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विरोध के बीच ब्रिटेन के हाउस ऑफ़ कॉमन्स में विवादास्पद पुलिस बिल पारित
ब्रिटेन की संसद में प्रस्तावित पुलिस, क्राइम, सेंटेंसिंग एंड कोर्ट बिल के प्रावधान पुलिस को विरोध और सार्वजनिक समारोहों को नियंत्रित करने के लिए अधिक विवेकाधीन अधिकार देंगे।
पीपल्स डिस्पैच
07 Jul 2021
विरोध के बीच ब्रिटेन के हाउस ऑफ़ कॉमन्स में विवादास्पद पुलिस बिल पारित

प्रगतिशील वर्गों द्वारा 'किल द बिल' विरोध जारी रखने के बावजूद सोमवार 5 जुलाई को यूके के हाउस ऑफ कॉमन्स में तीसरे वाचन में कंजर्वेटिव बोरिस जॉनसन के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा प्रस्तावित विवादास्पद पुलिस, क्राइम, सेंटेंसिंग एंड कोर्ट बिल पारित हुआ। 650 सीटों वाले हाउस ऑफ कॉमन्स में इस बिल के पक्ष में (कंजर्वेटिव्स और डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट्स से) 365 वोट पड़े जबकि विपक्ष में (लेबर पार्टी, लिबरल डेमोक्रेट्स, स्कॉटिश नेशनलिस्ट पार्टी आदि से) 265 वोट पड़े।

इस साल मार्च में इस बिल पर दूसरा और पहला वाचन हुआ। अब इस बिल को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में भेजा जाएगा और फिर शाही सहमति के लिए भेजा जाएगा। प्रदर्शनकारियों की राय है कि इस बिल का प्रावधान पुलिस को अधिक विवेकाधीन अधिकार देगा जो देश में विरोध के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए हानिकारक हैं।

टोरी सरकार ने ब्रिटेन की संसद में पुलिस और आपराधिक न्याय प्रणाली व सजा के कानून में बदलाव लाने के इरादे से इस विधेयक का प्रस्ताव रखा है। रिपोर्टों के अनुसार, इस बिल के तीसरे भाग में, जो विरोध और सार्वजनिक सभा से संबंधित है, पुलिस को सार्वजनिक समारोहों और विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए बिना शर्त शक्तियां सौंपी गई हैं। पुलिस बल को विरोध प्रदर्शनों को "सार्वजनिक उपद्रव" करार देकर प्रदर्शनों को गैर कानूनी घोषित करने की अनुमति दी जाएगी और वे प्रदर्शनों को आरंभ करने और समाप्त करने का समय और शोर की सीमा तय कर प्रदर्शनों को नियंत्रित कर सकते हैं। नए विधेयक के प्रावधानों के तहत एक व्यक्ति द्वारा की गई गतिविधि को भी विरोध माना जा सकता है। पुलिस दिशानिर्देशों का पालन न करने पर 2,500 पाउंड (3458.65 अमेरिकी डॉलर) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। बिल के चौथे भाग में 'अनधिकृत' शिविरों और 'अनाधिकार प्रवेश' को दंडित करने का प्रावधान है जो जिप्सी, रोमा और ट्रेवलर समुदायों को लक्षित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने की संभावना है।

6 जुलाई को, इस बिल के तीसरे वाचन के बाद नारीवादी कार्यकर्ता समूह सिस्टर्स अनकट जो 'किल द बिल' विरोध के एक प्रमुख आयोजक है उसने ट्वीट किया कि "जब टोरी 'आजादी' के बारे में बात कर रहे थे तो वे हमारी इकट्ठा होने की आजादी, आवाज उठाने की हमारी आजादी, पुलिस हिंसा के डर के बिना जीने की आजादी को छीनने के लिए कानून बना रहे थे। पुलिस, क्राइम, सेंटेंसिंग एंड कोर्ट बिल न केवल विरोध प्रदर्शन को गैर कानूनी घोषित करता है बल्कि पूरे समुदायों को अपराधी मानता है।

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