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इराक में ईरान समर्थक काफिले पर अमेरिका ने फिर किया हवाई हमला
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत मजीद तख्त रवांची ने ‘सीएनएन’ से कहा कि ये हमले ‘‘अमेरिका की ओर से युद्ध की कार्रवाई’’ है। 
एएफपी
04 Jan 2020
USS Stike

बगदाद: अमेरिका और ईरान के बीच छद्म युद्ध शुरू होने की बढ़ती आशंकाओं के बीच अमेरिकी ड्रोन हमले में एक शीर्ष ईरानी जनरल की मौत के एक दिन बाद अमेरिका ने इराक में ईरान समर्थक लड़ाकों पर शनिवार तड़के फिर हवाई हमला किया।

बगदाद में अमेरिका के ड्रोन हमले में शुक्रवार को ईरानी कुद्स बल के कमांडर कासिम सुलेमानी और इराकी अर्द्धसैन्य बल के उप प्रमुख अबु महदी अल मुहंदिस की मौत हो गई थी। अमेरिका ने इराक में और बल भेजने का संकल्प लिया है और दूसरी ओर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वह युद्ध नहीं चाहते हैं।

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत मजीद तख्त रवांची ने ‘सीएनएन’ से कहा कि ये हमले ‘‘अमेरिका की ओर से युद्ध की कार्रवाई’’ है। 

ईरान और अमेरिका के बीच बेहद तनावपूर्ण स्थिति के बीच ये हमले सबसे नाटकीय घटनाक्रम हैं। 

ड्रोन हमले के करीब 24 घंटे बाद एक और हमले में अमेरिका ने इराकी अर्द्धसैन्य नेटवर्क हशद अल शाबी के काफिले को निशाना बनाया। इस नेटवर्क के शिया बहुल धड़ों के ईरान से निकट संबंध हैं।

हशद ने यह नहीं बताया कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। इराकी सरकारी टीवी चैनल ने बताया कि यह हमला अमेरिका ने किया था।

एक पुलिस सूत्र ने बताया कि बमबारी में हशद के काफिले को निशाना बनाया गया और जिसमें कई लोग ‘‘हताहत’’ हुए। उन्होंने मरने वालों की सटीक संख्या नहीं बताई।

इस संबंध में अमेरिका ने कोई तत्काल टिप्पणी नहीं की है।

सुलेमानी और मुहंदिस के लिए शोक मार्च निकाला जाना था जिसके कुछ ही घंटों पहले अमेरिका ने एक और हमला कर दिया।

जनरल सुलेमानी (62) को आयतुल्ला खामेनी के बाद ईरान में सबसे ताकतवर माना जाता था। उनका कुद्स फोर्स ईरानी रेवोल्यूशनरी गार्ड्स की एक इकाई था जो सीधे-सीधे आयतुल्ला को रिपोर्ट करता है।

इस हमले में रेवोल्यूशनरी गार्ड्स और हशद के पांच-पांच सदस्य मारे गए थे।

उधर 'भाषा' के मुताबिक वाशिंगटन में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ ब्रायन ने कहा है कि ईरान के शक्तिशाली रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मारने का राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का निर्णय रक्षात्मक था और इसे भविष्य में रक्तपात रोकने के लिए लिया गया था। 

ट्रम्प ने बयान दिया था कि यह कार्रवाई युद्ध शुरू करने के लिए नहीं, बल्कि युद्ध रोकने के लिए की गई थी। 

ओ’ब्रायन ने ट्रम्प के इसी बयान का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘इस हमले का लक्ष्य उन हमलों को रोकना था जिनका षड्यंत्र सुलेमानी रच रहा था। इसका लक्ष्य भविष्य में अमेरिकियों के खिलाफ ईरान के परोक्ष या आईआरजीसी कुद्स बल के जरिए किए जाने वाले प्रत्यक्ष हमले को रोकना था।’’

America
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Iraq
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US-Iran Relations
US-Iran Tension
Donald Trump

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