NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
भारत
राजनीति
बीएचयू: हमले के बाद दलित प्रोफेसर बोले, पढ़-लिख कर भी मनुवादी लोगों की सोच नहीं बदली
प्रोफेसर शांतिलाल सालवी का कहना है कि उन पर हमला साजिश के तहत किया गया है। इस मामले में उन्होंने बीएचयू के साहित्य विभाग, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के विभागाध्यक्ष कोश्लेंद्र पाण्डेय के खिलाफ लंका थाने में एफ़आईआर करवाई है।
रिज़वाना तबस्सुम
10 Dec 2019
BHU

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्र-शिक्षक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुस्लिम प्रोफेसर नियुक्ति विवाद के बाद अब दलित सहायक प्रोफेसर शांतिलाल सालवी पर हमले की खबर सामने आई। प्रोफेसर शांतिलाल सालवी का कहना है कि 9 दिसंबर सोमवार को कुछ छात्रों ने उन्हें फिरोज़ खान का समर्थक बता कर हमला कर दिया, जिसके बाद वह किसी तरह जान बचाकर भागे।

इस हमले के संबंध में बीएचयू के प्रोफेसर शांतिलाल सालवी ने विस्तार से अपनी बात रखी...

"करीब सैकड़ों बच्चों ने मुझे मारने के लिए दौड़ाया”

प्रोफेसर शांतिलाल सालवी का कहना है कि दोपहर के वक्त जब वे अपने कक्ष में थे तो कुछ छात्र आए और उन्होंने संकाय बंद करने की बात करते हुए संकाय से बाहर जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा, 'जब मैं बाहर निकला तब कुछ बाहरी लोग और एक अन्य छात्र शुभम तिवारी और चार-पांच मेरे खिलाफ नारेबाजी करने लगे कि सालवी चोर है और जातिसूचक शब्दों का भी प्रयोग किया और मुझे मारने के लिए दौड़ा लिया।'

सालवी के मुताबिक "मैं चार सौ मीटर दौड़कर किसी तरह जान बचाकर भागा। एक बाइक वाले से लिफ्ट लेकर प्रॉक्टर ऑफिस पहुंचा, जहां पर मैंने खुद को सुरक्षित किया।”

विभाग के प्रोफेसर की है साजिश

प्रोफेसर शांतिलाल कहते हैं, 'बच्चों को जो सिखाया जाएगा वो तो वही करेंगे, पहले से ये साजिश थी। हमारे यहाँ कोशलेन्द्र पाण्डेय हैं पूर्व विभागाध्यक्ष हैं हमारे विभाग में ही हैं। उसने बच्चों का दिमाग पूरी तरह से वाश किया था। मेरी पत्नी का नाम सकीना है, वो हिन्दू है, उसने कहा कि सकीना मुस्लिम है जो फिरोज खान की बहन लगती है। शांतिलाल का साला है फिरोज खान। कहीं से ये मिला हुआ है। इसलिए ये लड़का (फिरोज खान) आया है। इस तरह से उस प्रोफेसर ने बच्चों का दिमाग वाश करके रखा हुआ है।'

letter_2.jpg

जब मैं पहली बार यहाँ पार आया था उस समय भी यही कोश्लेंद्र पाण्डेय ने पूछा था कि, 'आपकी जाति क्या है।' उसके बाद कुछ समय बाद मेरी पत्नी यहीं से पीएचडी की। मेरी पत्नी का नाम सकीना है तो इसकी वजह से उसने कहा कि इसकी पत्नी तो मुस्लिम है इसको पीएचडी मत कराओ, ये बात मुझे सुपरवाइज़र ने बताई कि 'ऐसी-ऐसी बात है लेकिन हम जानते हैं कि आप हिन्दू हैं, कोई दिक्कत नहीं है आप कर सकते हैं।' इसके बाद कोश्लेंद्र पाण्डेय मुझसे कहते हैं कि 'आपकी पत्नी का नाम सकीना है। आप पकिस्तान में चले गए थे क्या शादी करने के लिए।' हमने कहा कि, 'नहीं ऐसी बात नहीं है, वो हिन्दू है बस नाम सकीना है।'
आठ साल में ऐसा पहली बार हुआ

