NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
बीएचयू सीएए विरोध : नोटिस मिलने के बाद भी नहीं डरे छात्र-छात्राएँ, जारी है विरोध
छात्रों ने यह कहकर नोटिस को लेने से इनकार कर दिया कि नागरिकता संशोधन क़ानून व एनआरसी का विरोध करने से रोकना नागरिक के मूलभूत अधिकारों का हनन है।
रिज़वाना तबस्सुम
03 Feb 2020
BHU

बीते 19 नवंबर 2019 को जेएनयू में फ़ीस वृद्धि का विरोध कर रहे छात्रों के ऊपर हुई लाठीचार्ज के विरोध में ‘नरेंद्र मोदी शिक्षा विरोधी’ के बैनर तले बीएचयू के कुछ छात्रों ने विश्वनाथ मंदिर से लंका गेट तक मार्च किया था। जिसके बाद जनवरी में छात्रों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए बीएचयू प्रशासन ने 9 लोगों को नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस में छात्रों पर एक्शन लेने और कार्रवाई करने की मांग की गई है। छात्रों का कहना है छात्र-छात्राओं को नोटिस में गुमराह बताया गया है और चिन्हित लोगों को ही नोटिस दिया है।

नोटिस_0.jpg

नोटिस 2_0.jpg

बीएचयू प्रशासन के इस रवैये के ख़िलाफ़ छात्र बुरी तरह आक्रोशित हैं। जिन छात्रों को नोटिस मिला है उन्होंने ना सिर्फ़ बीएचयू प्रशासन की आलोचना की बल्कि इस नोटिस को भी जला दिया। छात्र-छात्राओं का कहना है कि बीएचयू का यह क़दम हमें डराने के लिए है, हम प्रशासन के इस क़दम से बिलकुल भी डरने वाले नहीं है। बीएचयू प्रशासन द्वारा दिए गए नोटिस के बाद भी कैंपस में छात्रों का कार्यक्रम लगातार जारी है।

बीएचयू की छात्रा आकांक्षा कहती हैं, "पिछले सितंबर-अक्टूबर में भगत सिंह छात्र मोर्चा (स्टूडेंट ग्रुप) ने छात्र संघ, 24/7 लाइब्रेरी, रीडिंग रूम आदि के लिए 8 दिनों की भूख हड़ताल भी की थी। हम सभी लोग देश-विदेश के सभी मामलों को लेकर मुखर रहे हैं। इसी क्रम में 19 नवंबर 2019 में फ़ीस वृद्धि का विरोध करने पर जेएनयू के छात्रों पर बर्बरता से लाठी चार्ज किया गया था तो देश के सभी विश्वविद्यालयों ने इसका विरोध किया तथा बीएचयू भी इससे अछूता नहीं रहा। भगत सिंह छात्र मोर्चा तथा अन्य सहयोगी संगठनों ने सरकारी हिंसा का 'नरेन्द्र मोदी शिक्षा विरोधी' के बैनर तले जमकर विरोध किया था। अब जाकर बीएचयू  प्रशासन ने दो महीने बाद मोदी सरकार द्वारा लाए जा रहे शिक्षा विरोधी क़दम का विरोध करने के कारण छात्र-छात्राओं को चेतावनी नोटिस थमा दिया है।"

आपको बता दें कि सितंबर-अक्टूबर में छात्र संघ, 24/7 लाइब्रेरी, रीडिंग रूम आदि के लिए 8 दिनों का भूख हड़ताल में आकांक्षा भी भूख हड़ताल पर थीं। आठ दिन के बाद बीएचयू प्रशासन ने इनकी कुछ बातें मान ली थी, जिसके बाद भूख हड़ताल को ख़त्म कर दिया गया था।

