NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
राजनीति
इलाहाबाद विश्वविद्यालय: लाइब्रेरी खुलवाने के लिए धरने पर बैठे छात्रों को बल प्रयोग कर हटाया
छात्रों ने अपने बयान में कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय का अपने छात्रों के प्रति इस तरह का रवैया बहुत ही निंदनीय है, इससे यही पता चलता है कि विश्वविद्यालय कैंपस में लोकतांत्रिक मूल्य पूरी तरह नष्ट हो गए हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
20 Mar 2021
इलाहाबाद विश्वविद्यालय: लाइब्रेरी खुलवाने के लिए धरने पर बैठे छात्रों को बल प्रयोग कर हटाया

देशभर में जहाँ सरकारें और राजनीतिक दल बड़े बड़े कार्यक्रम कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ देशभर में कॉलेज और विश्वविद्यालय को कोरोना के नाम पर बंद किया गया है। जिससे छात्र लाइब्रेरी, लैब और बाकी जरूरी संसाधनों से वंचित है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय भी पिछले एक साल से कोरोना के नाम पर बंद है। यहां के छात्र भी केंद्रीय पुस्तकालय खुलवाने के लिए तीन दिन छात्र लाइब्रेरी गेट के पास बैठे हुए थे। जिन्हें प्रशासन ने बल पूर्वक हटा दिया।
 
आपको बता दे कि विश्वविद्यालय ने अभी हाल ही में नोटिफिकेशन जारी किया है कि 15 मार्च से शुरू होने वाली परीक्षा अब 3 अप्रैल से होंगी। छात्रों पर परीक्षा का दबाव है। छात्रों के बढ़ते आंदोलन को देखते हुए कल यानी 19 मार्च 2 बजे विश्वविद्यालय कुलपति के नेतृत्व में चीफ प्रॉक्टर और लाइब्रेरियन के साथ अहम बैठक थी, लेकिन चीफ प्रॉक्टर ने भारी बल का प्रयोग करते हुए लाइब्रेरी खुलवाने की मांग पर बैठे छात्रों को जबरन वहां से उठा दिया।

छात्रों ने आरोप लगया कि उनके साथ काफी धक्का-मुक्की हुई, साथ ही घटना को रिपोर्टिंग कर रहे मॉस कम्युनिकेशन फाइनल ईयर छात्र पुनीत सेन के साथ भी बदसलूकी की गई। उन्हें रिपोर्टिंग नहीं करने दिया गया और उनका आईडी कार्ड छीन लिया गया साथ ही उनके मोबाइल को क्षति पहुँचायी गई।

छात्रों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि " एक साल होने को आया है इ.वि.वि. का केंद्रीय पुस्तकालय लॉकडाउन से बंद पड़ा है, सभी कक्षाएं तो ऑनलाइन ही चल रही हैं, लेकिन किताबें उपलब्ध न होने कारण छात्रों का पढ़ाई अधूरी है। कुछ कोर्सेस जैसे मॉस कम्युनिकेशन, मनोविज्ञान आदि कोर्सेस के लिए लाइब्रेरी अनिवार्य होती है। मॉस कॉम. का पूरा कोर्स ही प्रैक्टिकल पर टिका है, जिसमें कंप्यूटर होना बहुत जरूरी है। इसी मूलभूत जरूरत के अभाव के कारण छात्रों में रोष है कि वो परीक्षा कैसे पास करेंगे? विश्वविद्यालय ने अभी हाल ही में नोटिफिकेशन जारी किया है कि 15 मार्च से शुरू होने वाली परीक्षा अब 3 अप्रैल से शुरू होगी, पुस्तकें उपलब्ध न होने के कारण छात्र चिंता में है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन लाइब्रेरी खोलने को तैयार नहीं है।"

छात्र संगठन आइसा के सचिव सोनू यादव ने छात्रों को जबरन इस तरह बदसलूकी के साथ उठाए जाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि छात्र अपनी मूलभूत मांग लाइब्रेरी को लेकर आंदोलनरत थे लेकिन विश्वविद्यालय का इस तरह का रवैया शर्मनाक है। आरोप है कि पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रत्याशी शक्ति रजवार के साथ सुरक्षागार्ड ने हाथ पकड़ते हुए कॉलर खींचा जिसके कारण वो जमीन पर गिर गए। बाकी छात्रों के साथ भी इसी तरह का रवैया अपनाया गया।

छात्रों ने अपने बयान में कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय का अपने छात्रों के प्रति इस तरह का रवैया बहुत ही निंदनीय है, इससे यहीं पता चलता है कि विश्वविद्यालय कैंपस में लोकतांत्रिक मूल्य पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। इसी कारण पठन-पाठन का स्तर भी नीचे गिर रहा है, जो बहुत ही गम्भीर बात है।

