NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
"लखनऊ में लगवाए गए रिकवरी के होर्डिंग न्यायसम्मत नहीं"
सेवानिवृत्त आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी ने कहा कि हम जिला प्रशासन के इस कदम को संयुक्त रूप से अदालत में चुनौती देंगे और इन होर्डिंग को फौरन हटाने और इन्हें लगाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
06 Mar 2020
Anti-CAA Protests

लखनऊ जिला प्रशासन ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ 19 दिसम्बर, 2019 को शहर में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं में सार्वजनिक सम्पत्ति को पहुंची क्षति की भरपाई के लिये आरोपियों के फोटो वाली होर्डिंग जगह-जगह लगवा दी है। जानकारों का कहना है कि न्यायसम्मत नहीं है और यह भीड़ को उकसाने वाली कार्रवाई जैसा है।

प्रशासन ने प्रदर्शन के दौरान राजधानी में हुई हिंसा में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले कथित प्रदर्शनकारियों के नाम और पते भी होर्डिंग के जरिये सार्वजनिक कर दिये हैं। प्रशासन ने उनकी फोटो लगी हुई होर्डिंग्स उन इलाकों में लगवायी हैं, जहां उन पर तोड़फोड़ करने का इल्जाम लगा है।

जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने शुक्रवार को बताया, ''राजस्व अदालत के स्तर पर नुकसान की भरपाई के लिए उपद्रवियों के खिलाफ रिकवरी नोटिस जारी किया गया है। इस हिंसक प्रदर्शन में 1.61 करोड़ रुपये कीमत की सम्पत्ति का नुकसान हुआ है।''

उन्होंने बताया, ''हजरतगंज समेत चार थाना क्षेत्रों में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक नुकसान की वसूली के लिए तीन आदेश जारी किए जा चुके हैं। आगे अगर पुलिस साक्ष्य उपलब्ध कराएगी तो बाकी आरोपियों से भी वसूली होगी।''

इन होर्डिंग में सामाजिक कार्यकर्ता सदर जाफर की तस्वीर भी है। सदफ ने प्रशासन के इस कदम को निहायत आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि वह इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगी।

उन्होंने 'भाषा' से बातचीत में कहा कि किसी को उस इल्ज़ाम के लिए इस तरह कैसे जलील किया जा सकता है जो अभी अदालत में साबित नहीं हुआ है। यह हिंदुस्तान है, अफगानिस्तान नहीं।

कानूनी मसलों को इस तरह जनता के सामने नहीं लाया जा सकता। हमें अदालत से जो जमानत मिली है उससे संबंधित आदेश में लिखा है कि हमारे खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। फिर सरकार आखिर किस हक से हमें रुसवा कर रही है।

सदफ ने कहा ''हमने पलायन नहीं किया है। हमसे जब भी कहा गया तब हमने अदालत और पुलिस के सामने हाजिरी दी है। आखिर हमें इस तरह से निशाना क्यों बनाया जा रहा है? सरकार यह बताए कि क्या उसने हवाई अड्डों पर विजय माल्या और नीरव मोदी के पोस्टर लगवाये थे?’’
उन्होंने तंज करते हुए कहा, ‘‘अगर सरकार ने ऐसा किया होता तो यह दोनों देश का पैसा लेकर दूसरे देश न भागे होते।’’

प्रशासन द्वारा लगाए गए पोस्टरों में सेवानिवृत्त आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी की भी तस्वीर है। दारापुरी ने राज्य सरकार के इस कदम को अवैध बताया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसे पोस्टर लगवाकर हमारी इज्जत को मिट्टी में मिला दिया है।

उन्होंने कहा कि वह गृह विभाग के सचिव, पुलिस महानिदेशक तथा पुलिस आयुक्त को इस सिलसिले में पत्र लिख कर सूचित कर रहे हैं कि यदि इसकी वजह से उन्हें कोई परेशानी हुई तो इसके लिए प्रशासन स्वयं जिम्मेदार होगा।  

दारापुरी ने कहा कि हम जिला प्रशासन के इस कदम को संयुक्त रूप से अदालत में चुनौती देंगे और इन होर्डिंग को फौरन हटाने और इन्हें लगाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।

