NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कृषि
भारत
राजनीति
‘अस्थि कलश यात्रा’: लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए चार किसानों की अस्थियां गंगा समेत दूसरी नदियों में की गईं प्रवाहित 
12 अक्तूबर को लखीमपुर खीरी से यह कलश यात्रा शुरू हुई थी, यह देश के कई राज्यों में फिलहाल जारी है। उत्तर प्रदेश में ये यात्रा पश्चिमी यूपी के कई जिलों से निकली, जिनमें मुझफ्फरनगर और मेरठ जिले शामिल थे। 
अब्दुल अलीम जाफ़री
23 Oct 2021
UP Lakhimpur

उत्तर प्रदेश में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा अस्थि कलश यात्रा के आह्वान के बाद, किसान संगठन 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में जान गंवाने वाले किसानों की अंतिम क्रिया की राख और अस्थियां लेकर पूरे प्रदेश में निकले हैं। इस सिलसिले में शुक्रवार को सरसैय्या घाट पर गंगा में किसानों की अस्थियों को प्रवाहित किया गया। लखीमपुर से लेकर कानपुर तक इस यात्रा में दर्जनों जिलों को शामिल किया गया। अस्थियों को प्रवाहित करने के इस कार्यक्रम में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) और ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) के हज़ारों किसानों ने हिस्सा लिया। इनका नेतृत्व एआईकेएस के जिला अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह कर रहे थे। 

किसानों को श्रद्धांजलि देने के दौरान लोगों ने कानपुर के सरसैय्या घाट पर अस्थि कलश पर फूल चढ़ाए। वैदिक मंत्रों के बीच नेताओं ने अस्थियां गंगा में प्रवाहित कीं। बीकेयू पदाधिकारी, जो अस्थि कलश यात्रा में पहुंचे थे, उन्होंने कहा कि उनका प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा को हटाया नहीं जाता।

एसकेएम नेताओं के मुताबिक़, कलश यात्रा निकालने के पीछे उद्देश्य भारतीय जनता पार्टी की सरकार और उनके नेताओं द्वारा किए गए अत्याचारों का विरोध करना है। 

शुक्रवार को एसकेएम के बैनर तले कई किसानों ने लखीमपुर में मारे गए चार किसानों और एक पत्रकार को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद यह लोग अस्थियों के साथ बांदा से होते हुए खुटर पहुंचे। 23 अक्टूबर को यह कारवां निगोही औऱ तिहाड़ से होते हुए जलालाबाद पहुंचा। इसके बाद 24 अक्टूबर को इन अस्थियों को गंगा में प्रवाहित कर दिया गया था। 

किसानों ने किया दृढ़ निश्चय- पीछे नहीं हटेंगे

12 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी से शुरू हुई कलश यात्रा अभी कई राज्यों में प्रगति पर है। उत्तर प्रदेश में यह यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों से निकली। जैसे- मुझफ्फरनगर और मेरठ। मुझफ्फरनगर में अस्थियां तीर्थनगरी शुक्रताल में प्रवाहित की गईं। 

शुक्रताल गंगा में अस्थियों के विसर्जन के वक्त बड़ी संख्या में किसानों ने जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की। बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत जुलूस में पहुंचे और उन्होंने कहा, "लखीमपुर की घटना में हमारे किसानों ने शहादत दी है। किसानों की यह शहादत इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो चुकी है।"

नरेश टिकैत ने मांग करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को सरकार द्वारा सजा दी जाए और तीन कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। टिकैत ने कहा, "हम तभी पीछे हटेंगे, जब सरकार कृषि कानूनों को वापस लेगी।"

टिकैत ने सरकार पर दमनकारी योजनाओं को लागू करने का आरोप लगाते हुए कहा, "हम चाहते थे कि सरकार हमसे कृषि कानूनों पर बात करे। उस वक्त किसान वापस जाने के लिए तैयार थे। लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। अगर सरकार दो कदम पीछे खींचती है, तभी किसान आंदोलन एक कदम वापस लेने के बारे में सोचेगा।

