NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ईरान को मिलने वाला आईएमएफ़ का आपातकाल क़र्ज़ रोकेगा अमेरिका
ईरान ने पिछले महीने कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए आईएमएफ़ से 5 बिलियन डॉलर का क़र्ज़ मांगा था।
पीपल्स डिस्पैच
10 Apr 2020
Iran

अमेरिका ईरान को मिलने वाला इंटरनेशनल मोनेटरी फ़ंड(आईएमएफ़) का आपातकाल क़र्ज़ रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार है। 9 अप्रैल को ब्लूमबर्ग और सीएनएन सहित अन्य मीडिया संगठनों ने ट्रंप प्रशासन द्वारा कही इस बात को साझा किया।

कल 9 अप्रैल को ईरान ने आईएमएफ़ से कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए मांगे गए क़र्ज़ को जल्दी पहुंचाए जाने की अपील की थी। ईरान दुनिया में कोविड-19 संक्रमण से सबसे ज़्यादा ग्रसित देशों में से है। यहाँ अब तक 66,000 से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 4000 से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं।

ईरान ने आईएमएफ़ की रैपिड फ़ाइनेंसिंग इनिशिएटिव के तहत पिछले महीने 5 बिलियन डॉलर के क़र्ज़ के लिए आवेदन किया था। यह इनिशिएटिव सदस्य राज्यों को अपनी अर्थव्यवस्थाओं में किसी भी अचानक व्यवधान से निपटने के लिए आपातकालीन क़र्ज़ मांगने का अधिकार देता है।

अमेरिका ने दावा किया है कि ईरान को क़र्ज़ की ज़रूरत नहीं है, और क़र्ज़ के पैसे को 'क्षेत्र में आतंकवाद बढ़ाने' के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। अमेरिका ने आरोप लगाया है कि ईरान सीरियाई सत्ता की आर्थिक मदद करता है, और इसके अलावा लेबनान में हिज़्बुल्लाह और यमन में हाउथी जैसे संगठनों को भी फ़ंड करता है।

पिछले महीने अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के ईरान से प्रतिबंध हटाने के आह्वान को ठुकरा दिया था। बल्कि अमेरिका ने एक और प्रतिबंध लगा दिया था जिसके तहत ईरानी विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ को उकसाया गया था कि वह अमेरिकन एक्ट को 'आर्थिक आतंकवाद' कहें।

कोविड-19 की वजह से लागू हुए लॉकडाउन की वजह से ईरान की आर्थिक हालत और ख़राब हो गई है।

ईरान आईएमएफ़ का सदस्य है और क़र्ज़ मांगना उसका अधिकार है। हालांकि, चूंकि अमेरिका का इस संगठन में 17% हिस्सा है, इसलिए उसके पास अधिकार है कि वो अपने समर्थकों की मदद से किसी भी प्रस्ताव को ख़ारिज कर सकता है। अक्सर ऐसे क़र्ज़ के फ़ैसलों के लिए वोटिंग नहीं की जाती है। फिर भी, अमेरिका द्वारा दिखाये गए इस शत्रुतापूर्ण व्यवहार से अंतिम फ़ैसले में बदलाव आ सकता है।

पिछले महीने आईएमएफ़ ने अमेरिका के दबाव में आकर वेनज़ुएला की क़र्ज़ अर्ज़ी को भी ख़ारिज कर दिया था।

ईरान के प्रधानमंत्री हसन रूहानी ने 8 अप्रैल को ट्वीट कर के कहा, "मैं इस महामारी के दौरान अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को उनकी ज़िम्मेदारी से अवगत करवाना चाहता हूँ। हम #IMF और वर्ल्ड बैंक के सदस्य हैं। विभिन्न देशों के बीच ऐसा भेदभाव करना, हमारे लिए और वैश्विक नज़रिये के लिए क़तई गवारा नहीं है। #COVID19"

साभार : पीपल्स डिस्पैच

IRAN
Emergency Loan
IMF
America
Donand Trump
Iran-US

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि

श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी

असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

श्रीलंकाई संकट : राजनीति, नीतियों और समस्याओं की अराजकता

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई


बाकी खबरें

  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : अधूरी रही मुस्लिम पक्ष की जिरह, अगली सुनवाई 4 जुलाई को
    30 May 2022
    अदालत में मामले की सुनवाई करने के औचित्य संबंधी याचिका पर मुस्लिम पक्ष की जिरह आज भी जारी रही और उसके मुकम्मल होने से पहले ही अदालत का समय समाप्त हो गया, जिसके बाद अदालत ने कहा कि वह अब इस मामले को…
  • चमन लाल
    एक किताब जो फिदेल कास्त्रो की ज़ुबानी उनकी शानदार कहानी बयां करती है
    30 May 2022
    यद्यपि यह पुस्तक धर्म के मुद्दे पर केंद्रित है, पर वास्तव में यह कास्त्रो के जीवन और क्यूबा-क्रांति की कहानी बयां करती है।
  • भाषा
    श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल
    30 May 2022
    पेश की गईं याचिकाओं में विवादित परिसर में मौजूद कथित साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना को समाप्त करने के लिए अदालत द्वारा कमिश्नर नियुक्त किए जाने तथा जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बेंगलुरु में किसान नेता राकेश टिकैत पर काली स्याही फेंकी गयी
    30 May 2022
    टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस इसके लिये जिम्मेदार है और राज्य सरकार की मिलीभगत से यह हुआ है।’’
  • समृद्धि साकुनिया
    कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 
    30 May 2022
    पिछले सात वर्षों में कश्मीरी पंडितों के लिए प्रस्तावित आवास में से केवल 17% का ही निर्माण पूरा किया जा सका है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License