NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
खेल
भारत
एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पूर्व मुक्केबाज डिंको सिंह का निधन
डिंको ने 1998 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और उन्हें उसी साल अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। खेलों में उनके योगदान के लिये उन्हें 2013 में पदम श्री से सम्मानित किया गया था। भारतीय नौसेना में काम करने वाले डिंको मुक्केबाजी से संन्यास लेने के बाद कोच बन गये थे। वह भारतीय खेल प्राधिकरण के इम्फाल केंद्र में कोचिंग दिया करते थे लेकिन बीमारी के कारण बाद में अपने घर तक ही सीमित हो गये थे।
भाषा
10 Jun 2021
एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पूर्व मुक्केबाज डिंको सिंह का निधन
फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

नयी दिल्ली : एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता और भारतीय मुक्केबाजी को नयी दिशा देने वाले डिंको सिंह का यकृत के कैंसर से लंबे समय तक जूझने के बाद गुरुवार को निधन हो गया।

वह 42 साल के थे और 2017 से इस बीमारी से जूझ रहे थे। उनके परिवार में पत्नी बाबइ नगानगोम तथा एक पुत्र और पुत्री है।

यह बैंथमवेट (54 किग्रा भार वर्ग) मुक्केबाज कैंसर से पीड़ित होने के अलावा पिछले साल कोविड—19 से भी संक्रमित हो गया था और वह पीलिया से भी पीड़ित रहे थे।

डिंको सिंह से पहले एशियाई खेलों की मुक्केबाजी में स्वर्ण पदक 1982 में कौर सिंह ने जीता था।

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, 'डिंको सिंह का निधन भारतीय मुक्केबाजी के लिये अपूरणीय क्षति है। वह मुक्केबाजों के लिये प्रेरणास्रोत रहे हैं और उनकी विरासत भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। ' खेल मंत्री कीरेन रीजीजू ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। कुछ मुक्केबाजों ने भी इस स्टार मुक्केबाज को याद किया।

रीजीजू ने ट्वीट किया, 'मैं श्री डिंको सिंह के निधन से बहुत दुखी हूं। वह भारत के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाजों में से एक थे। डिंको के 1998 बैकाक एशियाई खेलों में जीते गये स्वर्ण पदक ने भारत में मुक्केबाजी क्रांति को जन्म दिया। मैं शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।' मणिपुर के इस सुपरस्टार ने 10 वर्ष की उम्र में अपना पहला राष्ट्रीय खिताब (सब जूनियर) जीता था। वह भारतीय मुक्केबाजी के पहले स्टार मुक्केबाज थे जिनके एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक से छह बार की विश्व चैंपियन एम सी मैरीकॉम सहित कई इस खेल से जुड़ने के लिये प्रेरित हुए थे।

मैरीकॉम ने पीटीआई से कहा, 'वह रॉकस्टार थे, एक दिग्गज थे, एक योद्धा थे। मुझे याद है कि मैं मणिपुर में उनका मुकाबला देखने के लिये कतार में खड़ी रहती थी। उन्होंने मुझे प्रेरित किया। वह मेरे नायक थे। यह बहुत बड़ी क्षति है। वह बहुत जल्दी चले गये। ' डिंको को एक निडर मुक्केबाज माना जाता था। उन्होंने बैकाक एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक की अपनी राह में दो ओलंपिक पदक विजेताओं थाईलैंड के सोनताया वांगप्राटेस और उज्बेकिस्तान के तैमूर तुलयाकोव को हराया था जो उस समय किसी भारतीय मुक्केबाज के लिये बड़ी उपलब्धि थी।

दिलचस्प बात यह है कि उन्हें खेलों के लिये शुरुआती टीम में नहीं चुना गया था और विरोध दर्ज करने के बाद उन्हें टीम में लिया गया था।