एआईकेएस के राज्य सचिव मुकुट सिंह ने कहा कि यह कलश यात्राएं किसानों के निश्चय को पहले की तरह मजबूत कर रही हैं। 

सिंह ने न्यूज़क्लिक से कहा, "उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में यह कलश यात्रा भेजी जा चुकी है और किसान संगठन अपनी सहूलियत के हिसाब से जुलूस निकाल रहे हैं। एसकेएम के मुताबिक इस यात्रा को 24 अक्टूबर को खत्म होना था। इसकी वज़ह लखनऊ में 26 अक्टूबर को होने वाली महापंचायत है। चूंकि अब महापंचायत की तारीख़ 26 नवंबर की जा चुकी है, इसलिए इस महीने के आखिरी तक यात्राएं निकाली जाएंगी।" 

इस बीच एआईकेएस के बैनर तले किसानों ने आगरा के सुदराई गांव में भी अस्थियों का प्रवाह किया। वहां एआईकेएस नेता भारत सिंह और बच्चू सिंह ने एक शोक सभा का आयोजन भी करवाया। इसी तरह वाराणसी और रायबरेली में भी बीकेयू के बैनर तले गंगा और वरुणा नदी में अस्थियां प्रवाहित की गईं। 

एसकेएम प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा, "सभी राज्यों में ले जाने के बाद यह अस्थियां 24 अक्टूबर को गंगा में प्रवाहित की जाएंगी। हमने लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया में गुरुद्वारा कमेटी की ज़मीन पर किसानों के सम्मान में मेमोरियल बनाने पर भी चर्चा की है।

3 अक्टूबर को तीन कृषि कानूनों पर एक विरोध प्रदर्शन के दौरान 4 किसानों, एक पत्रकार समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, किसान संगठनों का आरोप है कि उनके मालिकाना हक वाला वाहन किसानों पर चढ़ाया गया। किसान संगठनों और विपक्षी पार्टियों की मांग है कि अजय मिश्रा को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाया जाए, क्योंकि उनके मंत्री रहते मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हो पाएगी।

इस लेख को मूल अंग्रेजी में पढ़ने के लिए नीचे दिेए लिंक पर क्लिक करें।

'Asthi Kalash Yatra': Ashes of Four Farmers Killed in Lakhimpur Kheri Violence Immersed In Ganga and Other Holy Rivers

Kalash Yatra
Farmers Ashes
Lakhimpur Kheri
SKM Kalash Yatra

Related Stories


बाकी खबरें

  • समीना खान
    विज्ञान: समुद्री मूंगे में वैज्ञानिकों की 'एंटी-कैंसर' कम्पाउंड की तलाश पूरी हुई
    31 May 2022
    आख़िरकार चौथाई सदी की मेहनत रंग लायी और  वैज्ञानिक उस अणु (molecule) को तलाशने में कामयाब  हुए जिससे कैंसर पर जीत हासिल करने में मदद मिल सकेगी।
  • cartoon
    रवि शंकर दुबे
    राज्यसभा चुनाव: टिकट बंटवारे में दिग्गजों की ‘तपस्या’ ज़ाया, क़रीबियों पर विश्वास
    31 May 2022
    10 जून को देश की 57 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं, ऐसे में सभी पार्टियों ने अपने बेस्ट उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। हालांकि कुछ दिग्गजों को टिकट नहीं मिलने से वे नाराज़ भी हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    यूक्रेन: यूरोप द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाना इसलिए आसान नहीं है! 
    31 May 2022
    रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाना, पहले की कल्पना से कहीं अधिक जटिल कार्य साबित हुआ है।
  • अब्दुल रहमान
    पश्चिम बैन हटाए तो रूस वैश्विक खाद्य संकट कम करने में मदद करेगा: पुतिन
    31 May 2022
    फरवरी में यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूस पर एकतरफा प्रतिबंध लगाए हैं। इन देशों ने रूस पर यूक्रेन से खाद्यान्न और उर्वरक के निर्यात को रोकने का भी आरोप लगाया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट
    31 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,338 नए मामले सामने आए हैं। जबकि 30 मई को कोरोना के 2,706 मामले सामने आए थे। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License