मैं आठ साल से (26 फरवारी 2011) यहाँ पढ़ा रहा हूँ, मुझे पहले कभी भी यहाँ पर असुरक्षा की भावना महसूस नहीं हुई। हम तो इतने साल से पढ़ा रहे हैं हमारे साथ तो पहले कभी ऐसा हुआ नहीं। यहाँ एक दलित टीचर हैं जो वेद पढ़ा रहे हैं, उनके साथ भी इतने साल से कभी कुछ हुआ नहीं तो अब कैसे हो रहा है?

मैं पिछले आठ साल से इस फ़ैकल्टी में पढ़ा रहा हूँ। ये लोग धर्म-धर्म करके दूसरी बात बीच में ला रहे हैं। बात ये हैं कि यहाँ पर सारे वही लोग हैं वही लगे हुए हैं जिनके पिता जी यहाँ पहले प्रोफेसर थे। ये लोग चाहते हैं कि दूसरे लोग यहाँ पर प्रवेश नहीं करे। यही लोग बच्चों को भड़का रहे हैं और वहीं मुख्य रूप से काम करवा रहे हैं।

कुछ दिन पहले बीच में भी कोश्लेंद्र पाण्डेय ने सभी लोगों के (संकाय के प्रोफेसर के) बीच कहा था कि, 'ये मुस्लिम है सब इसी की वजह से हो रहा है, ये बात भी मैंने कुलपति जी को बताई कि ऐसे-ऐसे कहा जाता है। तो कुलपति ने मुझे कहा कि, 'आपके पास क्या प्रमाण हैं? मैंने बोल दिया, कि यहाँ के जो ब्राह्मण प्रोफेसर हैं वही लोग मुझे बता रहे हैं, आप उनसे पूछ सकते हैं। वो तो गवाही देने के लिए भी तैयार हैं (मेरे पक्ष में)। ये सब कुछ नहीं है, बस यहाँ कि साजिश है कि, 'यहाँ ब्राह्मण के अलावा और कोई न आए।'

फिरोज का तो प्रकरण अलग है, वो मुस्लिम है। हम कौन से मुस्लिम हैं? हम तो हिन्दू हैं आप हमारे साथ क्यों कर रहे हैं? यहाँ के ब्राह्मण प्रोफेसर के दिमाग में ब्राह्मणवाद घुसा हुआ है और वो लोग चाहते हैं कि हमारे अतिरिक्त और कोई यहाँ आए नहीं। इस तरह से इनकी सोच है। प्रोफेसर कोश्लेंद्र पाण्डेय हैं जो मुख्य रूप से इसमें सक्रिय है। यही पूरा काम करवा रहे हैं।

हमला करने वाले बच्चे मेरे पढ़ाए हुए नहीं

मैं यहाँ संस्कृत साहित्य पढ़ाता हूँ और हमला करने वाले दूसरे विभाग के बच्चे हैं। मेरे पढ़ाए हुए सभी बच्चे मुझे बचाने के लिए दौड़कर मेरे पास आए थे लेकिन मैं तब तक एक बाइक वाले से लिफ्ट लेकर वहाँ से भाग गया। मेरी पढ़ाई से कभी लड़कों को असंतुष्टि हुई नहीं, अगर होती तो इतने साल में बहुत कुछ हो जाता। जब आठ साल में कोई शिकायत नहीं हुई। बस साजिश हुई है इसलिए बच्चे ऐसा कर रहे हैं। लेकिन सभी लोग मारने होते ना नहीं हो कुछ लोग तो बचाने वाले होते हैं न।