ओलंपिक की तैयारियों में लगे मुक्केबाज विकास कृष्णन ने कहा, 'हमने एक दिग्गज खो दिया।' भारत के पहले ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने ट्वीट किया, ' इस क्षति पर मेरी हार्दिक संवेदना। उनका जीवन और संघर्ष हमेशा भावी पीढ़ियों के लिये प्रेरणास्रोत रहेगा। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि शोक संतप्त परिवार को दुख और शोक की इस घड़ी से उबरने के लिये शक्ति प्रदान करे। ' डिंको ने 1998 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और उन्हें उसी साल अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। खेलों में उनके योगदान के लिये उन्हें 2013 में पदम श्री से सम्मानित किया गया था।

भारतीय नौसेना में काम करने वाले डिंको मुक्केबाजी से संन्यास लेने के बाद कोच बन गये थे। वह भारतीय खेल प्राधिकरण के इम्फाल केंद्र में कोचिंग दिया करते थे लेकिन बीमारी के कारण बाद में अपने घर तक ही सीमित हो गये थे।

उन्हें पिछले साल कैंसर के लिये जरूरी रेडिएशन थेरेपी करने के लिये दिल्ली लाया गया था। पीलिया होने के कारण उनकी थेरेपी नहीं हो पायी थी। उन्हें वापस इंफाल भेज दिया गया लेकिन घर लौटने पर कोविड—19 से संक्रमित हो गये। जिसके कारण उन्हें एक महीना अस्पताल में बिताना पड़ा था।

Dingko Singh
asian games
Boxer

Related Stories

विश्व चैम्पियनशिप के बाद लवलीना और निकहत एशियाई खेलों के लिये भारतीय महिला मुक्केबाजी टीम में


बाकी खबरें

  • CORONA
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 15 हज़ार से ज़्यादा नए मामले, 278 मरीज़ों की मौत
    23 Feb 2022
    देश में 24 घंटों में कोरोना के 15,102 नए मामले सामने आए हैं। देश में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 28 लाख 67 हज़ार 31 हो गयी है।
  • cattle
    पीयूष शर्मा
    यूपी चुनाव: छुट्टा पशुओं की बड़ी समस्या, किसानों के साथ-साथ अब भाजपा भी हैरान-परेशान
    23 Feb 2022
    20वीं पशुगणना के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि पूरे प्रदेश में 11.84 लाख छुट्टा गोवंश है, जो सड़कों पर खुला घूम रहा है और यह संख्या पिछली 19वीं पशुगणना से 17.3 प्रतिशत बढ़ी है ।
  • Awadh
    लाल बहादुर सिंह
    अवध: इस बार भाजपा के लिए अच्छे नहीं संकेत
    23 Feb 2022
    दरअसल चौथे-पांचवे चरण का कुरुक्षेत्र अवध अपने विशिष्ट इतिहास और सामाजिक-आर्थिक संरचना के कारण दक्षिणपंथी ताकतों के लिए सबसे उर्वर क्षेत्र रहा है। लेकिन इसकी सामाजिक-राजनीतिक संरचना और समीकरणों में…
  • रश्मि सहगल
    लखनऊ : कौन जीतेगा यूपी का दिल?
    23 Feb 2022
    यूपी चुनाव के चौथे चरण का मतदान जारी है। इस चरण पर सभी की निगाहें हैं क्योंकि इन क्षेत्रों में हर पार्टी की गहरी हिस्सेदारी है।
  • Aasha workers
    वर्षा सिंह
    आशा कार्यकर्ताओं की मानसिक सेहत का सीधा असर देश की सेहत पर!
    23 Feb 2022
    “....क्या इस सबका असर हमारी दिमागी हालत पर नहीं पड़ेगा? हमसे हमारे घरवाले भी ख़ुश नहीं रहते। हमारे बच्चे तक पूछते हैं कि तुमको मिलता क्या है जो तुम इतनी मेहनत करती हो? सर्दी हो या गर्मी, हमें एक दिन…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License