NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अल्जीरिया की अदालत ने हिरक एक्टिविस्ट करीम तब्बूर पर सुनवाई शुरू की
तब्बूर अल्जीरियाई राजनीतिक पार्टी डेमोक्रेटिक सोशल यूनियन (यूडीएस) के प्रमुख हैं और पिछले साल के हिरक आंदोलन के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक हैं।
पीपल्स डिस्पैच
01 Dec 2020
अल्जीरिया

करीम के वकील के हवाले से कई मीडिया संस्थानों ने प्रकाशित किया कि अल्जीरिया की एक अदालत ने सोमवार 30 नवंबर को सरकार विरोधी हिरक आंदोलन के एक्टिविस्ट करीम तबबूर पर सुनवाई शुरू कर दी है। 47 वर्षीय तब्बूर पर "अल्जीरियाई सेना के मनोबल को नुकसान पहुंचाने" का आरोप है।

इस मामले में अभियोजन पक्ष ने कथित तौर पर तब्बूर को 100,000 अल्जीरियाई दीनार (780 डॉलर) जुर्माने के साथ तीन साल की जेल की सजा देने का अनुरोध किया है। अल्जीरियन लीग ऑफ ह्यूमन राइट्स के उपाध्यक्ष सलही के अनुसार, अदालत ने पहले पत्रकारों को इस पर रिपोर्ट करने से रोकने के लिए मुकदमे की कार्यवाही में शामिल होने से मना किया था लेकिन व्यापक आलोचना और हंगामे के बाद आखिर में सुनवाई के दौरान उपस्थित होने के लिए पत्रकारों को राहत देते हुए उन्हें अनुमति दे दी।

सत्ता विरोधी हिरक आंदोलन के एक प्रमुख और लोकप्रिय नेता तब्बूर ने पिछले साल अप्रैल महीने में अल्जीरिया में लंबे समय से सत्तासीन तानाशाह-राष्ट्रपति अब्देलअज़ीज़ बाउटेफ्लिका को सफलतापूर्वक पदच्युत कर दिया और उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए पांचवीं कार्यकाल के लिए चुनाव में शामिल होने से रोक दिया। तब्बूर एक छोटे से राजनीतिक दल डेमोक्रेटिक सोशल यूनियन (यूडीएस) के नेता भी है। बाउटेफ्लिका को पदच्युत करने के बाद भी ये हिरक आंदोलन जारी रहा है। इन प्रदर्शनकारियों की मांग रही है कि भविष्य में देश की राजनीति और सरकार में सभी कुलीन, भ्रष्ट नेताओं, व्यापारियों, सेना और अन्य भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को निकाला जाए।

अल्जीरियाई सेना की दखलअंदाजी और अल्जीरिया की राष्ट्रीय राजनीति में भागीदारी के खि़लाफ़ आलोचना वाली वीडियो अपनी राजनीतिक पार्टी के फेसबुक पेज पर पोस्ट करने के बाद सितंबर 2019 में तब्बूर को गिरफ्तार कर लिया गया था और "राष्ट्रीय क्षेत्र की अखंडता पर हमला" करने का आरोप लगाया था।

नई सरकार के निर्वाचित होने के बाद नए राष्ट्रपति अब्देलमद्जीद तब्बूने ने हिरक आंदोलन समाप्त करने और उनके प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए समझाने की कोशिश में जुलाई 2020 में कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए आदेश दिया था लेकिन उनकी सरकार ने भी हिरक आंदोलन के सैकड़ों सदस्यों, कार्यकर्ताओं, वकीलों, पत्रकारों, ब्लॉगर्स और अन्य लोगों के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर दमन और उत्पीड़न किया। अल्जीरियन प्रिजनर्स राइट ग्रुप सीएनएलडी (नेशनल कमेटी फॉर द लिब्रेशन ऑफ प्रिजनर्स) ने कहा है कि मौजूदा सरकार हिरक आंदोलन पर नियंत्रण करने के क्रम में अपने कुत्सित प्रयास में लगभग 90 कार्यकर्ताओं, सोशल मीडिया यूजर्स और पत्रकारों को जेल में रखे हुए है।

Algeria
Democratic Social Union
DSU
Activist Karim Tabboor
Algerian Army

Related Stories

प्रसिद्ध अल्जीरियाई पत्रकार मोहम्मद मौलौद्ज को आतंकवाद के आरोप में हिरासत में लिया गया

अल्जीरिया में 100 से अधिक हिरक प्रदर्शनकारी रिहा

अल्जीरियाई स्वतंत्रता दिवस पर जेल में बंद हिरक आंदोलन के 18 कार्यकर्ता रिहा

अल्जीरियाई वामपंथी पार्टी के नेता फेथी घारेस फ़र्ज़ी आरोपों में गिरफ़्तार

वित्त मंत्री अयमन बेनअब्दर्रह्मान अल्जीरिया के नए प्रधानमंत्री

अल्जीरियाई पुलिस ने प्रमुख मानवाधिकार और अत्याचार-विरोधी कार्यकर्ता फ़ातिहा ब्रिकी को हिरासत में लिया

सत्ता-समर्थक दल अल्जीरियाई चुनावों में आगे

यूएन ने अल्जीरिया से हिरक प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ मानवाधिकारों के हनन को रोकने का आह्वान किया

अल्जीरिया के हिरक आंदोलन ने प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फ़ैसले की निंदा की

अल्जीरिया : हिरक आंदोलन के नेता संदिग्ध आरोपों में गिरफ़्तार


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान
    24 May 2022
    वामदलों ने आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और बेरज़गारी के विरोध में 25 मई यानी कल से 31 मई तक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है।
  • सबरंग इंडिया
    UN में भारत: देश में 30 करोड़ लोग आजीविका के लिए जंगलों पर निर्भर, सरकार उनके अधिकारों की रक्षा को प्रतिबद्ध
    24 May 2022
    संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत ने दावा किया है कि देश में 10 करोड़ से ज्यादा आदिवासी और दूसरे समुदायों के मिलाकर कुल क़रीब 30 करोड़ लोग किसी ना किसी तरह से भोजन, जीविका और आय के लिए जंगलों पर आश्रित…
  • प्रबीर पुरकायस्थ
    कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक
    24 May 2022
    भारत की साख के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन के 194 सदस्य देशों में अकेला ऐसा देश है, जिसने इस विश्व संगठन की रिपोर्ट को ठुकराया है।
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी मस्जिद की परछाई देश की राजनीति पर लगातार रहेगी?
    23 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ज्ञानवापी मस्जिद और उससे जुड़े मुगल साम्राज्य के छठे सम्राट औरंगज़ेब के इतिहास पर चर्चा कर रहे हैं|
  • सोनिया यादव
    तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?
    23 May 2022
    पुलिस पर एनकाउंटर के बहाने अक्सर मानवाधिकार-आरटीआई कार्यकर्ताओं को मारने के आरोप लगते रहे हैं। एनकाउंटर के विरोध करने वालों का तर्क है कि जो भी सत्ता या प्रशासन की विचारधारा से मेल नहीं खाता, उन्हें…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License