फिरोज़ खान, बेचारा लड़का कितना यातना सहेगा, अभी नया-नया है। इतना दूर से आया है। इस तरह से ये लोग मेरे ऊपर हावी हो गए तो कल उसको मार सकते थे। मैं तो इसलिए बच गया कि कुछ टीचर लोग मेरे साथ में हैं।

प्रोफेसर शांतिलाल ने बताया कि, 'कुलपति ने कहा कि, कमेटी हम बैठा रहे हैं जांच की जाएगी। प्रोसेस हो रही है। हमें दो तीन दिन का समय दीजिए। हमने दौड़ाने वाले बच्चों और कोश्लेंद्र पाण्डेय के खिलाफ लंका थाने में एफ़आईआर करा दी है।'

(लेखिका स्वतंत्र पत्रकार हैं। न्यूज़क्लिक किसी भी आरोप की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं करता है।)

BHU
Attack on dalits
Attack on Professor
मनुवादी
Professor Shantilal Salvi
Religion Politics
hindu-muslim
Professor Feroz Khan

Related Stories

इफ़्तार को मुद्दा बनाने वाले बीएचयू को क्यों बनाना चाहते हैं सांप्रदायिकता की फैक्ट्री?

बीएचयू: लाइब्रेरी के लिए छात्राओं का संघर्ष तेज़, ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ हटाने की मांग

बीएचयू : सेंट्रल हिंदू स्कूल के दाख़िले में लॉटरी सिस्टम के ख़िलाफ़ छात्र, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

EXCLUSIVE: ‘भूत-विद्या’ के बाद अब ‘हिंदू-स्टडीज़’ कोर्स, फिर सवालों के घेरे में आया बीएचयू

बीएचयू में कौन खड़ा कर रहा शायर अल्लामा इक़बाल के पोस्टर पर बितंडा?

मोदी जी! विकलांग को दिव्यांग नाम नहीं, शिक्षा का अधिकार चाहिए

आख़िर यूजीसी पर शिक्षा के भगवाकरण का आरोप क्यों लग रहा है?

बीएचयू: प्रवेश परीक्षा के ख़िलाफ़ ‘छात्र सत्याग्रह’ जारी, प्रशासन का किसी भी विरोध से इंकार

जेएनयू हमला : डीयू से लेकर आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी तक विरोध प्रदर्शन

बीएचयू : आखिरकार फिरोज़ खान ने दिया इस्तीफ़ा, लेकिन सवाल अभी बाक़ी!


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने " प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन" नाम से रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन ब्यौरे का जिक्र है जो यह बताता है कि कोरोना महामारी के दौरान जब लोग दर्द…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    हैदराबाद फर्जी एनकाउंटर, यौन हिंसा की आड़ में पुलिसिया बर्बरता पर रोक लगे
    26 May 2022
    ख़ास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बातचीत की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर से, जिन्होंने 2019 में हैदराबाद में बलात्कार-हत्या के केस में किये फ़र्ज़ी एनकाउंटर पर अदालतों का दरवाज़ा खटखटाया।…
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   
    26 May 2022
    बुलडोज़र राज के खिलाफ भाकपा माले द्वारा शुरू किये गए गरीबों के जन अभियान के तहत सभी मुहल्लों के गरीबों को एकजुट करने के लिए ‘घर बचाओ शहरी गरीब सम्मलेन’ संगठित किया जा रहा है।
  • नीलांजन मुखोपाध्याय
    भाजपा के क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करने का मोदी का दावा फेस वैल्यू पर नहीं लिया जा सकता
    26 May 2022
    भगवा कुनबा गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का हमेशा से पक्षधर रहा है।
  • सरोजिनी बिष्ट
    UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश
    26 May 2022
    21 अप्रैल से विभिन्न जिलों से आये कई छात्र छात्रायें इको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। ये वे छात्र हैं जिन्होंने 21 नवंबर 2021 से 2 दिसंबर 2021 के बीच हुई दरोगा भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License