NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अल्जीरियाः अदालत ने हिरक आंदोलन के प्रदर्शनकारी यासीन मेबार्की को 10 साल जेल की सज़ा सुनाई
अल्जीयर्स के अभियोजकों के कार्यालय ने पत्रकार-कार्यकर्ता फोडिल बोउमाला के लिए 2 साल की जेल की सज़ा मांग की है
पीपल्स डिस्पैच
09 Oct 2020
Yacine Mebarki

अल्जीरिया ने सरकार -विरोधी हिरक प्रदर्शनकारियों और स्वतंत्र पत्रकारों पर कार्रवाई तेज़ कर दी है। गुरुवार 8 अक्टूबर को एक अदालत ने 77000 डॉलर के कठोर जुर्माने के साथ प्रसिद्ध हिरक आंदोलन के सदस्य यासीन मेबार्की को दस साल जेल की सजा सुनाई है।

मेबर्की को 6 अक्टूबर में शुरू हुए मुक़दमे में 'नास्तिकता को उकसाने', 'इस्लाम के सिद्धांत व नियमों को खारिज करने या अपमान करने' और 'राष्ट्रीय एकता को कमज़ोर' करने जैसे आरोपों के बाद सजा सुनाई गई थी। मेबार्की के साथ बोउमाला को लेकर अदालत में अल्जीयर्स स्थित अभियोजन पक्ष के कार्यालय द्वारा इसी तरह की अपील करने के बाद दो साल की जेल और 700 डॉलर जुर्माना लगाया गया।

कई अन्य हिरक आंदोलन के सदस्य, पत्रकार, कार्यकर्ता और सामान्य रूप से नागरिक समाज के सदस्य जिनमें पत्रकार एल कादी इहसेन, अब्देलकिरम ज़ेगिलेचे और खालिद ड्रारेनी शामिल हैं, उन्हें इसी तरह के आरोपों को लेकर जेल की सज़ा सुनाई गई, जुर्माने लगाए गए या हिरासत में लिया गया। इन आरोपों में सशस्त्र सभा को उकसाना और' राष्ट्रीय एकता को ख़तरे में डालना शामिल है।
 
इस प्रकार के आरोप अल्जीरियाई सरकार द्वारा आलोचकों और विपक्षी लोगों को डराने और चुप करने के एक स्पष्ट प्रयास की ओर इशारा करते हैं और विशेष रूप से हीरक आंदोलन के सदस्यों के लिए जो देश में अब्देलअज़ीज बाउटेफ्लिका के दो दशक पुराने शासन के शक्तिशाली कुलीन प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए अल्जीरियाई राजनीतिक प्रणाली की पूर्ण सुधार की मांग कर रहे हैं। अप्रैल 2019 में हिरक आंदोलन तेज़ होने के बाद उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया गया था।

मौजूदा राष्ट्रपति अब्देलमाजिद तेब्बाउने के नेतृत्व में नई सरकार ने शुरू में प्रदर्शनकारियों की मांगों को सुनने और पहले से मौजूद और प्रणालीगत मुद्दों का हल निकालने का वादा किया था। हालांकि, अब यह असंतोष को कुचलने और उन पर भारी कार्रवाई करते हुए आलोचना और विरोध पर प्रतिक्रिया करने के लिए वही पुराने तरीकों का इस्तेमाल कर रही है।

नेशनल कमीशन ऑफ लिबरेशन ऑफ डिटेनीज ने कहा कि 6 अक्टूबर तक 74  कैदियों को अल्जीरिया के अधिकारियों द्वारा अनिश्चित काल के लिए हिरासत में रखा गया है, उनमें से कई अभी भी मुक़दमें का इंतज़ार कर रहे हैं।

algiria
Yacine Mebarki
Hirak movement
Anti government protest
International news

Related Stories

दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना

अमेरिका में महिलाओं के हक़ पर हमला, गर्भपात अधिकार छीनने की तैयारी, उधर Energy War में घिरी दुनिया

रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार

दुनिया भर की: सोमालिया पर मानवीय संवेदनाओं की अकाल मौत

कोविड -19 के टीके का उत्पादन, निर्यात और मुनाफ़ा

हड़ताल-आंदोलन की धार कुंद नहीं पड़ी

दुनिया भर की: जर्मनी में ‘ट्रैफिक लाइट गठबंधन’ के हाथों में शासन की कमान

विचार: पूर्व के आंदोलनों से किस तरह अलग और विशिष्ट है किसान आंदोलन

अल्जीरिया में 100 से अधिक हिरक प्रदर्शनकारी रिहा

अल्जीरियाई स्वतंत्रता दिवस पर जेल में बंद हिरक आंदोलन के 18 कार्यकर्ता रिहा


बाकी खबरें

  • maliyana
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल
    23 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह न्यूज़क्लिक की टीम के साथ पहुंची उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के मलियाना इलाके में, जहां 35 साल पहले 72 से अधिक मुसलमानों को पीएसी और दंगाइयों ने मार डाला…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    बनारस : गंगा में नाव पलटने से छह लोग डूबे, दो लापता, दो लोगों को बचाया गया
    23 May 2022
    अचानक नाव में छेद हो गया और उसमें पानी भरने लगा। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते नाव अनियंत्रित होकर गंगा में पलट गई। नाविक ने किसी सैलानी को लाइफ जैकेट नहीं पहनाया था।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी अपडेटः जिला जज ने सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा अपना फैसला, हिन्दू पक्ष देखना चाहता है वीडियो फुटेज
    23 May 2022
    सोमवार को अपराह्न दो बजे जनपद न्यायाधीश अजय विश्वेसा की कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली। हिंदू और मुस्लिम पक्ष की चार याचिकाओं पर जिला जज ने दलीलें सुनी और फैसला सुरक्षित रख लिया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?
    23 May 2022
    2019 के बाद से जो प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं, उनसे ना तो कश्मीरियों को फ़ायदा हो रहा है ना ही पंडित समुदाय को, इससे सिर्फ़ बीजेपी को लाभ मिल रहा है। बल्कि अब तो पंडित समुदाय भी बेहद कठोर ढंग से…
  • राज वाल्मीकि
    सीवर कर्मचारियों के जीवन में सुधार के लिए ज़रूरी है ठेकेदारी प्रथा का ख़ात्मा
    23 May 2022
    सीवर, संघर्ष और आजीविक सीवर कर्मचारियों के मुद्दे पर कन्वेन्शन के इस नाम से एक कार्यक्रम 21 मई 2022 को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया मे हुआ।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License