल्ली इकाई ने इसको लेकर आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। इसे ऐश्वर्या की माता ने भी संबोधित किया। उन्होंने बताया कि कैसे उनका परिवार इस महामारी के समय आर्थिक तंगी से गुजर रहा था और वो ऐश्वर्या की आर्थिक रूप से मदद नहीं कर पा रहे थे, जिससे वो परेशान थी।

आपको बता दें कि ऐश्वर्या आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आती थीं। उनके पिता मोटरसाइकिल मैकेनिक हैं और पिछले कुछ महीने से आमदनी भी न के बराबर ही रही है। उनकी माँ ने कहा "मेरी बेटी जिस स्थिति से गुज़री, वह किसी और बेटी के साथ नहीं होनी चाहिए।

पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस यहां सुने

ऐश्वर्या ने एलएसआर छात्रों की समावेशी शिक्षा समिति को स्पष्ट कर दिया था कि उनके पास ऑनलाइन कक्षाओं के लिए उचित इंटरनेट कनेक्शन नहीं है। उसने कहा था कि वह अपनी पढ़ाई के लिए सर्वश्रेष्ठ नहीं दे सकती थी क्योंकि उसके पास लैपटॉप नहीं था और उसके लिए अध्ययन सामग्री उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा, उसकी कक्षाओं का समय उसके घरेलू काम से जुड़ा हुआ भी था।

इस समिति के सह-संयोजक लक्ष्मी ने कहा, 'समिति ने बार-बार एलएसआर प्रशासन को ईमेल भेजे हैं, लेकिन सभी व्यर्थ हैं क्योंकि उन्होंने भी कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी। इसके अलावा, छात्रवृत्ति में देरी केंद्र की उदासीनता की ओर इशारा करती है।'

एलएसआर के छात्र संघ महासचिव, उन्नीमाया जो ऐश्वर्या की दोस्त भी है, उन्होंने उनकी मौत के बारे में तथ्यों का पता लगाने के बाद एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि छात्र एलएसआर प्रशासन के अचानक लिए गए निर्णय से प्रभावित थी, जिसमे कॉलेज प्रशासन ने सिवाय प्रथम वर्ष के छात्रों को छोड़कर सभी छात्रों के लिए छात्रावास सुविधाओं को रद्द करने का आदेश दिया गया था। उन्होंने कहा, “कॉलेज प्रशासन को प्रभाव की परवाह किए बिना उठाए गए कदमों का जवाब देना चाहिए।”

उन्होंने यह भी कहा कि “यह कथित तौर पर उन्हें बताया गया था कि छात्रवृत्ति की राशि दूसरे वर्ष के समापन के बाद ही आ सकती है। UGC और अन्य एजेंसियां छात्रवृत्ति प्रदान करने में विफल रही हैं और इसके लिए उन्होंने महामारी का हवाला दिया।”

इस घटना के बाद न्यूज़क्लिक ने कॉलेज के प्रिंसिपल सुमन शर्मा से उनकी टिप्पणियों के लिए संपर्क किया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। बाद में, उन्होंने संदेश के माध्यम से भेजे गए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।

हालांकि अन्य मीडिया संस्थानों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम उनकी मदद करने में असमर्थ थे। हालाँकि, उसने अपने समस्याओं को लेकर कभी भी गणित विभाग या छात्रावास के अधिकारियों से संपर्क नहीं किया। कॉलेज में कई योजनाएं और छात्रवृत्ति हैं, लेकिन उन्होंने कभी सहायता नहीं मांगी। हमारे पास मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए कई तंत्र हैं, लेकिन दुर्भाग्य से वह उन लोगों के लिए नहीं पहुंची।”

Aishwarya suicide Case
Lady Shriram College
Student Protests
SFI
poverty
Delhi University
AAP
Arvind Kejriwal
BJP
Narendra modi
modi sarkar
Corruption
education in india
education

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट : डाडा जलालपुर में अभी भी तनाव, कई मुस्लिम परिवारों ने किया पलायन

हिमाचल प्रदेश के ऊना में 'धर्म संसद', यति नरसिंहानंद सहित हरिद्वार धर्म संसद के मुख्य आरोपी शामिल 

ग़ाज़ीपुर; मस्जिद पर भगवा झंडा लहराने का मामला: एक नाबालिग गिरफ़्तार, मुस्लिम समाज में डर

लखीमपुर हिंसा:आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने के लिए एसआईटी की रिपोर्ट पर न्यायालय ने उप्र सरकार से मांगा जवाब

टीएमसी नेताओं ने माना कि रामपुरहाट की घटना ने पार्टी को दाग़दार बना दिया है

चुनाव के रंग: कहीं विधायक ने दी धमकी तो कहीं लगाई उठक-बैठक, कई जगह मतदान का बहिष्कार

कौन हैं ओवैसी पर गोली चलाने वाले दोनों युवक?, भाजपा के कई नेताओं संग तस्वीर वायरल


बाकी खबरें

  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    खोज ख़बर : मस्जिद दर मस्जिद भगवान की खोज नहीं, नफ़रत है एजेंडा, हैदराबाद फ़र्ज़ी एनकाउंटर के बड़े सवाल
    24 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने एक के बाद एक मस्जिद में भगवान की खोज के नफ़रती एजेंडे को बेनक़ाब करते हुए सरकारों से पूछा कि क्या उपलब्धियों के नाम पर मुसलमानों के ख़िलाफ उठाए गये कदमों को…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानव्यापी- क़ुतुब में उलझा भारत कब राह पर आएगा ?
    24 May 2022
    न्यूज़चक्र में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा बात कर रहे हैं कि सत्ता पक्ष आखिर क्यों देश को उलझा रहा है ज्ञानवापी, क़ुतब मीनार, ताज महल जैसे मुद्दों में। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों की बात कब होगी…
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी: भारी नाराज़गी के बाद सरकार का कहना है कि राशन कार्ड सरेंडर करने का ‘कोई आदेश नहीं’ दिया गया
    24 May 2022
    विपक्ष का कहना है कि ऐसे समय में सत्यापन के नाम पर राशन कार्ड रद्द किये जा रहे हैं जब महामारी का समय अधिकांश लोगों के लिए काफी मुश्किलों भरे रहे हैं।
  • सोनिया यादव
    देश में लापता होते हज़ारों बच्चे, लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में 5 गुना तक अधिक: रिपोर्ट
    24 May 2022
    ये उन लापता बच्चों की जानकारी है जो रिपोर्ट हो पाई हैं। ज़्यादातर मामलों को तो पुलिस मानती ही नहीं, उनके मामले दर्ज करना और उनकी जाँच करना तो दूर की बात है। कुल मिलाकर देखें तो जिन परिवारों के बच्चे…
  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई के लिए 26 मई की तारीख नियत
    24 May 2022
    मुकदमा चलाने लायक है या नहीं, इस पर अदालत 26 मई को सुनवाई करेगी। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License