ऐसा सिर्फ किसी एक विश्वविद्यालय में नहीं बल्कि देश के अधिकांश विश्वविद्यालय में छात्र क्लास और लाइब्रेरी जैसी सुविधाओं को पुनः खोलने की मांग कर रहे है। दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू, जामिया,एचसीयू सहित तमाम कैंपस में छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ कैंपस को खोलने में छात्रों के संघर्ष ने सफलता भी पाई है जैसे जेएनयू छात्रों को अब लाइब्रेरी जाने की सुविधा है। वहीं एचसीयू के छात्र भी रीडिंग रूम का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन अभी सवाल यही है कि क्या कोरोना सिर्फ कैंपसों में ही है? और बड़ी बड़ी चुनावी रैलियां कोरोना मुक्त हैं? ये विरोधभासी बाते हैं जिसका जवाब देश का छात्र और नौजवान सरकार से मांग रहा है।  

Allahabad University
Student Protests
library

Related Stories

रेलवे भर्ती मामला: बर्बर पुलिसया हमलों के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलनकारी छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस ने कोचिंग संचालकों पर कसा शिकंजा

रेलवे भर्ती मामला: बिहार से लेकर यूपी तक छात्र युवाओं का गुस्सा फूटा, पुलिस ने दिखाई बर्बरता

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोध छात्र, अचानक सिलेबस बदले जाने से नाराज़

झारखंड विधान सभा में लगी ‘छात्र संसद’; प्रदेश के छात्र-युवा अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर

उत्तराखंड: NIOS से डीएलएड करने वाले छात्रों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए अनुमति नहीं

डीयू: एनईपी लागू करने के ख़िलाफ़ शिक्षक, छात्रों का विरोध

बीएचयू: यौन हिंसा के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन, प्रशासन का असंवेदनशील रवैया!

बिहार : मेरिट लिस्ट घोटाला के ख़िलाफ़ नौजवानों के विरोध प्रदर्शन के बाद शिक्षा मंत्री ने मानी गलती

डीयू खोलने की मांग को लेकर छात्रों की 48 घंटे की भूख हड़ताल, पुलिस ने हिरासत में लिया

मांगने आए रोज़गार, मिली पुलिस की लाठी–पानी की बौछार


बाकी खबरें

  • समीना खान
    ज़ैन अब्बास की मौत के साथ थम गया सवालों का एक सिलसिला भी
    16 May 2022
    14 मई 2022 डाक्टर ऑफ़ क्लीनिकल न्यूट्रीशन की पढ़ाई कर रहे डॉक्टर ज़ैन अब्बास ने ख़ुदकुशी कर ली। अपनी मौत से पहले ज़ैन कमरे की दीवार पर बस इतना लिख जाते हैं- ''आज की रात राक़िम की आख़िरी रात है। " (राक़िम-…
  • लाल बहादुर सिंह
    शिक्षा को बचाने की लड़ाई हमारी युवापीढ़ी और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई का ज़रूरी मोर्चा
    16 May 2022
    इस दिशा में 27 मई को सभी वाम-लोकतांत्रिक छात्र-युवा-शिक्षक संगठनों के संयुक्त मंच AIFRTE की ओर से दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित कन्वेंशन स्वागत योग्य पहल है।
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: किसानों की दुर्दशा बताने को क्या अब भी फ़िल्म की ज़रूरत है!
    16 May 2022
    फ़िल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी का कहना है कि ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि किसान का बेटा भी एक फिल्म बना सके।
  • वर्षा सिंह
    उत्तराखंड: क्षमता से अधिक पर्यटक, हिमालयी पारिस्थितकीय के लिए ख़तरा!
    16 May 2022
    “किसी स्थान की वहनीय क्षमता (carrying capacity) को समझना अनिवार्य है। चाहे चार धाम हो या मसूरी-नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल। हमें इन जगहों की वहनीय क्षमता के लिहाज से ही पर्यटन करना चाहिए”।
  • बादल सरोज
    कॉर्पोरेटी मुनाफ़े के यज्ञ कुंड में आहुति देते 'मनु' के हाथों स्वाहा होते आदिवासी
    16 May 2022
    2 और 3 मई की दरमियानी रात मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले के गाँव सिमरिया में जो हुआ वह भयानक था। बाहर से गाड़ियों में लदकर पहुंचे बजरंग दल और राम सेना के गुंडा गिरोह ने पहले घर में सोते हुए आदिवासी धनसा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License