नवंबर महीने की एक घटना को याद करते हुए विश्वनाथ कुमार कहते हैं, "19 नवंबर के मार्च के दौरान भी एबीवीपी के पतंजलि पांडेय और अरुण चौबे सहित अन्य ने शांतिपूर्ण मार्च में शामिल लड़के-लड़कियों पर हमला किया था। उनके साथ गाली गलौज और धक्का मुक्की की थी। लेकिन प्रशासन ने उनको कोई नोटिस नहीं दिया। हम लोग जो देश में हो रही तमाम घटनाओं पर आवाज़ बुलंद करते हैं तो उसके लिए हमें नोटिस दे दिया गया है।"

छात्र-छात्राओं को दिये गए नोटिस के बारे में जब बीएचयू प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई तो कोई बात नहीं हो पाई। बीएचयू के जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह से कई बार संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने बात नहीं की।

नोटिस जलाते छात्र.jpg

बीएचयू के के छात्र और भगत सिंह छात्र मोर्चा के सदस्य अनुपम कुमार कहते हैं, "मुझे और मेरे कुछ साथियों आयुषी भूषण, शुभम अहाके, नीतीश कुमार और कुछ अन्य लोगों को दिसंबर महीने में स्थानीय थाना की तरफ़ से एक नोटिस दिया गया था, जिसमें शहर में धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए नागरिकता संशोधन क़ानून व एनआरसी का विरोध नहीं करने की बात कही गयी थी। अन्यथा पुलिस कार्रवाई की बात कही गयी थी। हम लोगों ने यह कहकर नोटिस को लेने से इनकार कर दिया कि नागरिकता संशोधन क़ानून व एनआरसी का विरोध करने से रोकना नागरिक के मूलभूत अधिकारों का हनन है।"

छात्रों को नोटिस मिलने के बाद बीएचयू में लगातार कार्यक्रम हो रहे हैं। दो दिन पहले क्रांतिकारी बंशीधर उर्फ़ चिंतन दा जीवन और संघर्षों को विस्तार से जानने के लिए एक "स्मृति सभा" का आयोजन किया गया था। आपको बता दें कि चिंतन दा एक पेशेवर क्रांतिकारी थे। इन्होंने अपना पूरा जीवन किसानों- मज़दूरों व मेहनतकशों के बीच गुज़ारा, ताकि एक समतामूलक समाज का निर्माण किया जा सके। साथ ही साथ ये एक कठोर अनुशासन का पालन करने वाले व्यक्ति थे। 6 जनवरी 2020 को इनकी मृत्यु हो गई थी।

इसके अलावा रविवार को बीएचयू में भारत लेनिन बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा की जयंती मनाई गई थी।

BHU
BHU protest
CAA
NRC
Protest against CAA
Protest against NRC
Citizenship Amendment Act
JNU Fee Hike
Narendra modi
BJP

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन
    20 May 2022
    मुंडका, नरेला, झिलमिल, करोल बाग से लेकर बवाना तक हो रहे मज़दूरों के नरसंहार पर रोक लगाओ
  • रवि कौशल
    छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस
    20 May 2022
    प्रचंड गर्मी के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
  • Worship Places Act 1991
    न्यूज़क्लिक टीम
    'उपासना स्थल क़ानून 1991' के प्रावधान
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा विवाद इस समय सुर्खियों में है। यह उछाला गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर क्या है? अगर मस्जिद के भीतर हिंदू धार्मिक…
  • सोनिया यादव
    भारत में असमानता की स्थिति लोगों को अधिक संवेदनशील और ग़रीब बनाती है : रिपोर्ट
    20 May 2022
    प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में परिवारों की आय बढ़ाने के लिए एक ऐसी योजना की शुरूआत का सुझाव दिया गया है जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, पारिवारिक विशेषताओं…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना
    20 May 2022
    हिसार के तीन तहसील बालसमंद, आदमपुर तथा खेरी के किसान गत 11 मई से धरना दिए हुए हैं। उनका कहना है कि इन तीन तहसीलों को छोड़कर सरकार ने सभी तहसीलों को मुआवजे का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License