NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
सेना पर रोहिंग्या समुदाय के महिलाओं और बच्चों की हत्याओं का आरोप
रोहिंग्याओं को रखाइन प्रांत में उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। म्यांमार में सेना पर राखाइन प्रांत में रोहिंग्या समुदाय के महिलाओं और बच्चों की हत्याओं का आरोप लगाया गया है।
पीपल्स डिस्पैच
04 Feb 2020
 रोहिंग्या समुदाय

रखाइन प्रांत में रोहिंग्या समुदाय के ख़िलाफ़ अत्याचार की एक और घटना में पिछले सप्ताह म्यांमार की सेना पर दो महिलाओं की हत्या का आरोप लगाया गया था जिनमें से एक गर्भवती पाई गई थी जबकि किन तुंग गांव में एक गोला गिरने के बाद सात नागरिक गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हालांकि सोमवार 3 फरवरी को सेना के प्रवक्ता ज़ॉ मिन तुन ने दबाव में इस ज़िम्मेदारी को अस्वीकार कर दिया है। उक्त अधिकारी ने इन हत्याओं के लिए विद्रोही समूह को दोषी ठहराया। इससे पहले 7 जनवरी को बुथीदाउंग टाउनशिप में हुए इसी तरह के विस्फोट में सात और रोहिंग्या बच्चों की मौत हो गई थी।

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के दो दिन बाद यानी 25 जनवरी को रोहिंग्या गांव की ओर दागे जाने वाले इस गोले की रिपोर्ट सामने आई है। अदालत ने अधिकारियों को नरसंहार के आरोपों से संबंधित सबूतों को नष्ट करने से रोकने के लिए अधिकारियों को आदेश दिया गया। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, "लगभग 600,000 रोहिंग्या इस देश में रहते हैं, और हमलों और उत्पीड़न को लेकर ख़ौफजदा हैं।"

इस घटना के बाद रॉयटर्स ने एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से लिखा कि जब गांव में गोला दागा गया था तो किन तुंग में कोई लड़ाई नहीं हो रही थी। हालांकि, विद्रोही समूह (अराकान आर्मी) ने एक बयान में कहा कि हमले के पीछे म्यांमार की सेना के होने के पर्याप्त सबूत थे।

इस विद्रोही संगठन ने सशस्त्र समूह को बदनाम करने के इरादे से जानबूझकर "प्रोपगैंडा और भ्रामक झूठ फैलाने" के लिए तातमाडोव को दोषी ठहराया है जो म्यांमार सेना का एक अन्य नाम है।

रखाइन के नस्लीय विद्रोही समूह वर्षों से इस प्रांत में अधिक स्वायत्तता की मांग कर रहा है। विद्रोहियों और म्यांमार सेना के बीच टकराव ने रोहिंग्या समुदाय के नरसंहार के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। जिनमें से अधिकांश दो साल पहले संघर्ष शुरू होने के बाद से या तो मारे गए, प्रताड़ित किए गए या तो म्यांमार से भाग गए हैं।

2017 के बाद से कमांडर-इन-चीफ के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लैंग के नेतृत्व में उनकी सेना के हाथों उत्पीड़न का सामना करने के बाद 7,40,000 रोहिंग्या म्यांमार के इस राज्य से भाग गए हैं। संयुक्त राष्ट्र की जांच के अनुसार, म्यांमार के सुरक्षा बल रोहिंग्याओं के ख़िलाफ़ किए गए दुष्कर्म और यौन हिंसा के अलावा व्यापक चोरी, जबरन वसूली, मनमानी गिरफ्तारी और जबरन श्रम में शामिल थे। 

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Rohingya
Myanmar’s Rohingya
exploitation of women
exploitation on Child
Army
नस्लीय विद्रोही समूह

Related Stories

कश्मीर में एक आर्मी-संचालित स्कूल की ओर से कर्मचारियों को हिजाब न पहनने के निर्देश

निचले तबकों को समर्थन देने वाली वामपंथी एकजुटता ही भारत के मुस्लिमों की मदद कर सकती है

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

यूपी से लेकर बिहार तक महिलाओं के शोषण-उत्पीड़न की एक सी कहानी

बिहार: सहरसा में पंचायत का फरमान बेतुका, पैसे देकर रेप मामले को रफा-दफा करने की कोशिश!

कैसे सैन्य शासन के विरोध ने म्यांमार को 2021 के तख़्तापलट के बाद से बदल दिया है

सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश, किसानों के केस वापसी पर मानी सरकार और अन्य ख़बरें।

असम न्यूज़ चैनलों ने गुवाहाटी में 26 ‘रोहिंग्या मुसलमानों’ के गिरफ़्तार होने की ग़लत ख़बर दिखाई

मीडिया रिपोर्ट और BJP नेताओं के दावे ग़लत, रोहिंग्या शरणार्थियों की भ्रामक तस्वीर पेश की गयी

म्यांमार की पुरानी रिपोर्ट कोलकाता में रोहिंग्या मुसलमानों द्वारा हिंदुओं की हत्या के नाम पर शेयर की


बाकी खबरें

  • Antony Blinken
    एम. के. भद्रकुमार
    रूस को अमेरिकी जवाब देने में ब्लिंकन देरी कर रहे हैं
    21 Jan 2022
    रूस की सुरक्षा गारंटी देने की मांगों पर औपचारिक प्रतिक्रिया देने की समय सीमा नजदीक आने के साथ ही अमेरिकी कूटनीति तेज हो गई है।
  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के क़रीब साढ़े तीन लाख नए मामले सामने आए
    21 Jan 2022
    देश में 24 घंटों में कोरोना के साढ़े तीन लाख के क़रीब यानी 3,47,254 नए मामले सामने आए हैं। देश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 5.23 फ़ीसदी यानी 20 लाख 18 हज़ार 825 हो गयी है।
  • jute mill
    रबीन्द्र नाथ सिन्हा
    बंगाल : जूट मिल बंद होने से क़रीब एक लाख मज़दूर होंगे प्रभावित
    21 Jan 2022
    नौ प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हस्तक्षेप की मांग की है।
  • online education
    सतीश भारतीय
    ऑनलाइन शिक्षा में विभिन्न समस्याओं से जूझते विद्यार्थियों का बयान
    21 Jan 2022
    मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों और शिक्षकों की प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट ज्ञात हो रहा है कि इस वक्त ऑनलाइन शिक्षा एक औपचारिकता के रूप में विद्यमान है। सरकार ने धरातलीय हकीकत जाने बगैर ऑनलाइन शिक्षा कोरोना…
  • Ukraine
    न्यूज़क्लिक टीम
    पड़ताल दुनिया भर कीः यमन का ड्रोन हमला हो या यूक्रेन पर तनाव, कब्ज़ा और लालच है असल मकसद
    20 Jan 2022
    'पड़ताल दुनिया भर की' में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबु धाबी पर किये ड्रोन हमले की असल कहानी पर प्रकाश डाला न्यूज़क्लिक के प्रधान संपादक…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License