NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
पाकिस्तान
पाकिस्तान में चट्टान के खिसकने से क़रीब बीस खनिक मारे गए
ये घटना पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आदिवासी मोहमंद ज़िले में संगमरमर की खदान पर हुई।
पीपल्स डिस्पैच
09 Sep 2020
पाकिस्तान

पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक बड़ी दुर्घटना में संगमरमर की खदान में एक चट्टान के गिरने से कम से कम 20 श्रमिकों की मौत हो गई है। ये घटना आदिवासी मोहमंद ज़िले में 8 सितंबर को हुई जिसमें कई श्रमिक फंस गए थे। माना जाता है कि मलबे के नीचे दर्जनों श्रमिक फंसे हुए हैं जिसके चलते हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार रात को भारी बोल्डर गिरने के बाद मोहनंद ज़िले के ज़ियारत घर इलाक़े में दर्जनों खनिक फंस गए। छह इकाइयों पर प्रसिद्ध संगमरमर की खान के ढहने से कम से कम बीस खनिक घायल हो गए और लगभग पच्चीस अन्य के अभी भी फंसे होने की संभावना है। उन्हें निकालने के लिए राहत कार्य जारी था।

खदान से संबंधित ये दुर्घटनाएं पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में अक्सर होती हैं, जहां सैकड़ों खनिक हर साल कार्य स्थल पर अपनी जान गंवाते रहते हैं। पाकिस्तान सेंट्रल माइंस लेबर फेडरेशन का कहना है कि खदान से संबंधित दुर्घटनाओं में पाकिस्तानी अधिकारियों की लापरवाही के कारण हर साल 100 से 200 मज़दूरों की मौत हो जाती है।

मज़दूरों को अक्सर सुरक्षा के बिना 10 घंटे से अधिक समय तक काम करने को मजबूर किया जाता है जो पाकिस्तान के श्रम क़ानूनों का उल्लंघन है। कई बार श्रमिकों को लंबे समय तक काम करने के बाद पहाड़ों के नीचे आराम करते पाया गया है।

इससे पहले जुलाई महीने में बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के विभिन्न क्षेत्रों में कम से कम 17 कोयला खनिकों की मौत हो गई थी। इससे पहले जनवरी और फरवरी महीने में बलूचिस्तान के डूकी और खैबर पख्तूनख्वा के तिराह क्षेत्र में तीन अलग-अलग खदान से संबंधित घटनाओं में कम से कम पांच कोयला खनिकों की मौत हो गई थी।

उस समय बलूचिस्तान लेबर फेडरेशन ने संघीय सरकार और खदान मालिकों को देश में कोयला खनिकों की दुर्दशा को ध्यान में नहीं रखने के लिए दोषी ठहराया था जो बड़े पैमाने पर शोषण और जीवन के जोखिम का सामना कर रहे हैं।

पाकिस्तान में स्थित लेबर यूनियनों का कहना है कि देश के पहाड़ों से संगमरमर निकालने की प्रक्रिया "डायनामाइट के माध्यम से विस्फोट करने की मध्यकालीन तकनीक" का उपयोग करके किया जाता है जिससे बड़े पैमाने पर घटना होती है।

 

Pakistan
pakistan miners
miners dead in pakistan

Related Stories

जम्मू-कश्मीर के भीतर आरक्षित सीटों का एक संक्षिप्त इतिहास

पाकिस्तान में बलूच छात्रों पर बढ़ता उत्पीड़न, बार-बार जबरिया अपहरण के विरोध में हुआ प्रदर्शन

रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं

शहबाज़ शरीफ़ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री निर्वाचित

कार्टून क्लिक: इमरान को हिन्दुस्तान पसंद है...

इमरान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए पाक संसद का सत्र शुरू

पकिस्तान: उच्चतम न्यायालय से झटके के बाद इमरान ने बुलाई कैबिनेट की मीटिंग

पाकिस्तान के राजनीतिक संकट का ख़म्याज़ा समय से पहले चुनाव कराये जाने से कहीं बड़ा होगा

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के पीछे क्या कारण हैं?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License