NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
किसान आंदोलन को और धार देने की कवायद, 26 अगस्त को किसानों का राष्ट्रीय सम्मेलन
किसान आंदोलन को दुनिया भर से समर्थन मिल रहा है। एसकेएम ने ऐतिहासिक किसान आंदोलन के 9 महीने पूरे होने के उपलक्ष्य में 26 अगस्त को एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
17 Aug 2021
किसान आंदोलन को और धार देने की कवायद, 26 अगस्त को किसानों का राष्ट्रीय सम्मेलन
Image courtesy : NDTV

देश के लाखों किसानों के दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक, निरंतर शांतिपूर्ण विरोध के नौ महीने पूरे होने जा रहे है। इस उपलक्ष्य में, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 26 अगस्त 2021 को एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस अखिल भारतीय सम्मेलन में सैकड़ों किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी, जो स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा रहे हैं।

किसान आंदोलन अपने 264 दिन कर पूरे कर चुका है लेकिन सरकार द्वारा इनकी मांगे माननी तो दूर ,जनवरी के बाद से किसानों से कोई बातचीत नहीं की जा रही है। ऐसे में किसान भी अपने मांगों को लेकर दृढ़ संकल्पित हैं और उन्होंने कई बार साफ किया है 'जब तक कानून वापसी नहीं तब तक घर वापसी नहीं',

इस बीच किसानों का समर्थन देश ही नहीं बल्कि दुनिया में बढ़ा है। इसका ताज़ा उदाहरण तब देखने को मिला जब संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देश भर के किसानों ने भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस को ‘किसान मजदूर आजादी संग्राम दिवस’ के रूप में मनाया। इस दिन किसानों और श्रमिकों द्वारा विभिन्न तरीकों से तिरंगा यात्रा निकली गई। यह सिर्फ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन स्थल पर ही नहीं बल्कि ये देशव्यापी स्तर पर हुआ। हालांकि उत्तर प्रदेश पुलिस ने कुछ स्थानों पर किसानों की तिरंगा यात्रा को आगे नहीं बढ़ने दिया।

किसान नेताओ ने कहा यह उल्लेखनीय है कि स्वतंत्र भारत में यह दिन, पहले कभी इतने प्रत्यक्ष रूप से और उत्साह के साथ नहीं मनाया गया था। सैकड़ों किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा में अलग-अलग जगहों पर किसानों ने हजारों वाहनों के साथ हिस्सा लिया। कृषि क्षेत्रों और शहर के चौकों पर, किसानों और अन्य नागरिकों के नेतृत्व में तिरंगा को ऊंचा रख, उन मुद्दों को उठाया गया, जो सभी नागरिकों की (जो विशेष रूप से जो हाशिए पर हैं) सच्ची स्वतंत्रता के लिए आवश्यक हैं।

इस स्वतंत्रता दिवस पर विरोध कर रहे किसानों को अपना समर्थन और एकजुटता देने के लिए, प्रवासी भारतीयों द्वारा दुनिया के विभिन्न हिस्सों में ‘स्लीप-आउट कार्यक्रम’ आयोजित किए गए। इसमें वैंकूवर, लंदन, सैन होज़े (संयुक्त राज्य), सिएटल, टोरंटो, वियना आदि शामिल हैं। लंदन में, टेम्स नदी पर, प्रसिद्ध वेस्टमिंस्टर ब्रिज पर एक विशाल बैनर फहराया गया था जिसमें प्रधान मंत्री मोदी के इस्तीफे की मांग की गई। जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुई।

इन सबके बीच बीजेपी और उसके सहयोगी जेजेपी नेताओं को कोई राहत नहीं दी गई, उनका विरोध जारी है। हरियाणा में जेजेपी के एक विधायक जोगी राम सिहाग को रविवार को हिसार के गांवों में जाने पर काले झंडे के विरोध का सामना करना पड़ा। एक गांव (सिरसौद) से भागने के बाद, विधायक को दूसरे गांव (बिछपडी) में भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा, जहां उन्हें स्थानीय किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।

मोर्चे ने प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले से दिए गए उनके भाषण को लेकर भी सवाल उठाए। संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को बयाना में कहा प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में मोदी सरकार के बदलते लक्ष्य कल फिर से स्पष्ट हो गए। छोटे और सीमांत किसानों के बारे में पीएम का जोर, किसानों के हितों की रक्षा करने में सरकार की घोर विफलता को छिपाने और उसके किसान विरोधी कदमों को छिपाने के लिए था। ये किसी से छुपाये नहीं जा सकते थे।

इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि बाजार समितियों के पुनरुद्धार और विकास की घोषणा की, जिसको लेकर मोर्चे ने कहा कि विरोध कर रहे किसानों के रुख को यह सही साबित करती है, और विनियमित बाजारों की आवश्यकता पर जोर देती है।

लगभग 9 महीने से चल रहे किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए दूर-दराज के स्थानों से किसान जत्थो का आना जारी है। सोमवार को मोर्चे ने जानकारी दी कि तमिलनाडु से सैकड़ों किसान सिंघू बॉर्डर पहुंचे। कर्नाटक के किसानों के एक दल ने आज गाजीपुर सीमा पर सभा को संबोधित किया।

इस बीच, भाकियू के श्री गुरनाम सिंह चढूनी और संयुक्त मोर्चा में जो पिछले कई महीनो से जो तनातनी चल रही थी उसे भी विराम देने का प्रयास हुआ।

ये प्रयास दोनों तरफ से हो रहे हैं। चढूनी ने चुनाव में प्रवेश करने के अपने बयान को वापस ले लिया, वे किसी भी राजनीतिक दल का गठन नहीं करेंगे। एसकेएम के प्रतिनिधियों और श्री चढूनी के बीच बातचीत में कुछ अन्य लंबित मुद्दों को भी सुलझाया गया है। हालाँकि संयुक्त किसान मोर्चा के स्टैंड और मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए हरियाणा के चार व्यक्तियों (प्रदीप धनखड़, विकल पचर, जगबीर घसोला और डॉ. शमशेर) को एसकेएम से पूरी तरह से निष्कासित कर दिया गया है और उन्हें एसकेएम के किसी भी विरोध स्थल में किसी भी मोर्चा स्थल या मंच पर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जायेगी। यह निर्णय एसकेएम की पिछली बैठक में लिया गया था।

kisan andolan
farmers protest
Samyukt Kisan Morcha
New Farm Laws
rakesh tikait

Related Stories

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

झारखंड: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन सत्याग्रह जारी, संकल्प दिवस में शामिल हुए राकेश टिकैत

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

एमएसपी पर फिर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगा संयुक्त किसान मोर्चा

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

1982 की गौरवशाली संयुक्त हड़ताल के 40 वर्ष: वर्तमान में मेहनतकश वर्ग की एकता का महत्व

किसानों को आंदोलन और राजनीति दोनों को साधना होगा

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल


बाकी खबरें

  • starbucks
    सोनाली कोल्हटकर
    युवा श्रमिक स्टारबक्स को कैसे लामबंद कर रहे हैं
    03 May 2022
    स्टारबक्स वर्कर्स यूनाइटेड अमेरिकी की प्रतिष्ठित कॉफी श्रृंखला हैं, जिसकी एक के बाद दूसरी शाखा में यूनियन बन रही है। कैलिफ़ोर्निया स्थित एक युवा कार्यकर्ता-संगठनकर्ता बताते हैं कि यह विजय अभियान सबसे…
  • प्रबीर पुरकायस्थ, टी के अंजलि
    कोयले की किल्लत और बिजली कटौती : संकट की असल वजह क्या है?
    03 May 2022
    मौजूदा संकट, बिजली क्षेत्र में सुधारों की बुनियादी विचारधारा का ही नतीजा है, जहां 400 गीगावाट की स्थापित बिजली क्षमता के होते हुए भी, इससे आधी शीर्ष मांग पूरी करना भी संभव नहीं हो रहा है।
  • आज का कार्टून
    मंज़र ऐसा ही ख़ुश नज़र आए...पसमंज़र की आग बुझ जाए: ईद मुबारक!
    03 May 2022
    कार्टूनिस्ट इरफ़ान के साथ हम सब इस ईद पर यही चाहते हैं कि मंज़र ऐसा ही ख़ुश नज़र आए...पसमंज़र की आग बुझ जाए।
  • विजय विनीत
    बनारस में हाहाकारः पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में पीने के पानी के लिए सब बेहाल
    03 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्टः  बनारस में पानी की आफत को देखते हुए एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने मांग की है कि शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए बनारस शहर में आपातकाल घोषित किया जाए और पानी की विलासिता पर रोक लगाई जाए।…
  • अखिलेश अखिल
    ढहता लोकतंत्र : राजनीति का अपराधीकरण, लोकतंत्र में दाग़ियों को आरक्षण!
    03 May 2022
    आजादी के अमृतकाल की दुदुम्भी और शंखनाद से इतर जब राजनीति के अपराधीकरण पर हम नजर डालते हैं तो शर्म से सिर झुक जाता है। जो सदन कभी जनता के सवालों पर गूंजता था,एक से बढ़कर एक वक्ताओं के ऐतिहासिक भाषणों…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License