NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार ग्रामीण बैंक में एक और बड़ा घोटाला!, लेकिन बैंक और पुलिस ने दर्ज नहीं की FIR
मामला 19 अगस्त का है जब लोगों को इस बात की भनक लगी कि कस्तूरी सराय बैंक में ग़बन हो गया है तो लोग अपने साथ भी ग़बन की आशंका में डर सहम गए। मामले के बारे में सुनते ही बैंक के आगे भीड़ उमड़ गई , लोग अपनी-अपनी पासबुक अपडेट करवा कर यह जानना चाहते थे कि कहीं उनके साथ भी तो ग़बन नहीं हुआ है? 
अंकित शुक्ला, प्रकाश रंजन
06 Sep 2021
ग्रमीण बैंक

बिहार के वैशाली जिले में स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में एक बड़ा घोटाला सामने आया है! आरोप है कि पातेपुर थाना क्षेत्र के कस्तूरी सराय गांव स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के ब्रांच मैनेजर हरीश कुमार एवं कैशियर राजेश प्रसाद ने मिलीभगत करके ग्राहकों के खातों से करोड़ों रुपए की अवैध निकासी को अंजाम दिया है। फिलहाल बैंक मैनेजर और कैशियर फ़रार चल रहे हैं।

बिहार ग्रामीण बैंक में ग़बन का यह पहला आरोप नहीं हैं। कुछ दिनों से बिहार में सिलसिलेवार रूप से ग्रामीण बैंकों में ग़बन की शिकायत मिलती रही है। 2 जून को बक्सर के ग्रामीण बैंक में ग़बन का मामला सामने आया अभी ये मामला शांत भी नहीं हुआ था या यह ये कहें कि जांच टीम का गठन भी नहीं हुआ था कि 8 जून को नवादा जिले के वारसलीगंज थाना क्षेत्र स्थित ग्रामीण बैंक के ब्रांच में 92 लाख के ग़बन का मामला सामने आ गया।  इस घोटाले की जांच पड़ताल के बाद थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। मामले में बैंक की पूर्व प्रबंधक मधुलिका रानी, शाखा प्रबंधक योगेश कुमार एवं कैशियर विशाल कुमार को दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया था।

फ़िलहाल ताज़ा मामला 19 अगस्त का है जब लोगों को इस बात की भनक लगी कि कस्तूरी सराय बैंक में ग़बन हो गया है तो लोग अपने साथ भी ग़बन की आशंका में डर सहम गए। मामले के बारे में सुनते ही बैंक के आगे भीड़ उमड़ गई , लोग अपनी-अपनी पासबुक अपडेट करवा कर यह जानना चाहते थे कि कहीं उनके साथ भी तो ग़बन नहीं हुआ है? 

रोज़ ऐसी ही भीड़ बैंक के बाहर लगती है , लोगों की बेचैनी रोज़ बढ़ती जाती है लेकिन बैंक करें भी तो क्या करें उसके पास एक प्रिंटर है उसी में एक दिन में जितनी पासबुक प्रिंट हो सकती हैं वे करते हैं। 

बैंक पासबुक उपडेट करवाने आये कुछ ग्राहकों से हमारी बात हुई, कुछ अपने साथ हुए ग़बन को लेकर गुस्से में थे तो कुछ रो रहे थे लेकिन कुछ ऐसे भी थे जिनको अभी इंतजार करना था कि उनके साथ ग़बन हुआ है कि नहीं? गाहकों का कहना है कि लगभग 10 करोड़ का ग़बन हुआ है। 

बैंक के सामने भीड़ से दूर माथे पर हाथ रखे बैठे एक बदहवास व्यक्ति से जब हमारी बात हुई तो उन्होंने ने बताया कि मेरा नाम महेश साह है। हम रामपुर गांव के रहने वाले हैं। ठेला, रिक्शा चला कर पाई-पाई जोड़ कर एक लाख रुपया जमा किया था लेकिन आज सब कुछ खत्म हो गया, अब क्या होगा कुछ समझ में नहीं आ रहा है, इतना कहते ही उनकी आंखें डब डबा गईं और गला भारी हो गया। थोड़ी देर चुप रहने के बाद महेश ने रोते हुए बोला कि छठ पूजा के बाद बेटी की शादी करनी थी। अब क्या होगा, कैसे करेंगे शादी?
 
महेश कुछ देर रोते रहे और फिर बोले ''कोई कैसे निकाल सकता है मेरा पैसा, वो भी मेरे अंगूठे के निशान के बिना?'' फिर खुद बोल पड़े ''हमको ये नहीं जानना है, हमको तो हमारा पैसा मिल जाये बस ...''

