NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अल्जीरिया के पत्रकार ख़ालिद द्रारेनी को हिरक प्रदर्शन कवर करने के लिए दो साल जेल की सज़ा
अल्जीरियाई सरकार द्वारा पिछले साल द्रारेनी को दो बार चेतावनी और धमकी दी गई थी और सेना व सरकार की कम आलोचना करने का आदेश दिया गया था।
पीपल्स डिस्पैच
16 Sep 2020
अल्जीरिया

अल्जीरियाई पत्रकार खालिद द्रारेनी जिन्हें पिछले महीने अल्जीरिया की एक अदालत ने तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी उनको मंगलवार 15 सितंबर को एक अपील कोर्ट ने सजा को कम करते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई। नेशनल कमेटी फॉर द रिलीज ऑफ डीटेनीज द्वारा जारी बयान में ये कहा गया है।

अल्जीयर्स में सिदी महमद अदालत ने 10 अगस्त को द्रारेनी को 50,000 अल्जीरियाई दीनार (लगभग 400 डॉलर) के जुर्माने के साथ तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी। दो अन्य सह-अभियुक्तों अल्जीरियाई हिरक आंदोलन के एक्टिविस्टों समीर बेनलर्बी और स्लीमेन हैमीटचे को भी द्रारेनी के अलावा दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। उन्हें एक साल की जेल की सज़ा के बदले चार महीने की जेल की सजा मिली और इतना समय बीत जाने पर उन्हें रिहा किया गया।

द्रारेनी को इस साल 29 मार्च को गिरफ़्तार किया गया था जब वे अल्जीरिया में एक साल से अधिक समय से चल रहे सत्ता-विरोधी और सरकार-विरोधी हिरक विरोध आंदोलन को कवर कर रहे थे। उन पर "निहत्थे सभा को उकसाने" और "राष्ट्रीय एकता को ख़तरे में डालने" सहित कई द्वेषपूर्ण आरोप लगाए गए, साथ ही देश में व्यापक भ्रष्टाचार और राजनीतिक शिथिलता और कुप्रबंधन के लिए सोशल मीडिया में अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्देलमद्जीद तेबोने और सरकार की आलोचना के आरोप लगाए गए। उन्होंने हिरक प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता भी व्यक्त की थी जो देश में बड़े पैमाने पर राजनीतिक सुधारों के लिए एक साल से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं।

khalid drareni
Algeria
algeria journalist
press freedom in algeria
khalid drareni resentences

Related Stories

प्रसिद्ध अल्जीरियाई पत्रकार मोहम्मद मौलौद्ज को आतंकवाद के आरोप में हिरासत में लिया गया

अल्जीरिया में 100 से अधिक हिरक प्रदर्शनकारी रिहा

अल्जीरियाई स्वतंत्रता दिवस पर जेल में बंद हिरक आंदोलन के 18 कार्यकर्ता रिहा

अल्जीरियाई वामपंथी पार्टी के नेता फेथी घारेस फ़र्ज़ी आरोपों में गिरफ़्तार

वित्त मंत्री अयमन बेनअब्दर्रह्मान अल्जीरिया के नए प्रधानमंत्री

अल्जीरियाई पुलिस ने प्रमुख मानवाधिकार और अत्याचार-विरोधी कार्यकर्ता फ़ातिहा ब्रिकी को हिरासत में लिया

सत्ता-समर्थक दल अल्जीरियाई चुनावों में आगे

यूएन ने अल्जीरिया से हिरक प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ मानवाधिकारों के हनन को रोकने का आह्वान किया

अल्जीरिया के हिरक आंदोलन ने प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फ़ैसले की निंदा की

अल्जीरिया : हिरक आंदोलन के नेता संदिग्ध आरोपों में गिरफ़्तार


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License