NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
नीति में उलटफेर के साथ अमेज़न अब फिलिस्तीन में मुफ्त डिलीवरी करेगा
इससे पहले अमेज़न केवल अवैध यहूदी बस्तियों में मुफ्त डिलीवरी दे रहा था या कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में कोई फिलिस्तीनी अपने देश का लोकेशन इज़राइल चयन करता था तो उसे इसकी सुविधा मिलती थी।
पीपल्स डिस्पैच
05 Mar 2020
Amazon

दुनिया की ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेज़न ने पूर्वी यरुशलम सहित वेस्ट बैंक के कब्जे वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में 24 डॉलर के ऊपर की शिपिंग और हैंडलिंग शुल्क की अपनी नीति को उलट दिया है और इसके बजाय अब शिपमेंट ग्राहकों को मुफ्त में डिलीवर किया जाएगा।

कब्जे वाल फिलीस्तिनी भूमि में बने अवैध इजरायल यहूदी बस्तियों में इजरायल यहूदी निवासी को दिए जाने वाली सुविधा की तरह ऐसी नीति लाई गई है। बुधवार 4 मार्च 2020 को वेस्ट बैंक के रमल्ला में दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी के फिलीस्तीनी मंत्री ने घोषणा की।

मंत्रालय ने "फिलिस्तीनी पहचान और बस्तियों को मान्यता देने को अस्वीकार करने के उद्देश्य से फिलिस्तीनी कार्यवाही की एक श्रृंखला को लेकर” ई-कॉमर्स कंपनी के फैसले को जिम्मेदार ठहराया।" अपने बयान में मंत्रालय ने कहा कि इस बदलाव को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालयों में विभिन्न कानूनी कार्रवाई से प्रभावित किया गया था जिसे फिलिस्तीनियों के प्रति अमेज़न की भेदभाव नीति के खिलाफ दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन और अन्य मंत्रालय द्वारा उठाया गया था।

बदली हुई नीति के तहत फिलिस्तीनी ऑर्डर देने के समय जब अपने देश का स्थान फिलिस्तीन के बजाय इजरायल का विकल्प चयन करते थे तो वे अमेज़ॅन के प्रोमोशनल फ्री डिलीवरी का लाभ उठाने में सक्षम थे।

पिछले महीने फाइनेंशियल टाइम्स की एक जांच से पता चला था कि अमेज़न नवंबर 2019 से 49 यूएस डॉलर से ऊपर का ऑर्डर करने पर अवैध यहूदी बस्तियों में यहूदी इजरायल के ग्राहकों को फ्री डिलीवरी देता रहा था जबकि इसी दौरान फिलिस्तीनियों को 24 डॉलर या इससे अधिक इसी डिलीवरी के लिए देना पड़ता था।

अमेज़न ने 'लॉजिस्टिकल मामले' को जिम्मेदार ठहराते हुए इस विरोध को दूर करने की कोशिश की और साथ ही वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम के अंदर और चारों ओर इज़रायल की बेशुमार चौकियों और सैन्य/ पुलिस बाधाओं के कारण अमेज़न के डिलीवरी करने वाले लोगों को कठिनाई का हवाला दिया जो अमेज़न की डिलीवरी सिस्टम में सुचारू रूप से काम करने में बाधा उत्पन्न का कारण है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Amazon
Palestine
Israel
E-Commerce
Amazon Delivery system

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

जारी रहेगी पारंपरिक खुदरा की कीमत पर ई-कॉमर्स की विस्फोटक वृद्धि

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

फ़ेसबुक पर 23 अज्ञात विज्ञापनदाताओं ने बीजेपी को प्रोत्साहित करने के लिए जमा किये 5 करोड़ रुपये

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान
    24 May 2022
    वामदलों ने आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और बेरज़गारी के विरोध में 25 मई यानी कल से 31 मई तक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है।
  • सबरंग इंडिया
    UN में भारत: देश में 30 करोड़ लोग आजीविका के लिए जंगलों पर निर्भर, सरकार उनके अधिकारों की रक्षा को प्रतिबद्ध
    24 May 2022
    संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत ने दावा किया है कि देश में 10 करोड़ से ज्यादा आदिवासी और दूसरे समुदायों के मिलाकर कुल क़रीब 30 करोड़ लोग किसी ना किसी तरह से भोजन, जीविका और आय के लिए जंगलों पर आश्रित…
  • प्रबीर पुरकायस्थ
    कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक
    24 May 2022
    भारत की साख के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन के 194 सदस्य देशों में अकेला ऐसा देश है, जिसने इस विश्व संगठन की रिपोर्ट को ठुकराया है।
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी मस्जिद की परछाई देश की राजनीति पर लगातार रहेगी?
    23 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ज्ञानवापी मस्जिद और उससे जुड़े मुगल साम्राज्य के छठे सम्राट औरंगज़ेब के इतिहास पर चर्चा कर रहे हैं|
  • सोनिया यादव
    तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?
    23 May 2022
    पुलिस पर एनकाउंटर के बहाने अक्सर मानवाधिकार-आरटीआई कार्यकर्ताओं को मारने के आरोप लगते रहे हैं। एनकाउंटर के विरोध करने वालों का तर्क है कि जो भी सत्ता या प्रशासन की विचारधारा से मेल नहीं खाता, उन्हें…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License