NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
विरोध के बीच ब्रिटेन के हाउस ऑफ़ कॉमन्स में विवादास्पद पुलिस बिल पारित
ब्रिटेन की संसद में प्रस्तावित पुलिस, क्राइम, सेंटेंसिंग एंड कोर्ट बिल के प्रावधान पुलिस को विरोध और सार्वजनिक समारोहों को नियंत्रित करने के लिए अधिक विवेकाधीन अधिकार देंगे।
पीपल्स डिस्पैच
07 Jul 2021
विरोध के बीच ब्रिटेन के हाउस ऑफ़ कॉमन्स में विवादास्पद पुलिस बिल पारित

प्रगतिशील वर्गों द्वारा 'किल द बिल' विरोध जारी रखने के बावजूद सोमवार 5 जुलाई को यूके के हाउस ऑफ कॉमन्स में तीसरे वाचन में कंजर्वेटिव बोरिस जॉनसन के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा प्रस्तावित विवादास्पद पुलिस, क्राइम, सेंटेंसिंग एंड कोर्ट बिल पारित हुआ। 650 सीटों वाले हाउस ऑफ कॉमन्स में इस बिल के पक्ष में (कंजर्वेटिव्स और डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट्स से) 365 वोट पड़े जबकि विपक्ष में (लेबर पार्टी, लिबरल डेमोक्रेट्स, स्कॉटिश नेशनलिस्ट पार्टी आदि से) 265 वोट पड़े।

इस साल मार्च में इस बिल पर दूसरा और पहला वाचन हुआ। अब इस बिल को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में भेजा जाएगा और फिर शाही सहमति के लिए भेजा जाएगा। प्रदर्शनकारियों की राय है कि इस बिल का प्रावधान पुलिस को अधिक विवेकाधीन अधिकार देगा जो देश में विरोध के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए हानिकारक हैं।

टोरी सरकार ने ब्रिटेन की संसद में पुलिस और आपराधिक न्याय प्रणाली व सजा के कानून में बदलाव लाने के इरादे से इस विधेयक का प्रस्ताव रखा है। रिपोर्टों के अनुसार, इस बिल के तीसरे भाग में, जो विरोध और सार्वजनिक सभा से संबंधित है, पुलिस को सार्वजनिक समारोहों और विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए बिना शर्त शक्तियां सौंपी गई हैं। पुलिस बल को विरोध प्रदर्शनों को "सार्वजनिक उपद्रव" करार देकर प्रदर्शनों को गैर कानूनी घोषित करने की अनुमति दी जाएगी और वे प्रदर्शनों को आरंभ करने और समाप्त करने का समय और शोर की सीमा तय कर प्रदर्शनों को नियंत्रित कर सकते हैं। नए विधेयक के प्रावधानों के तहत एक व्यक्ति द्वारा की गई गतिविधि को भी विरोध माना जा सकता है। पुलिस दिशानिर्देशों का पालन न करने पर 2,500 पाउंड (3458.65 अमेरिकी डॉलर) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। बिल के चौथे भाग में 'अनधिकृत' शिविरों और 'अनाधिकार प्रवेश' को दंडित करने का प्रावधान है जो जिप्सी, रोमा और ट्रेवलर समुदायों को लक्षित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने की संभावना है।

6 जुलाई को, इस बिल के तीसरे वाचन के बाद नारीवादी कार्यकर्ता समूह सिस्टर्स अनकट जो 'किल द बिल' विरोध के एक प्रमुख आयोजक है उसने ट्वीट किया कि "जब टोरी 'आजादी' के बारे में बात कर रहे थे तो वे हमारी इकट्ठा होने की आजादी, आवाज उठाने की हमारी आजादी, पुलिस हिंसा के डर के बिना जीने की आजादी को छीनने के लिए कानून बना रहे थे। पुलिस, क्राइम, सेंटेंसिंग एंड कोर्ट बिल न केवल विरोध प्रदर्शन को गैर कानूनी घोषित करता है बल्कि पूरे समुदायों को अपराधी मानता है।

britain
britain house of commons
police bill
UK

Related Stories

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री इस महीने के अंत में भारत आ सकते हैं

ब्रिटेन ने यूक्रेन को उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र बनाने के आह्वान को ख़ारिज किया

युद्ध के प्रचारक क्यों बनते रहे हैं पश्चिमी लोकतांत्रिक देश?

दुनिया को गौर करना चाहिए कि बाइडेन की प्रेसीडेंसी ढलान पर है

क्यों जूलियन असांज पर अमानवीय मुक़दमा हम सबके लिए अन्याय है

यूके ने अफ़ग़ानिस्तान के नए खेल में बढ़ाया पहला क़दम

वैक्सीन को मान्यता देने में हो रही उलझन से वैश्विक हवाई यात्रा पर पड़ रहा असर

आकुस के बहाने अमेरिका चीन ही नहीं, दुनिया को डाल रहा ख़तरे में

रिपोर्ट के मुताबिक सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की जलवायु योजनायें पेरिस समझौते के लक्ष्य को पूरा कर पाने में विफल रही हैं 


बाकी खबरें

  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते
    29 May 2022
    उधर अमरीका में और इधर भारत में भी ऐसी घटनाएं होने का और बार बार होने का कारण एक ही है। वही कि लोगों का सिर फिरा दिया गया है। सिर फिरा दिया जाता है और फिर एक रंग, एक वर्ण या एक धर्म अपने को दूसरे से…
  • प्रेम कुमार
    बच्चे नहीं, शिक्षकों का मूल्यांकन करें तो पता चलेगा शिक्षा का स्तर
    29 May 2022
    शिक्षाविदों का यह भी मानना है कि आज शिक्षक और छात्र दोनों दबाव में हैं। दोनों पर पढ़ाने और पढ़ने का दबाव है। ऐसे में ज्ञान हासिल करने का मूल लक्ष्य भटकता नज़र आ रहा है और केवल अंक जुटाने की होड़ दिख…
  • राज कुमार
    कैसे पता लगाएं वेबसाइट भरोसेमंद है या फ़र्ज़ी?
    29 May 2022
    आप दिनभर अलग-अलग ज़रूरतों के लिए अनेक वेबसाइट पर जाते होंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे पता लगाएं कि वेबसाइट भरोसेमंद है या नहीं। यहां हम आपको कुछ तरीके बता रहें हैं जो इस मामले में आपकी मदद कर…
  • सोनिया यादव
    फ़िल्म: एक भारतीयता की पहचान वाले तथाकथित पैमानों पर ज़रूरी सवाल उठाती 'अनेक' 
    29 May 2022
    डायरेक्टर अनुभव सिन्हा और एक्टर आयुष्मान खुराना की लेटेस्ट फिल्म अनेक आज की राजनीति पर सवाल करने के साथ ही नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र के राजनीतिक संघर्ष और भारतीय होने के बावजूद ‘’भारतीय नहीं होने’’ के संकट…
  • राजेश कुमार
    किताब: यह कविता को बचाने का वक़्त है
    29 May 2022
    अजय सिंह की सारी कविताएं एक अलग मिज़ाज की हैं। फॉर्म से लेकर कंटेंट के स्तर पर कविता की पारंपरिक ज़मीन को जगह–जगह तोड़ती नज़र आती हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License