फिर हमारी मुलाकात चकसैद गांव के प्रदीप राय से हुई, वो भीड़ से दूर एक झोपड़ी में बैठे थे। धोती, बनियान और कांधे पर गमछा लिए प्रदीप राय उम्र के उस पड़ाव पर थे जहां इस दुख पर उनकी पथराई आंखों से आसूं भी नहीं निकलेंगे। प्रदीप राय के 78 हजार रुपये निकाल लिए गए हैं, ये वही पैसे थे जो इनके बेटे इनको भेजा करते थे और इन पैसों में प्रदीप राय के वृद्धा पेंशन के भी पैसे शामिल थे। प्रदीप राय बड़ी पीड़ा से बोल रहे थे कि बाबू लोग (अपने दोनों बेटों को ) बड़ी मेहनत से पैसा कमाते हैं और पेट काट-काट कर हमको पैसा भेजा करते थे और हम यहां जमा कर देते थे.. फिर प्रदीप राय ने एक लंबी आह भरी और चुप हो गए।

साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद ने अपने उपन्यास ग़बन में लिखा था कि "जीवन एक दीर्घ पश्चाताप के सिवा और क्या है" और अभी प्रदीप राय का भी भाव यही था। किसी ने इनको बताया था कि बैंक में पैसे सुरक्षित रहते हैं, घर पर रखने पर दस तरह के खतरे हैं, कहीं चूहें काट दें या फिर चोरी हो जाएं, इसलिए प्रदीप राय बैंक में ही पैसे जमा करते रहे. लेकिन जिस पर विश्वास किया था वही विश्वासघाती निकला। मैंनेजर ने कैशियर के साथ मिल कर ग़बन कर दिया। 

इसके बाद हमारी बात प्रदीप राय के बगल में ज़मीन पर बैठे फ़कीरा साह से हुई। फ़कीरा साह शेरपुर शंकरदा गांव के रहने वाले हैं उन्होंने बताया कि मेहनत मजदूरी करके पाई पाई जमा किया था। आखिरी बार पिछले महीने की 10 तारीख को ही 3 हजार रुपया जमा किया था। तब हमको नहीं पता था कि ऐसा कुछ हो जाएगा। 3 लाख 56 हज़ार जमा किये थे, आज बैंक में मात्र 3,400 रुपये ही बचे हैं। घर बनाने के लिए पैसा जमा किया था, ई बरसात तो कैसे भी पन्नी (प्लास्टिक) टांग कर गुजार लिया, लेकिन अगली बार अब क्या करेंगे?  फ़कीरा साह गमछे से मुंह पौंछते हुए आगे बोलते हैं कि एक जवान बेटा है , घर नहीं होने के कारण हमारे बच्चे की शादी नहीं हो रही है, अब शादी कैसी होगी? हमारे साथ इतना बड़ा ग़बन कर दिया बैंक ने।

बैंक ग़बन के मामले में जांच टीम का गठन किया गया

इस पूरे मामले में बैंक के रीजनल मैनेजर प्रभात रंजन ने हिंदुस्तान समाचार को बताया ''बैंक के ग्राहकों ने खातों से बिना जानकारी के निकासी की शिकायत की है। बैंक के मैनेजर और कैशियर से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। लेकिन ग्राहकों की शिकायत पर और पूरे मामले को देखते हुए एक जांच टीम का गठन किया गया है। ये जांच टीम ऑडिट के साथ ही पूरे मामले की जांच करेगी। ऑडिट में जिन भी ग्राहकों के खाते से रुपया निकला हुआ पाया जाएगा, उसकी भरपाई बैंक द्वारा की जाएगी। फिलहाल पूरे मामले की जांच के बाद हीं वस्तुस्थिति स्पष्ट हो पाएगी।''

फ़कीरा साह के बाद हमारी बात जांच टीम के एक सदस्य से हुई जिहोंने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया ''ग़बन हुआ है और बहुत बड़ा ग़बन हुआ है, अभी ऑडिट चल रहा है और ऑडिट पूरा होने पर ही हम एक आकड़ा बता पाएंगे। एक वाउचर चेक करने में एक से दो दिन लग रहा है। हमने एक आदमी को बस लोगों की शिकायत लिखने के ही काम पर लगा रखा है।'' 

