NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहारः एक महीने के भीतर एक और पत्रकार पर जानलेवा हमला, स्थिति नाज़ुक 
बिहार में एक सप्ताह पहले ही मधुबनी ज़िले के बेनीपट्टी इलाक़े में एक न्यूज़ पोर्टल से जुड़े पत्रकार बुद्धिनाथ झा की बदमाशों ने हत्या कर, उनके शव को जला दिया था। वे बेनीपट्टी में फ़र्ज़ी नर्सिंग होम का पर्दाफ़ाश कर रहे थे। 
एम.ओबैद
23 Nov 2021
attack on journalist
फ़ोटो साभार: एबीपी न्यूज़

बिहार में एक महीने के भीतर एक और पत्रकार पर फिर जानलेवा हमला किया गया है। अररिया जिले के रानीगंज थाना क्षेत्र के गीतवास बाजार में रविवार देर शाम 30 वर्षीय बलराम कुमार को गोली मार दी गई। एक सप्ताह पहले ही राज्य के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी में एक न्यूज पोर्टल से जुड़े पत्रकार बुद्धि नाथ झा उर्फ अविनाश झा (22 वर्ष) की बदमाशों ने हत्या कर उनके शव को जला दिया था। 

बलराम कुमार अररिया में एक न्यूज पोर्टल से जुड़े हुए है। हमले के बाद उनकी स्थिति गंभीर है और उनका इलाज पूर्णिया के प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है जहां वे जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।

उधर हमले के बाद स्थानीय लोगों ने आरोपी को पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपी का पुलिस हिरासत में अररिया जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।

अररिया अनुमंडल पुलिस अधिकारी पुष्कर कुमार ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा कि, "पुलिस सभी एंगल से मामलों की जांच कर रही है।"

जान से मारने की मिली थी धमकी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी द्वारा जान से मारने की धमकी के बाद पीड़ित ने दो महीने पहले रानीगंज थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी। बाद में उन्हें फेसबुक पर धमकी भी दी गई।

अररिया पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, "ये हमला इस तथ्य का संकेत है कि पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं।" उन्होंने आगे कहा कि एसोसिएशन पत्रकारों की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन को एक याचिका सौंपेगी।

इस बीच, घायल पत्रकार का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि उनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। उन्होंने कहा, 'हम उनकी जान बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

इस बीच, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट में बिहार में पत्रकारों पर हो रहे हमले की निंदा की। बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर पत्रकार इसे जंगलराज कहने की हिम्मत करेंगे तो उन्हें किसी बहाने से दंडित किया जाएगा।

पहले भी हो चुकी हैं पत्रकारों की हत्याएं

एक सप्ताह पहले ही मधुबनी जिले में एक न्यूज पोर्टल में काम करने वाले पत्रकार की हत्या कर दी गई थी और उनका जला हुआ शव बाद में हाई-वे के किनारे से बरामद किया गया था। वे 9 नवंबर से लापता थे। हत्या से पहले बुद्धिनाथ ने एक वीडियो बनाया था जिसमें वे फ़र्ज़ी क्लिनिक का ज़िक्र कर रहे थे। इस वीडियो में वे बताते हैं कि उन्हें 12 जुलाई 2019 को गोली मारने की धमकी दी गई थी। उन्होंने आगे कहा कि वे लड़ते रहे है और लड़ते रहेंगे।

इस साल 10 अगस्त को ही पूर्वी चंपारण में एक पत्रकार मनीष कुमार सिंह (30वर्ष) की हत्‍या कर दी गई थी। अपराधियों ने उन्हें अगवा कर गला रेत कर हत्या कर दी थी। मनीष एक न्यूज चैनल से जुड़े थे।

बिहार के समस्तीपुर में 3 जनवरी 2017 को एक हिन्दी दैनिक के पत्रकार ब्रजकिशोर ब्रजेश की बदमाशों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। 12 नवंबर 2016 को सासाराम में पत्रकार धर्मेंद्र सिंह की बदमाशों ने हत्या कर दी थी। वे दैनिक भास्कर से जुड़े हुए थे। दरभंगा में दैनिक जागरण से जुड़े पत्रकार रामचंद्र यादव की बदमाशों ने इसी दिन हत्या कर दी थी।

13 मई 2016 को सीवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या कर दी गई थी। बदमाशों ने उस समय उनकी हत्या कर दी थी जब वे अखबार के दफ्तर से अपनी बाइक से देर रात घर लौट रहे थे।

प्रेस सूचकांक में नीचे खिसकता भारत

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक (डब्ल्यूपीएफआई) 2021 में भारत 180 देशों में 142वें स्थान पर है। पिछले वर्ष भी इसी स्थान पर रहा लेकिन 2019 की तुलना में 2 स्थान नीचे आ गया। इसका मतलब है कि भारत प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में 141 देशों से नीचे है। 

प्रेस सूचकांक में भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो नेपाल 106वें पायदान पर है जबकि श्रीलंका 127वें स्थान पर, वहीं म्यांमार (तख्तापलट से पहले) 140 वें स्थान पर रहा। चिंता की बात ये है कि भारत इस सूचकांक में लगातार नीचे खिसक रहा है। साल 2002 में डब्ल्यूपीएफआई में भारत 80वें स्थान पर था वहीं साल 2010 में 122वें स्थान पर, जबकि वर्ष 2012 में 131वें और 2016 में 133वें स्थान पर पहुंच गया और अब यह गिरकर 2021 में 142वें स्थान पर पहुंच गया। 

Bihar
journalist
attack on journalists
Press freedom
bihar police

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’

बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी


बाकी खबरें

  • आज का कार्टून
    आम आदमी जाए तो कहाँ जाए!
    05 May 2022
    महंगाई की मार भी गज़ब होती है। अगर महंगाई को नियंत्रित न किया जाए तो मार आम आदमी पर पड़ती है और अगर महंगाई को नियंत्रित करने की कोशिश की जाए तब भी मार आम आदमी पर पड़ती है।
  • एस एन साहू 
    श्रम मुद्दों पर भारतीय इतिहास और संविधान सभा के परिप्रेक्ष्य
    05 May 2022
    प्रगतिशील तरीके से श्रम मुद्दों को उठाने का भारत का रिकॉर्ड मई दिवस 1 मई,1891 को अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाए जाने की शुरूआत से पहले का है।
  • विजय विनीत
    मिड-डे मील में व्यवस्था के बाद कैंसर से जंग लड़ने वाले पूर्वांचल के जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल के साथ 'उम्मीदों की मौत'
    05 May 2022
    जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल की प्राण रक्षा के लिए न मोदी-योगी सरकार आगे आई और न ही नौकरशाही। नतीजा, पत्रकार पवन जायसवाल के मौत की चीख़ बनारस के एक निजी अस्पताल में गूंजी और आंसू बहकर सामने आई।
  • सुकुमार मुरलीधरन
    भारतीय मीडिया : बेड़ियों में जकड़ा और जासूसी का शिकार
    05 May 2022
    विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय मीडिया पर लागू किए जा रहे नागवार नये नियमों और ख़ासकर डिजिटल डोमेन में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों और अवसरों की एक जांच-पड़ताल।
  • ज़ाहिद ख़ान
    नौशाद : जिनके संगीत में मिट्टी की सुगंध और ज़िंदगी की शक्ल थी
    05 May 2022
    नौशाद, हिंदी सिनेमा के ऐसे जगमगाते सितारे हैं, जो अपने संगीत से आज भी दिलों को मुनव्वर करते हैं। नौशाद की पुण्यतिथि पर पेश है उनके जीवन और काम से जुड़ी बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License