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भारत
राजनीति
'जयश्रीराम और खेला होबे' नारों के बीच लोगों की चिंता छिनता रोज़गार!
बड़े-बड़े नेता और दल रंग-बिरंगे जुमले उछाल रहे हैं. पर बंगाल में लोगों की सबसे बड़ी चिन्ता है-छिनता रोजगार. जिस तरह इन दिनों सरकारी सम्पत्ति, सार्वजनिक उपक्रम, यहां तक कि सड़क, स्टेडियम, स्टेशन, रेल और तेल आदि के निजीकरण की आंधी बह रही है
न्यूज़क्लिक टीम
20 Mar 2021

बड़े-बड़े नेता और दल रंग-बिरंगे जुमले उछाल रहे हैं. पर बंगाल में लोगों की सबसे बड़ी चिन्ता है-छिनता रोजगार. जिस तरह इन दिनों सरकारी सम्पत्ति, सार्वजनिक उपक्रम, यहां तक कि सड़क, स्टेडियम, स्टेशन, रेल और तेल आदि के निजीकरण की आंधी बह रही है, उससे लोगों में भविष्य को लेकर भारी भय व्याप्त है. छिनते रोज़गार ने लोगों को असुरक्षा में डाला है. जनता की भावना से बेखबर बड़े नेता सिर्फ अपने मुट्ठी भर समर्थकों के उत्साह से ही गदगद हैं. यही स्थिति असम आदि में भी है. चुनावी परिदृश्य का विश्लेषण कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh:

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Privatisation
2021 Assembly Elections
Assam
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Amit Shah

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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License