जिलाधिकारी प्रकाश ने बताया कि सभी को नोटिस जारी होने की तिथि से 30 दिन की मोहलत दी गयी है। अगर निर्धारित समय तक राशि नहीं जमा की गई तो आरोपियों की संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि उपद्रवियों के पोस्टर और होर्डिंग लगाने से दूसरे लोगों को सबक मिलेगा कि वे भविष्य में किसी के बहकावे में आकर हिंसा या तोडफोड़ ना करें। नहीं तो इसी तरह उनके घर के बाहर भी पोस्टर चस्पा कराये जा सकते हैं।

मालूम हो कि सीएए के खिलाफ 19 दिसम्बर, 2019 को लखनऊ में आहूत प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए संघर्ष में तोड़फोड़ और आगजनी हुई थी। इस वारदात में एक व्यक्ति की मौत भी हो गयी थी और बड़ी संख्या में लोग जख्मी हुए थे। पुलिस इस उपद्रव के लिए प्रदर्शनकारियों पर आरोप लगाती है, जबकि प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और उनके ख़िलाफ़ साज़िश की गई है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Property Attachment
Lucknow Hoardings
Anit-CAA Protests
Yogi Adityanath
Darapuri

Related Stories

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

अनुदेशकों के साथ दोहरा व्यवहार क्यों? 17 हज़ार तनख़्वाह, मिलते हैं सिर्फ़ 7000...

पत्रकारों के समर्थन में बलिया में ऐतिहासिक बंद, पूरे ज़िले में जुलूस-प्रदर्शन

पेपर लीक प्रकरणः ख़बर लिखने पर जेल भेजे गए पत्रकारों की रिहाई के लिए बलिया में जुलूस-प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट का घेराव

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

यूपीः योगी सरकार पर अभ्यर्थियों ने लगाया शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले का आरोप

उत्तर प्रदेश में स्कीम वर्कर्स की बिगड़ती स्थिति और बेपरवाह सरकार


बाकी खबरें

  • अदिति निगम
    25 मार्च, 2020 - लॉकडाउन फ़ाइल्स
    26 Mar 2022
    दो साल पहले भारत के शहरों से प्रवासी परिवारों का अब तक का सबसे बड़ा पलायन देखा गया था। इसके लिए किसी भी तरह की बस या ट्रेन की व्यवस्था तक नहीं की गयी थी, लिहाज़ा ग़रीब परिवार अपने गांवों तक पहुंचने…
  • सतीश भारतीय
    गुरुग्राम में कॉलेज छात्रों की गैंग जबरन कर रही है, रेहड़ी-पटरी वालों से ‘हफ़्ता वसूली‘
    25 Mar 2022
    फिल्मों में ‘हफ्ता वसूली‘ गुन्डे करते हैं और गुरुग्राम की धरती पर पढ़े लिखे नौजवान कर रहे हैं।
  • रवि शंकर दुबे
    योगी को फिर मुख्यमंत्री बनाना भाजपा की मज़बूती दर्शाता है या मजबूरी?
    25 Mar 2022
    योगी आदित्यनाथ जब दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे, तो भाजपा हाईकमान के चेहरे पर बिखरी खुशी कितनी असली थी कितनी नकली? शायद सबसे बड़ा सवाल यही है।
  • सोनिया यादव
    यूपी से लेकर बिहार तक महिलाओं के शोषण-उत्पीड़न की एक सी कहानी
    25 Mar 2022
    उत्तर प्रदेश में जहां बीजेपी दूसरी बार सरकार बना रही है, तो वहीं बिहार में बीजेपी जनता दल यूनाइटेड के साथ गठबंधन कर सत्ता पर काबिज़ है। बीते कुछ सालों में दोनों राज्यों पितृसत्तात्मक राजनीति की…
  • अजय कुमार
    श्रीलंका की तबाही इतनी भयंकर कि परीक्षा के लिए कागज़ का इंतज़ाम भी नहीं हो पा रहा
    25 Mar 2022
    श्रीलंका में रसोई गैस के एक सिलेंडर की कीमत तकरीबन 4200 श्रीलंकन रुपये तक पहुंच गयी है। एक किलो दूध का पैकेट तकरीबन 600 श्रीलंकन रुपये में मिल रहा है। कागज की कमी की वजह से सरकार ने स्कूली परीक्षा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License