इस संबंध में पातेपुर के एस.एच.ओ. रामशंकर ने बताया कि बैंक मैनेजर और कैशियर के खिलाफ अभी तक बैंक द्वारा कोई भी एफ.आई.आर.  दर्ज नहीं करवाई गई है। बैंक चाहता था कि मैं मैनेजर और कैशियर के खिलाफ सनहा लिखूं लेकिन मैंने बोला कि अपराध के लिए सनहा नहीं लिखा जाता है आप लोग प्राथमिकता दर्ज करवा दीजिये लेकिन बैंक ने अभी तक प्राथमिकता दर्ज नहीं करवाया है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है आर.बी.आई. गाईडलाइन के अनुसार ग़बन किया हुआ पैसा ग्रहकों को मिल जाएगा। अभी ऑडिट चल रहा है और उसके बाद ही पता चल पाएगा कि ये ग़बन कितने रुपये का हुआ है । 

वहीं अनिल कुमार साह ने बताया ''मेरे खाते से 10 लाख रुपये मैंनेजर और कैशियर ने अवैध तरीके से निकाल लिए हैं , जब पातेपुर थाना पर एफ.आई.आर.करने गया तो पातेपुर थाने ने यह बोल कर एफ.आई.आर. दर्ज करने से मना कर दिया कि आप बैंक पर दवाब बनाइये कि वो एफ.आई.आर. करे, थाना हर ग्राहक की एफ.आई.आर. नहीं ले सकता है। तब अनिल कुमार ने कोर्ट से ग्रामीण बैंक के चेयरमैन को और  उत्तर ग्रामीण बैंक, वैशाली के क्षेत्रीय प्रबंधन को नोटिस भेज दिया है

क्या है आर.बी.आई. की गाइडलाइन ? 

1961 के निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation Act, DICGC) के तहत हर तरह के बैंको के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वह अपने बैंक में हर डिपॉजिट खाता के लिए DICGC से इन्शुरेन्स खरीदेगा और बैंक ही उस इन्सुरेंस का प्रीमियम भरेगा। जब बैंक में घोटाला होगा या बैंक कंगाल हो जाएगा तो DIGCG हर डिपॉजिट धारक के 5 लाख तक के नुकसान की भरपाई करेगा।  

DIGCG आर.बी.आई. द्वारा संचालित होता है और इसके चेयरमैन आर.बी.आई. के ही कोई डिप्टी गवर्नर होते हैं। इसका मुख्यालय मुंबई में है। अगर ग्राहक का 5 लाख से अधिक जमा राशि था तो उसको DIGCG से बस 5 लाख रुपया ही मिलेगा और बाकी के बकाया भुगतान के लिए उसे तब तक का इंतजार करना होगा जब तक आर.बी.आई. या कोऑपरेटिव रजिस्ट्रार उस बैंक को बेच नहीं देते हैं (स्रोत Banking Regulation Ordinance 2020) 

इस रिपोर्ट के लेखक अंकित शुक्ला और प्रकाश रंजन  स्वतंत्र पत्रकार हैं।

Bihar
Bihar gramin bank
Uttar Bihar Gramin Bank
Scam in Bank
DIGCG
RBI

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’

बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?
    31 May 2022
    बीते विधानसभा चुनाव में इन दोनों जगहों से सपा को जीत मिली थी, लेकिन लोकसभा उपचुनाव में ये आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है तो वहीं मुख्य…
  • Himachal
    टिकेंदर सिंह पंवार
    हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 
    31 May 2022
    केंद्र को यह समझना चाहिए कि हाती कोई सजातीय समूह नहीं है। इसमें कई जातिगत उपसमूह भी शामिल हैं। जनजातीय दर्जा, काग़जों पर इनके अंतर को खत्म करता नज़र आएगा, लेकिन वास्तविकता में यह जातिगत पदानुक्रम को…
  • रबीन्द्र नाथ सिन्हा
    त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान
    31 May 2022
    हाई-प्रोफाइल बिप्लब कुमार देब को पद से अपदस्थ कर, भाजपा के शीर्षस्थ नेतृत्व ने नए सीएम के तौर पर पूर्व-कांग्रेसी, प्रोफेसर और दंत चिकित्सक माणिक साहा को चुना है। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा
    31 May 2022
    “राज्य की शिक्षा, संस्कृति तथा राजनीतिक परिदृ्श्य का दमन और हालिया असंवैधानिक हमलों ने हम लोगों को चिंता में डाल दिया है।"
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?
    31 May 2022
    न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं उमर खालिद के केस की। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि उमर खालिद का भाषण अनुचित था, लेकिन यह यह आतंकवादी कृत्य नहीं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License