NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
कोविड-19 लॉकडाउन : तेलुगु राज्यों के किसान रबी फसल की बिक्री को लेकर चिंतित
किसानों के अधिकारों के लिए काम रहे कार्यकर्ताओं की मांग है कि केंद्र और राज्य सरकारें कृषि मज़दूरों के लिए राहत पैकेजों की घोषणा करें।
पृथ्वीराज रूपावत
27 Mar 2020
कोविड-19 लॉकडाउन
Image Courtesy: New Indian Express

देश में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 21 दिनों का लॉकडाउन कर दिया है। इसको लेकर कृषि क्षेत्र के संकट को रोकने के लिए किसानों के संगठन केंद्र और राज्य सरकारों से तत्काल कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

इस बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने मंगलवार को किसानों को आश्वासन दिया है कि सरकार उनके खेत की उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे गांवों से ख़रीदेगी।

तेलंगाना कमेटी ऑफ़ द ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव सागर कहते हैं, "ऐसे समय में ग्रामीण स्तर पर कृषि उपज को खरीदना सराहनीय है, लेकिन यह प्रक्रिया तुरंत शुरू होनी चाहिए क्योंकि तेलंगाना में रबी की अधिकांश फसलें पहले ही कट चुकी हैं और किसानों को उपज बेचने में कठिनाई हो रही है।" उन्होंने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा कि धान बड़े पैमाने पर दूसरी फसल के मौसम में उगाया जाता है और किसान अपनी उपज का लंबे समय तक भंडारण नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा, "फसल खराब होने से पहले सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।"

किसानों को दैनिक आधार पर उत्पादन होने वाली सब्जियों के परिवहन में भी कठिनाई हो रही है। सागर ने कहा, "जगह-जगह पर बंदी के कारण किसान अपनी सब्जी की उपज थोक खुदरा विक्रेताओं को सस्ते दामों पर बेच रहे हैं जबकि उपभोक्ता इसे अधिक दामों में खरीद रहे हैं।"

तेलंगाना रायतांगा समिति के सायन्ना कहते हैं, इस संकटकी घड़ी में, कृषि मजदूर सबसे उपेक्षित वर्ग हैं। सायन्नान्यूजक्लिक से बातचीत में कहते हैं, “हालांकि राज्य सरकार ने घोषणा की है कि वह सभी सफेद राशन-कार्ड धारकों को 12 किलो चावल और 1500 रुपये प्रति परिवार वितरित करेगी, यह कृषि मजदूरों और उनके परिवारों के लिए मुश्किल होगा। वे दस दिनों तक काम नहीं करें तो वे जी नहीं सकते हैं।" वे कहते हैं "यह बहुत निराशाजनक है कि केंद्र सरकार ने इस महामारी के दौरान भूख के चलते मौत का सामना कर रहे कृषि और दैनिक मजदूरों के लिए किसी भी तरह के राहत पैकेज की घोषणा नहीं की है।"

आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि तेलंगाना में पॉल्ट्री उद्योग ने कोरोनोवायरस के प्रकोप के दहशत का खामियाजा भुगत रही है, जिससे चिकेन उत्पादों की खपत कम हो गई। राज्य सरकार के अनुमानों के अनुसार, पॉल्ट्री उद्योग को मार्च के पहले दो हफ्तों में1000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

आंध्र प्रदेश रायतु संगम के वाई. केसव राव ने कहा कि आंध्र प्रदेश में, कृषि बाजार को तत्काल सहायता की आवश्यकता है।

केशव राव ने कहा, "राज्य में मक्का, दलहन और बागवानी फसलों (आम) सहित रबी की फसलें खरीदारी के समय में पहुंच गई हैं और लॉकडाउन के चलते बाजार बंद हो गए हैं। इसलिए, सरकार को खरीद प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना चाहिए क्योंकि किसी भी तरह की देरी से किसानों, पट्टेदार किसानों और कृषि मजदूरों को नुकसान होगा क्योंकि वे सभी एक दूसरे पर निर्भर हैं।”

इससे पहले, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने बंद के दौरान राहत पैकेज के रूप में गरीब लोगों को राशन के अलावा 1000 रुपये प्रति परिवार को सीधे नकद हस्तांतरण की घोषणा की थी।

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

Farmers From Telugu States Concerned Over Rabi Crop Procurement Amid COVID-19 Lockdown

Telangana
Andhra pradesh
Agriculture
Poultry
Rabi Crop
AIKS
Telangana Raitanga samithi

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

‘तेलंगाना की जनता बदलाव चाहती है’… हिंसा नहीं

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

डीवाईएफ़आई ने भारत में धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए संयुक्त संघर्ष का आह्वान किया

बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर

‘तमिलनाडु सरकार मंदिर की ज़मीन पर रहने वाले लोगों पर हमले बंद करे’

विभाजनकारी चंडीगढ़ मुद्दे का सच और केंद्र की विनाशकारी मंशा

हरियाणा: हड़ताली आंगनवाड़ी कार्यकार्ताओं के आंदोलन में अब किसान और छात्र भी जुड़ेंगे 


बाकी खबरें

  • पुलकित कुमार शर्मा
    आख़िर फ़ायदे में चल रही कंपनियां भी क्यों बेचना चाहती है सरकार?
    30 May 2022
    मोदी सरकार अच्छे ख़ासी प्रॉफिट में चल रही BPCL जैसी सार्वजानिक कंपनी का भी निजीकरण करना चाहती है, जबकि 2020-21 में BPCL के प्रॉफिट में 600 फ़ीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है। फ़िलहाल तो इस निजीकरण को…
  • भाषा
    रालोद के सम्मेलन में जाति जनगणना कराने, सामाजिक न्याय आयोग के गठन की मांग
    30 May 2022
    रालोद की ओर से रविवार को दिल्ली में ‘सामाजिक न्याय सम्मेलन’ का आयोजन किया जिसमें राजद, जद (यू) और तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया। सम्मेलन में देश में जाति आधारित जनगणना…
  • सुबोध वर्मा
    मोदी@8: भाजपा की 'कल्याण' और 'सेवा' की बात
    30 May 2022
    बढ़ती बेरोज़गारी और महंगाई से पैदा हुए असंतोष से निपटने में सरकार की विफलता का मुकाबला करने के लिए भाजपा यह बातें कर रही है।
  • भाषा
    नेपाल विमान हादसे में कोई व्यक्ति जीवित नहीं मिला
    30 May 2022
    नेपाल की सेना ने सोमवार को बताया कि रविवार की सुबह दुर्घटनाग्रस्त हुए यात्री विमान का मलबा नेपाल के मुस्तांग जिले में मिला है। यह विमान करीब 20 घंटे से लापता था।
  • भाषा
    मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया
    30 May 2022
    पंजाब के मानसा जिले में रविवार को अज्ञात हमलावरों ने सिद्धू मूसेवाला (28) की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राज्य सरकार द्वारा मूसेवाला की सुरक्षा वापस लिए जाने के एक दिन बाद यह घटना हुई थी। मूसेवाला के…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License